-दिल्ली दर्पण ब्यूरो
दिल्ली। देश के जाने माने कारोबारी और गारमेंट इंडस्ट्री के विशेषज्ञ डॉ रिखब चंद जैन ने देश में सट्टा कारोबार के कारण पिछले तीन महीने में 80 प्रतिशत तक बढ़ी कपास की कीमतों कि ओर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान आकर्षित करते हुए पत्र लिखा है और साथ ही अपील की है कि प्रधान मंत्री इस पर तत्काल करवाई करे तो टेक्सटाइल इंडस्ट्री उनकी ऋणी रहेगी।
डॉ जैन ने कहा कि यदि एमसीएक्स और एनवाईसीई पर सटोरियों द्वारा कपास और कपास की हैजिंग और ट्रेडिंग नहीं रोकी गयी तो पॉवरलूम ,होजरी और अपैरल इंडस्ट्री का तबाह होना तय है। जानी मानी गरमेंट कंपनी टीटी इंडस्ट्री के चैयरमैन डॉ रिखब चंद जैन ने अपने पत्र में कहा कि केंद्रीय कपड़ा और रेल मंत्री पियूष गोयल ने 18 नवम्बर 2021 को इंडस्ट्री से जुड़े सभी हितधारकों की बैठक में रॉकेट की गति से बढ़ रही कपास की कीमतों पर चर्चा की गयी थी। चर्चा में इस बात पर हैरानी व्यक्त की गयी थी की दुनिया में कपास की फसल में कही कोई कमी नहीं है। पिछले चार सप्ताह से कपास का निर्यात भी बंद है। बावजूद इसके यदि कपास की कीमतें आसमान छू रही है तो इसकी वजह केवल सट्टा कारोबार ही है। कपास की तेज़ी से बढ़ रही कीमतों की वजह से गारमेंट का निर्यात भी रुकने वाला है।
डॉ जैन ने कहा की बहुराष्ट्रीय कंपनियां और देश के जमाखोर और सट्टेबाज पैसा बनाने के लिए भारतीय कपड़ा उद्योग को तबाह करने में लगे हुए है। कपास के साथ साथ अन्य अक्सेसरीज़ के दाम भी प्रतिदिन बढ़ रहे है। ओमीक्रॉन और कोरोना जैसे नए वायरस ने देश के घरेलु बिक्री बाजार को भी गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अपने पत्र में डॉ जैन ने हाल ही में सात कृषि जीन्स के लिए एमसीएक्स में हेजिंग पर सरकार द्वारा रोक लगाए जाने का तो स्वागत किया लेकिन साथ ही कहा कि सरकार को MCX और NYCE पर प्रतिबंध लगाने के लिए कपास को शामिल किया जांचा चाहिए था। यदि ऐसा होता तो सट्टेबाज कपास की कीमतों का अनुमान नहीं लगा पाते और इस उद्योग को इतना नुक्सान नहीं उठाना पड़ता। उन्होंने कहा की अभी भी सरकार तबाह होते देशी उद्योग पर ध्याना दें तो कारोबारी प्रधान मंत्री के आभारी ही नहीं ऋणी रहेंगी।