-पुनीत गुप्ता , दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली अस्पतालों के जरिये दिल्ली सरकार को घेरने में लगी बीजेपी मीडिया के साथ किराड़ी के निर्माणधीन 458 बेड के अस्पताल पर भ्र्ष्टाचार के आरोप लगायकर क्या फिर से फस गयी है ? क्या जल्दबाजी में बीजेपी ने फिर से अपनी किरकिरी करा ली है ? किराड़ी में प्रस्तावित हस्पताल पर पहुंचे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी और प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के आरोपों पर स्थानीय विधायक ऋतुराज झा ने सिलसिलेवार जो जबाब दिए उसे इसी रूप में देखा जा रहा है।
बुधवार को अपने स्थानीय नेताओं के साथ किराड़ी में निर्माणधीन अस्पताल स्थल पर पहुंचे बीजेपी सांसद मनोज तिवारी खाली ग्राउंड देखकर गिर पड़े। फिर कुछ सभलकर बोलते हुए पूछने लगे की अस्पताल कहाँ है ? उन्होंने मीडिया को पेपर देखते हुए सवाल किया कि PWD के रिकॉर्ड में जो अस्पताल 28 जून 2020 में बनकर तैयार हो गया था वह कहां गायब हो गया ? बकौल मनोज तिवारी ” हमने दिल्ली सरकार को 400 करोड़ रुपये की जमीन 49 रुपये में अस्पताल बनाने के लिए दी थी, हम तो वह देखने आये थे की वह बना कैसा है। मनोज तिवारी ने कहा कहा की दिल्ली सरकार ने मल्टी स्टोरी अस्पताल की जगह मल्टी स्टोरी करेप्शन की ईमारत बेसमेंट के साथ खड़ी कर दी। प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने भी कहा कि यह दाल में काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है। जो अस्पताल अब तक पूरा होने की स्थिति तक पहुंच जाना चाहिए वह अभी शुरू हो नहीं हुआ।
इस दौरे के तुरंत बाद किराड़ी विधायक ऋतुराज भी उसी ग्रॉउंड में पुरे पेपर और प्रमाण के साथ पहुंची। उन्होंने पेपर दिखाते हुये सवाल के बदले सवाल खड़ा किया की जब डीडीए ने जमीन ही 2021 में अलॉट की है तो अस्पताल 2020 में कैसे बन जाएगा ? ऋतुराज झा ने कहा की बीजेपी केवल नौटंकी कर रही है। ऋतुराज झा ने कहा कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली में 7 बड़े अस्पताल एक साथ बनाने शुरू हुए थे। सभी जगह करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया ,केवल किराड़ी में तकनिकी दिक्कतों की वजह से देर से शुरू हो रहा है। यही वजह है की बीजेपी केवल किराड़ी अस्पताल का ही दौरा कर अस्पताल बनाने के निर्माण में बाधा डालने की कोशिस कर रही है। ऋतुराज झा ने सवाल किया कि बीजेपी बाकी 6 स्थानों पर क्यों नहीं गयी ?
ऋतुराज झा ने कहा कि किराड़ी में अस्पताल बनाने के लिए 10 फरवरी 2021 को जमीन जमीन अलॉट हुयी और 22 मार्च 2021 को जमीन का कब्जा मिला। और उसके तुरंत बाद स्टीमेट और टेंडर का काम हुआ। और सेम इंडिया कम्पनी ने अस्पताल बनाने का काम भी शुर कर दिया। इस बीच पता लगा की किराड़ी कि जमीन में नमी है। मौजूदा डिजाइन और तकनीक में यहाँ अस्पताल बनाना जोखिम वाला काम साबित हो सकता है। लिहाज़ा इस अस्पताल का पूरा डिजाइन बदला गया। 458 बेड से घटाकर अब यह 400 बेड का अस्पताल बन रहा है। अब इस अस्पताल में बेसमेंट नहीं बनाई जा सकती। लोगों के जीवन से खिलवाड़ नहीं कर सकते।
बहरहाल ऋतुराज झा के सवालों ने बीजेपी को निरुत्तर ही नहीं किया बल्कि किरकिरी करा दी। अब बीजेपी में हल्के में ही सवाल उठाये जा रहे है कि उनके नेताओं ने इस मामले में जल्दबाजी कर दी। वहीँ सवाल अब पीडब्ल्यूडी पर भी उठ रहे है की उसने अपनी वेबसाइट पर यह गलती कैसे कर दी ?