Friday, November 22, 2024
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North west Distt-महिला सुरक्षा-सशक्तिकरण मुहिम “तेजस्वी का एक साल- कितना कागजी ,कितना कमाल ?

-दिल्ली दर्पण ब्यूरो

 अशोक विहार। महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के मकसद से शुरू की गयी नॉर्थ वेस्ट जिला पुलिस की योजना ” तेजस्विनी ” की चर्चा जिला और दिल्ली पुलिस में ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय मीडिया में भी बेहद रही। खुद दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने भी जिला पुलिस के एक कार्यक्रम में इनके किस्से सुन हैरानी नहीं बल्कि उम्मीद जाहिर करते हुए कहा की दिल्ली पुलिस में महिला और पुरुष के आधार पर कोई फर्क नहीं है। महिलाएं अपनी ड्यूटी बिलकुल उसी तरह पूरी करती है जिस तरह उनके पुरुष सहयोगी कर रहे है। नॉर्थ वेस्ट जिला पुलिस उपायुक्त ऊषा रंगनानी हर मीटिंग और मीडिया में इन पर गर्व करती हुयी भी नजर आयी। इस इस योजना के एक साल पूरा होने के बाद जिला पुलिस ने महिलाओं पर केंद्रित इस योजना के परिणामों पर मंथन किया। अपनी इन “तेजस्वनियों ” की कामयाबी और उनकी काबिलियत की तारीफ करते हुए डीसीपी ऊषा रंगनानी ने कहा की जिले की पहल ” तेजस्विनी ” शानदार परिणाम दे रही है। इस पहल को और आगे बढ़ाते हुए जिले में अब तेजस्वनी सप्ताह मनाया जाएगा ताकि महिलाओं में आत्मरक्षा और जागरूकता और ज्यादा तेज़ी और ताकत के साथ आगे बढ़ सके। 

डीसीपी उषा रंगनानी ने यूँ तो सामुदायिक पुलिसिंग पर कई स्तर पर कई योजनाएं शुरू की है, इनमें आँख कान ,युवा , प्रहरी , सजग जैसी योजनाएं प्रमुख है। इन सभी  पर  काम करते हुए पुलिस और पब्लिक आपस में जोड़ा है उन्हें प्रोत्साहित किया है। लेकिन पुलिस के अधिकारीयों का मानना है कि की डीसीपी उषा रंगनानी का सबसे ज्यादा फोकस तेजस्वनी से ही रहा। 10 जुलाई  2021 में शुरू हुयी “तेजस्विनी” पहल के तहत जिले में 52 महिला कांस्टेबल तैनात की गयी। जिले में संवेदनशील और अपराध संभावित इलाकों जैसे स्लम एरिया ,जेजे कॉलोनी ,जहांगीर पूरी ,भलस्वा ,शकूर पुर ,पीतम पूरा ,मॉल मार्किट आदि स्थानों पर फोकस रहा। अपनी स्कूटी और बाइक पर सवार इन महिला कांस्टेबल इलाके में स्नेह भाव और साहस के साथ लोगों से मिलती नजर आती है।

इन महिला कांस्टेबल ने अपने बीट में महिलाओं, युवतियों ,वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के साथ साथ बेहद लोकप्रियता भी पायी और कानून व्यवस्था में सुधार भी नजर आया। पुलिस में अपने पुरुष सहकर्मियों के साथ कंधे से कंधा मिलकार काम ही नहीं किया बल्कि पीछा करके बदमाशों की धरपकड़ भी की। उनके अथक प्रयासों से 5 लुटेरों, 2 लुटेरों, 3 स्नैचरों, 4 ऑटो-लिफ्टरों और 67 छेड़छाड़ करने वालों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 12 चोरी की गाड़ियां, 7 चोरी के मोबाइल फोन, 219 बोतल अवैध शराब और 6 चाकू बरामद किए गए है।

ये महिला बीट ऑफिसर में 15 मामलों में जांच अधिकारी की भूमिका इनके प्रयास से 17 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया,183 शिकायतों का निपटारा किया गया। ऐसा कई बार हुआ की सार्वजनिक मंच और मीडिया में अपनी इन तेजस्वनियों की चर्चा करते हुए डीसीपी उषा रंगनानी गर्व और अभिमान भाव के साथ बेहद भावुक होते हुए भी नजर आयी। कहने की जरूरत नहीं की इन महिला बीट कांस्टेबल को अपनी काबिलियत और मेहनत से काम करने का मौक़ा और डीसीपी से प्रोत्साहन मिला तो इन महिला कॉन्स्टेबल्स ने भी अपने क्षेत्र में  ऐसा माहौल दिया की महिलाएं खुलकर इनके साथ अपनी समस्याएं ,सुझाव और मुद्दों पर चर्चा करती है।

क्षेत्र की महिलाओं से जुड़े समस्याओं और समस्याओं की पहचान के साथ उनका समाधान “डोर स्टेप पुलिसिंग ” के जरिये घर की दहलीज पर ही मिलना लगा। इन महिला बीट क्षेत्र में सड़क पर महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों में 37 प्रतिशत की कमी आयी है। तेजस्वनी पहल के तहत महिलाओं और छात्रों को सामाजिक व सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करती है। वरिष्ठ नागरिकों की देखभाल के परिवार के तरह करती है इनका आशीर्वाद इन जिला पुलिस के सभी कर्मचारियों में ऐसा आत्मीय आनंद पैदा करता है की वह उनके लिए अनमोल है।

अब जब “तेजस्विनी” पहल को एक साल पूरा हो चुका है तो जिला पुलिस इस जश्न मना रही है , साथ ही इस योजना का मूल्यांकन कर इसे और उसकी परिणामों को और ज्यादा प्रभावी बनाने के प्रयास शुरू कर दिए है। इसके तहत जिला के स्कूल ,कॉलेज  आदि का दौरा कर महिलाओं के खिलाफ अपराध और साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे। हर सप्ताह “तेजस्विनी” मनाया जाएगा इसमें जागरूकता और आत्मरक्षा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। 

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