ब्यूरो रिपोर्ट, दिल्ली दर्पण टीवी
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने असमाजिक तत्वों से सख्ती से निबटने के आदेश दिए हैं। उनके निर्देसों को पालन करते हुए न सिर्फ इन दंगेबाजों पर कार्रवाही हो रही है बल्कि उनसे जुड़े लोगों को भी बख्शा नहीं जा रहा है। यूपी पुलिस दंगा करने वालों और दंगा भड़काने वालों पर कार्रवाही करके इसे एक नजीर की तरह पेश करना की कवायद में है।
देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही यूपी में भी बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में हिंसक घटनाएं हुई। इन घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी असामाजिक तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। यही नहीं पूरे मामले को लेकर एसीएस (गृह), कार्यवाहक डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को मामले पर पैनी नजर रखने की निर्देश जारी किए गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसर अब तक इस मामले में पुलिस ने 136 लोगों की गिरफ्तारी की है।
सीएम योगी ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश के शांतिप्रिय माहौल को जो भी खराब करने की कोशिश करे प्रशासन उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश लोक भवन से और कार्यवाहक डीजीपी देवेंद्र सिंह चौहान व एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार पुलिस मुख्यालय से प्रयागराज समेत अन्य शहरों की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
ये भी पढ़ें – मानसून ने दस्तक, मिलेगी गर्मी से राहत
जैसा कि विदित है कि नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की गिरफ्तारी की मांग पर भड़की हिंसा एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया है कि जुमे की नमाज के बाद बाहर निकले कुछ लोगों ने प्रयागराज के अटाला इलाके में भाजपा से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पथराव किया और आगजनी करके माहौल बिगाड़ने का प्रयास किया था, लेकिन पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया है। इन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। इन घटनाओं में पुलिस ने सहारनपुर से 45, प्रयागराज से 37, हाथरस से 20, मुरादाबाद से सात, फिरोजाबाद से चार और अंबेडकरनगर से 23 असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार किया है।
वहीं कानपुर हिंसा के प्रमुख आरोपी जफर हयात के पीएफआई से लिंक के अभी तक नहीं मिले सबूत इस मामले में मुख्य आरोपी जफर हयात हाशमी को कानपुर पुलिस ने लखनऊ के हजरतगंज के इसी इमारत से गिरफ्तार किया गया था। साथ ही कानपुर हिंसा के एक अन्य आरोपी जावेद अहमद का एक यूट्यूब चैनल जो लखनऊ के हजरतगंज में है। सभी आरोपी चैनल के ऑफिस में छुपे हुए थे। जांच के दौरान सूचना मिलने के बाद यहां से मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी के अलावा जावेद अहमद खान, मोहम्मद राहिल और मो। सूफियान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कानपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी की टीम को भले ही जफर हयात हाशमी के सीधे पीएफआई से कनेक्शन के तार अभी तक नहीं मिले हैं, लेकिन उसके करीबियों का पीएफआई से रिश्ता जरूर सामने आया है। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के बैंक खातों की जांच की जाएगी। पुलिस को विदेशी फंडिंग का शक है। जांच में पता चला है कि हाशमी के एक बैंक खाते में जुलाई 2019 में 3.54 करोड़ रुपए थे। कानपुर के बाबूपुरवा इलाके के एक प्राइवेट बैंक में उनके एक खाते के विवरण से पता चला कि 30 जुलाई, 2019 को उसके खाते में 3.54 करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था।
कानपुर दंगों के तार पीएफआई से जुड़े हैं जिसके कारम मामला और गंभीर हो गया है। यूपी में अपराध पर लगाम लगाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। अब ऐसे में इतने बड़े दंगों के अंजाम देने वालों को सजा देकर यूपी पुलिस फिर से नजीर पेश करना चाहती है। इसीलिए कार्रवाही की गति इतनी तेज है।
देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।
आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं