एकता चौहान
देश की राजधानी दिल्ली में एक सिख महिला उम्मिदवार को परिक्षा में बैठने के लिए इसलिए रोक दिया गया क्योकि उस महिला ने कड़ा पहन रखा था। हालाकिं महिला एडमिट कार्ड में दिए गए समय के मुताबिक परिक्षा देने ठिक समय से पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद भी महिला को कड़ा उतारने के बाद भी उसे परिक्षा में बैठने की अनुमती नही दी गई जिसके बाद इस मामले में महिला ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
महिला ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर परीक्षा में बैठने की अनुमति न देने को चुनौती दी महिला का कहना है कि अधिकारियों का बचाव केवल इस बात पर नही किया जा सकता कि उन्होंने एक अधिसुचना जारी की थी। कि किसी भी कड़ा या कृपाण वाले उम्मिदवार को परिक्षा के समय से एक घंटे पहले परिक्षा स्थान पर पहुंचना होगा।
इस मामले कि सुनवाई करते हुए जस्टिस पल्ली ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड जो एक बड़ी संख्या में सिख उम्मिदवाकों के लिए परिक्षा आयोजित करता है। उन्होंने वक्त पर उम्मिदवारो को जानकारी नही दी। अदालत ने DSSSB को यह निर्देश दिए है कि एसे मामलो में उम्मिदवारों को उचित समय पर जानकारी दी जाए। ताकि उम्मिदवारों को किसी भी तरह की कोई भी कठिनाई न हो।