सहारा इंडिया ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास सेबी से पैसा दिलवाने की गुहार लेकर भेजे अपने एजेंट
चरण सिंह राजपूत/दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली। इसे सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय की राजनीतिक पैठ ही कही जाएगी कि हर तंत्र के उनके हथकंडों के सामने बौना नजर आ रहा है। कुछ भी कर लो वह किसी निवेशक का एक पैसा देने को तैयार नहीं। भले ही सेबी ने पटना हाई कोर्ट में सहारा इंडिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का केस चलने का हवाला देकर उसका कोई पैसा उसके पास न होने की बात कह दी हो, भले ही पटना हाई कोर्ट ने सुब्रत राय को सशरीर कोर्ट में पेश होकर निवेशकों का पैसा देने का तरीका बताने का आदेश दिया हो पर वह हैं कि अब भी निवेशकों का पैसा सेबी से ही दिलवाने की जुगत भिड़ा रहे हैं। सेबी पर अपना पैसा होने की बात कर निवेशकों को गुमराह कर रहे हैं। सुब्रत राय के अपने कुछ एजेंटों को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के पास भेजकर सेबी से पैसा दिलवाने की गुहार लगवाना तो यही साबित कर रहा है।
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दरअसल सुब्रत राय समेत सहारा के दूसरे निदेशक अब चारों ओर से घिर गए हैं। देश के विभन्न प्रदेशों में सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय समेत दूसरे निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हैं। सहारा इंडिया के हथकंडे हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कभी सहारा निवेशकों का पाई पाई देने का दावा करने लगता है तो कभी सेबी के निवेशकों का पैसा देने का विज्ञापन विभिन्न अखबारों में छपवाता है। बस किसी भी तरह से निवेशकों का पैसा न देना पड़े।
ठगी में महारत हासिल करने वाले सुब्रत राय ने गत दिनों छोटे निवेशकों के कुछ पैसे देकर उनसे भुगतान होने का हलफनामा लेने की रणनीति बनाई। सुब्रत राय की रणनीति थी कि इन कुछ हलफनामों को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से लगा पैसा जमा करने पर लगा प्रतिबंध हटवा लिया जाये।
जब इस रणनीति में वह सफल न हो सके तो फिर उनके उत्तर प्रदेश लखनऊ शहर के कपूरथला कॉम्पलेक्स के पते पर हमारी दुनिया नाम से नई कंपनी खोलने की बात सामने आई। इसके चेयरमैन सुब्रत राय के बाद दूसरे नंबर के निदेशक ओपी श्रीवास्तव बताये जा रहे हैं। सुब्रत राय को चिंता इस बात की नहीं है कि निवेशकों का पैसा वह कैसे देंगे, उनको चिंता देश के कानून की भी नहीं है। उन्हें चिंता इस बात की है आखिर पैसे लेने पर लगा प्रतिबंध कैसे हटे।
सुब्रत राय देश के कानून से कैसे खेल रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत दिनों मध्य प्रदेश के दतिया से सुब्रत राय समेत सहारा के 14 निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेकर पुलिस आई थी। और बैरंग वापस लौट गई। सुब्रत राय आज तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। उनका कुछ नहीं बिगड़ा, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें आरोपियों की धड़पकड़ के लिए उनके मकानों पर बुलडोजर चलवा देती हैं। इतना ही नहीं सुब्रत राय छह साल से पैरोल पर जेल से बाहर हैं। निवेशकों ही नहीं सहारा में वेतन का भी संकट चल रहा है। जो लोग रिटायर्ड हो रहे हैं उन्हें भी उनका पैसा नहीं मिल रहा है।यह भी पढ़ें-
दरअसल सुब्रत राय समेत सहारा के दूसरे निदेशक अब चारों ओर से घिर गए हैं। देश के विभन्न प्रदेशों में सहारा इंडिया के मुखिया सुब्रत राय समेत दूसरे निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही हैं। सहारा इंडिया के हथकंडे हैं कि रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। कभी सहारा निवेशकों का पाई पाई देने का दावा करने लगता है तो कभी सेबी के निवेशकों का पैसा देने का विज्ञापन विभिन्न अखबारों में छपवाता है। बस किसी भी तरह से निवेशकों का पैसा न देना पड़े।
ठगी में महारत हासिल करने वाले सुब्रत राय ने गत दिनों छोटे निवेशकों के कुछ पैसे देकर उनसे भुगतान होने का हलफनामा लेने की रणनीति बनाई। सुब्रत राय की रणनीति थी कि इन कुछ हलफनामों को सुप्रीम कोर्ट में पेश कर दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से लगा पैसा जमा करने पर लगा प्रतिबंध हटवा लिया जाये।
जब इस रणनीति में वह सफल न हो सके तो फिर उनके उत्तर प्रदेश लखनऊ शहर के कपूरथला कॉम्पलेक्स के पते पर हमारी दुनिया नाम से नई कंपनी खोलने की बात सामने आई। इसके चेयरमैन सुब्रत राय के बाद दूसरे नंबर के निदेशक ओपी श्रीवास्तव बताये जा रहे हैं। सुब्रत राय को चिंता इस बात की नहीं है कि निवेशकों का पैसा वह कैसे देंगे, उनको चिंता देश के कानून की भी नहीं है। उन्हें चिंता इस बात की है आखिर पैसे लेने पर लगा प्रतिबंध कैसे हटे।
सुब्रत राय देश के कानून से कैसे खेल रहे हैं इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गत दिनों मध्य प्रदेश के दतिया से सुब्रत राय समेत सहारा के 14 निदेशकों और अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेकर पुलिस आई थी। और बैरंग वापस लौट गई। सुब्रत राय आज तक कोर्ट में पेश नहीं हुए हैं। उनका कुछ नहीं बिगड़ा, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरकारें आरोपियों की धड़पकड़ के लिए उनके मकानों पर बुलडोजर चलवा देती हैं। इतना ही नहीं सुब्रत राय छह साल से पैरोल पर जेल से बाहर हैं। निवेशकों ही नहीं सहारा में वेतन का भी संकट चल रहा है। जो लोग रिटायर्ड हो रहे हैं उन्हें भी उनका पैसा नहीं मिल रहा है।
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