परिवहन विभाग 10 व 15 साल की मियाद पूरी कर चुके वाहनों का सितम्बर से स्क्रैप करना शुरू करेंगे। दिल्ली में ऐसे कबाड़ के वाहनों की संख्या लगभह 20-25 लाख है। जिसके साथ सड़को व गलियों में पार्क लम्बे समय से वाहनों पर भी कार्यवाही की जाएगी।
आपको बता दे दिल्ली में डीजल के वाहन केवल 10 साल व पेट्रोल के वाहन 15 साल तक ही उपयोग किये जा सकते है जिसके बाद उन्हें चलाना प्रतिबंधित है। इस अवधि के बाद यदि कोई वाहन चलता है तो उसपर कार्यवाही की जाती है व उसका वाहन जब्त कर लिया जाता है।
इस वर्ष मियाद पूरी करते हुए लगभग 20 से 25 कबाड़ वाहन है साथ ही परिवहन विभाग ने 82 टीम बनाई है जो कि दिल्ली के क्षेत्र में ऐसे वाहनों पर नजर रखेगी। राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए परिवहन विभाग सख्ती परख रही है।
वाहनों की मियाद पूरी होने पर उनका पंजीकरण रद्द कर दिया जाता है जिसके बाद उन्हें सड़क पर चलाने की अनुमति नहीं होती। और इन वाहनों को स्क्रैप करने हेतु एजेंसियो में भेज दिया जाता है जिसके बाद मालिकों को प्रमाण दिया जाता है। प्रमाण पत्र का इस्तेमाल नयी गाडी खरीदते समय किया सकता है , इससे नयी गाडी पर कुछ छूट मिलती है।