Saturday, December 28, 2024
spot_img
Homeअन्यनार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में तेजस्विनियों के लिए हेल्थ कैंप का आयोजन

नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट में तेजस्विनियों के लिए हेल्थ कैंप का आयोजन

तेजस्विनी की सफलता पर गदगद है दिल्ली पुलिस
क्राइम ग्राफ में बहुत कमी आयी है -उषा रंगनानी

पुनीत गुप्ता , दिल्ली दर्पण टीवी

बुधवार को नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट डीसीपी कार्यालय में तेजस्विनियो के लिए हेल्थ कैंप का आयोजन किया गया जिसमे तमाम महिला अफसर जो दिल्ली पुलिस की तेजस्विनी मुहीम में अपना योगदान दे रही है सभी इस हेल्थ कैंप में पहुंची , इस कैंप में डाइटिशन से लेकर गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर भी मौजूद रहे , इस मौके पर  उत्तर पश्चिम जिला डीसीपी उषा रंगनानी भी मौजूद रही उन्होंने खुद भी इस हेल्थ कैंप में अपना मेडिकल चेकउप करवाया।

महिला सुरक्षा व सशक्तीकरण को लेकर उत्तर पश्चिम जिले में शुरू किए गए तेजस्विनी अभियान को एक साल पूरा हो गया। अब जिला पुलिस की ओर से तेजस्विनी सप्ताह का शुभारंभ किया गया है। इसके तहत स्कूल, कालेज की छात्राओं, महिलाओं के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें आत्मरक्षा के प्रति जागरूक किया जाएगा और उन्हें यौन, घरेलू, दहेज हिंसा से बचाव व इनकी कानूनी पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

ये भी पढ़ेंबाप बेटी के रिश्ते को किया शर्मसार, दो साल तक करता रहा दुष्कर्म

 इस मौके पर डीसीपी उषा रंगनानी ने बताया की  हमने इस टीम का नाम तेजस्विनी रखा था। टीम ने पब्लिक प्लेस में दिन रात घूम-घूमकर महिलाओं, लड़कियों और बुजुर्गों के मन सुरक्षा की भावना पैदा की। चाहे वो क्यूआरटी, बाइक पट्रोलिंग, ईआरवी या स्कूटी पर राउंड लगाना ही क्यों न हो। पब्लिक के भरोसे का ही नतीजा है कि लोगों ने एक वुमन कॉन्स्टेबल का नाम ‘आशा की किरण’ रख दिया। भारत नगर की किरण अकेले ही स्नैचर का पीछा करती थीं। इलाके में बहादुरी और साहस का चेहरा बन गईं। डीसीपी के मुताबिक, तीन महीने पहले 10 जुलाई को इस ऑपरेशन की शुरुआत की गई थी। जिसमें जहांगीरपुरी, शकूरपुर और पीतमपुरा के रेजिडेंशल इलाकों, जेजे क्लस्टर, भलस्वा गांव, मार्केट, मॉल कॉम्प्लेक्स, मेट्रो स्टेशन, स्कूल और कॉलेज जैसी जगहों पर 46 महिला बीट कॉन्स्टेबलों को तैनात किया गया था।


एक साल के दौरान अभियान में शामिल 52 महिला कांस्टेबलों ने 183 मामलों का निपटारा किया तो करीब एक सौ बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इनमें शराब तस्कर, लुटेरे से लेकर झपटमार तक शामिल हैं। उत्तर पश्चिम जिला पूरी दिल्ली में एकमात्र जिला है, जहां 52 महिला कांस्टेबल बीट की जिम्मेदारी संभाल रही हैं।

उन्होंने खुद ऑपरेशन को लेकर कई बैठकें और ओपन हाउस आयोजित किए। जिसमें जमीनी हकीकत को जानने की कोशिश की गई। पहले क्या थी और अब क्या है और उसको किस तरह से ओर बेहतर किया जा सकता है। महिलाओं के साथ छेड़छाड़, रेप, अन्य तरह के टॉर्चर से निपटने के लिए उन्हें सशक्त बनाया गया। ये कॉन्स्टेबल ‘डोरस्टेप पुलिसिंग’ करती हैं। लोगों के चेहरों पर मुस्कान आती है। बुजुर्गों की नम आंखें और कांपते हाथों से इन्हें मिलने वाले आशीर्वाद इरादों को मजबूत बनाते है। बुजुर्गों के लिए उनकी बेटी व बच्चों के लिए उनकी दीदी का फर्ज निस्वार्थ से पूरा करती है। ऑपरेशन तेजस्विनी का दायरा बढ़ाया जा रहा है।

यह अभियान केवल महिला सुरक्षा पर ही केंद्रित नहीं है, बल्कि इसका व्यापक फलक है। इसका मकसद महिलाओं, युवतियों, छात्राओं को अपनी सुरक्षा के प्रति सजग बनाने के साथ उनमें बदमाशों से मुकाबला करने के लिए आत्मविश्वास पैदा करना भी है। अकेली व बुजुर्ग महिलाओं के घरों तक पहुंचकर संवाद के जरिये उनमें पुलिस के प्रति अपनापन का भाव पैदा करना है। उनसे बातचीत कर उनकी निजी समस्याओं का भी समाधान करना है। तेजस्विनी में शामिल महिला पुलिसकर्मी पीड़ितों के लिए डोर स्टेप पुलिसिंग प्रदान कर रही हैं। इसके लिए ये महिला बीट कांस्टेबल नियमित रूप से इआरवी, क्यूआरटी, मोटरसाइकिल, स्कूटी आदि पर अपने अपने क्षेत्रों में गश्त करती हैं।


एक साल के अंदर तेजस्विनी अभियान में शामिल महिला पुलिसकर्मियों ने बेहतर परिणाम दिए हैं। कई मामलों की गुत्थी सुलझाकर उन्होंने खुद को पुरुष पुलिसकर्मियों के मुकाबले में बेहतर साबित किया। उन्होंने कई मिथकों को तोड़ा है। वर्तमान में 15 मामलों की जांच की जिम्मेदारी इन पर है।

देश और दुनिया की तमाम खबरों के लिए हमारा यूटयूब चैनल दिल्ली दपर्ण टीवी (DELHI DARPAN TV) सब्सक्राइब करें।

आप हमें FACEBOOK,TWITTER और INSTAGRAM पर भी फॉलो पर सकते हैं

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments