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नई दिल्ली। पंजाब में एक बड़ी जीत हासिल करने के बाद हरियाणा में भी पूर्व विधायकों और विभिन्न दलों के नेताओं का रुख आम आदमी पार्टी की ओर हो रहा है। लेकिन आम आदमी पार्टी के चीफ व दिल्ली के मुख्यमंंत्री की लक्ष्मणरेखा के कारण कई विधायक दुविधा में पड़ गए हैं।
आम आदमी पार्टी की पालिसी ‘ एक विधायक-एक पेंशन’ ने हरियाणा के पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों की मुश्किल बढ़ा दी है, जो अपने-अपने मौजूदा दलों में अहमियत नहीं मिलने की वजह से अरविंद केजरीवाल के पाले में आने की कोशिश में हैं। प्रदेश में हाल-फिलहाल विधानसभा से 262 पूर्व विधायक और पूर्व मंत्री पेंशन ले रहे हैं। इनमें काफी पूर्व विधायक ऐसे हैं, जो उम्रदराज हो चुके और बहुत से पूर्व विधायक अपने राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए आम आदमी पार्टी की तरफ देख रहे हैं।
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इन पूर्व विधायकों को 2018 में करीब 23 करोड़ रुपये की पेंशन मिलती थी, जो अब बढ़कर 31 करोड़ रुपये के आसपास हो गई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने एक विधायक-एक पेंशन का सिद्धांत लागू कर दिया है। हालांकि आम आदमी पार्टी के कई मौजूदा विधायक अपनी पार्टी के इस फैसले से कतई खुश नहीं हैं, लेकिन नई-नई सरकार में साझीदार यह विधायक चाहकर भी अपने नेता की नीति का विरोध नहीं कर पा रहे हैं।
हरियाणा में किसी विधायक या पूर्व विधायक को यह उम्मीद नहीं थी कि पंजाब में लागू इस नीति का उन पर भी असर पड़ सकता है। हाल ही में अपनी बेटी चित्रा सरवारा के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने अपनी चार में से तीन पेंशन छोड़कर हरियाणा के उन नेताओं के लिए मुश्किल पैदा कर दी, जो आम आदमी पार्टी में शामिल होने का इरादा रखते हैं।
हरियाणा में कई मौजूदा विधायक ऐसे हैं, जो 2024 के चुनाव के समय पूर्व हो जाएंगे। कुछ विधायक दूसरी बार चुनकर आए हैं। उनकी गिनती उन 263 पूर्व विधायकों में बढ़ जाएगी, जो अभी विधानसभा से पेंशन ले रहे हैं। कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जिनके परिवार का गुजारा सिर्फ अपनी पेंशन पर ही चलता है।
ऐसे में उन्हें आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा। हालांकि पेंशन की राशि और सुरक्षित भविष्य में से यदि उन्हें कोई एक चुनना पड़े तो पार्टी में शामिल होना उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है,
इस मुद्दे पर दो राज्यों के सीएम आमने-सामने हो गए हैं। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की एक विधायक-एक पेंशन की सलाह पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल की बुद्धि ठीक नहीं है। इसलिए उन्हें पानीपत में गुरु तेग बहादुर जी के 400वें सालाना प्रकाश पर्व पर आना चाहिए। यदि वे आएंगे तो उनकी बुद्धि ठीक हो जाएगी।
इससे पहले केजरीवाल ने निर्मल सिंह के अपनी पेंशन छोड़ने के ऐलान पर कहा था कि हम लोग राजनीति में सेवा के लिए आए हैं, पैसे कमाने नहीं।
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