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नई दिल्ली। राजधानी में शराब की कीमतों में छूट को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने आबकारी आयुक्त के आदेश पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज करने वाले सिंगल जज बेंच के आदेश को चुनौती देने वाली शराब विक्रेताओं की याचिकाओं पर मंगलवार को नोटिस जारी किया।
सोमवार को जस्टिस मुक्ता गुप्ता और नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया जिसे दिल्ली सरकार के वकील ने स्वीकार कर लिया। बेंच ने याचिका को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
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याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी के वकील ने तर्क दिया कि शराब विक्रेताओं को नई आबकारी नीति के अनुसार छूट देने का अधिकार है और जब इसे शुरू किया गया है तो सरकार नियम नहीं बदल सकती है। उन्होंने कहा कि यह नवंबर में शुरू हुआ था। यदि आप नियम बदलना चाहते हैं, तो मेरा लाइसेंस शुल्क वापस कर दें। आदेश पारित हुए दो सप्ताह हो गए हैं। बिक्री 50 प्रतिशत नीचे आ गई है।
जस्टिस वी. कामेश्वर राव ने आवेदनों को खारिज कर दिया और कहा कि इस अदालत का विचार है कि इन आवेदनों में याचिकाकर्ताओं द्वारा किए गए आग्रह को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। प्रतिवादियों को एक सप्ताह के भीतर रिट याचिकाओं पर विस्तृत जवाबी हलफनामा दायर करने का समय दिया जाता है। उसके बाद एक सप्ताह के भीतर प्रत्युत्तर। आवेदन खारिज कर दिए जाते हैं।
जस्टिस राव ने आगे कहा था कि मैं डॉ. सिंघवी की दलील से सहमत हूं क्योंकि आक्षेपित आदेश के किसी भी स्थगन से बाजार में विकृतियां और उसके बाद के परिणाम होंगे।
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