Friday, November 8, 2024
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शांति के रास्ते पर चलकर ही किया जा सकता है, देश और समाज का विकास : रामदास अठावले 

अमेरिका यूनिवर्सिटी और फॉर्म फॉर एंटी करप्शन ने दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में आयोजित की सेमिनार, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले थे मुख्य अतिथि, अमेरिकन यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षाविद , न्यायविद , वकील, धर्मगुरु, समाजसेवी और खिलाड़ियों ने व्यक्त किये विचार

दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।
अमेरिका यूनिवर्सिटी और फॉर्म फॉर एंटी करप्शन ने दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में शांति के रास्ते से समाज और राष्ट्र का विकास संभव विषय पर एक बेहद रोचक सेमिनार का आयोजन किया। सेमिनार  में मुख्य रूप से यह बात निकल कर सामने आई कि आज के अशांत दौर में दुनिया में शांति के बड़ी जरुरत है। वक्ताओं ने कहा कि दुनिया में शांति कायम करने के लिए हम खुद को शांत रखें। आज हर क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोगों को अपने-अपने स्तर से खुद शान्ति दूत की भूमिका निभाने की जरूरत है। सेमिनार में मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले थे।

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रामदास अठावले ने भी जब चुटीले अंदाज में चर्चा की तो पूरा हॉल हंसी ठहाके से गूंज उठा। उनका भी मानना था कि देश और समाज का विकास शांति का रास्ता अपनाकर ही किया जा सकता है। कार्यक्रम में कई सांसदों की गरिमामय मौजूदगी रही। इस सेमिनार में अमेरिकन यूनिवर्सिटी से जुड़े शिक्षाविद , न्यायविद , वकील, धर्मगुरु, समाजसेवी और खिलाडियों ने भी विचार व्यक्त किये। सभी वक्ताओं का मानना था कि आज के दौर में शांति ही विकास का रास्ता है। जेल सुधार की बात करे बिना बेमानी : सेमिनार में अपने-अपने क्षेत्र के वक्ताओं ने अपने-अपने अनुभव के हिसाब से शान्ति प्राप्त करने का रास्ता बताया। वर्षों से जेल सुधारों की दिशा में काम कर रहीं डॉ. इंदिरा मिश्रा ने कहा कि जब तक जेल सुधार की बात न  की जाये तब तक शान्ति की बात करना बेमानी है। उधर अध्यात्म के क्षेत्र में काम कर रहीं कृष्णांगी गोमती ने कहा की आज युवाओं में संस्कारों की कमी भी अशांति का एक प्रमुख कारण है। आज जिसकी आवश्यकताएं जितनी कम है वह उतना संतुष्ट सुखी और शांत है।  


शांति कायम करने में  खिलाड़ियों का विशेष महत्व : शांति को बढ़ावा केवल शिक्षविद, धर्मगुरु और समाज सेवक ही नहीं दे रहे हैं बल्कि खिलाड़ी भी देश विदेश में जाकर शान्ति का सन्देश देते हैं। शांति को बढ़ावा देने वाले इस आयोजन में शांति स्थापित करने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया। ये खिलाड़ी भी मानते हैं कि युद्ध में केवल विनाश ही होता है, जबकि शान्ति में जाता कुछ नहीं जाता है। इस मौके पर पेशे से एयर होस्टेस  व राष्ट्रीय एम्पायर मधु पांडेय ने भी कहा की युद्ध से विनाश होता है, जबकि शान्ति कोइ नुकसान नहीं होता है।  
मुस्लिम बुद्धिजीवी भी हे शामिल : कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मुस्लिम बुद्धिजीवी भी शामिल हुए। इन बुद्धिजीवियों ने कहा कि देश में साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है। रूस उक्रेन युद्ध पर पड़ोसी देश पकिस्तान के हालात भी माहौल को अशांत कर रहे हैं। यह न केवल मानव स्वभाव और आपसी सौहार्द को प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि राष्ट्र और समाज के विकास में रोड़ा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में अब प्राथमिकता यही है कि हम अपने को शांत और खुश रखें। यही आज समग्र शांति का मार्ग भी है। सेमिनार में शांति बनाये रखने और भाईचारे पर विशेष ध्यान रखने पर जोर दिया गया।

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