Ankita Murder Case : बेटी अंकिता को अपने रिसोर्ट के ग्राहक को खुश करने के लिए बेबस कर रहा था सत्तारूढ़ पार्टी के नेता का बेटा
सी.एस. राजपूत
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ को भाजपा ऐसे पूरा कर रही है जैसे उत्तराखंड सरकार में मंत्री रहे विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने किया है। यदि सत्ता में बैठे लोग ही बेटियों को अपना शरीर बेचने को मजबूर करेंगे। उनकी बात न मानने पर उसकी हत्या कर देंगे।
क्या अंकिता भंडारी का दोष बस इतना ही था कि वह एक गरीब की बेटी थी। नौकरी करके अपने पिता की कुछ जिम्मेदारियों को कम करना चाहती थी। वह तो नौकरी करने भी उस व्यक्ति के पास आई थी जो सत्ता में बैठे पूर्व मंत्री का बेटा था। मतलब बहु बेटियों की इज्जत की सुरक्षा के ठेकेदार के पास। क्या उत्तराखंड की जनता ने बीजेपी को दोबारा से इसलिए सत्ता सौंपी थी कि उसके नेताओं के बेटे राज्य की बेटियों की इज्जत से खेलें। इस बेटी का दुर्भाग्य देखिये कि पढ़कर लिखकर जब नौकरी करने गई तो उसे पहली सेलरी भी न मिला पारी और सत्ता में बैठे दरिंदों ने उसका जीवन ही समाप्त कर दिया। वह भी नदी में धक्का देकर। जरा सोचिये कि अंकिता को नदी में धक्का देकर मारने से पहले उसके साथ कितनी दरिंदगी की गई होगी ?अंकिता ने इस नेता के बेटे पुलकित का विरोध किया और उसकी हत्या हो गई। उसका शव बरामद हो गया तो इस नेता के बेटे की घिनौनी करतूत पता भी चल गई। इस बिगड़ैल लड़के न जाने कितनी बेटियों की इज्जत से खेला होगा। क्या ये जगह-जगह जो रिसोर्ट बने हुए हैं ऐसे ही अय्याशी का केंद्र हैं ? वैसे भी कुछ समय से देश रिसोर्ट का एक फैशन सा हो गया है।
पता है कि अंकिता भंडारी की हत्या क्यों की गई है ? अंकिता ने इस बिगड़ैल लड़के के कहने पर ग्राहकों को ‘खास सेवा’ नहीं दी थी। खास सेवा जानते हो न। ग्राहक के साथ सोना। मतलब इस बेटी को ग्राहक के पास सोने के लिए बेबस किया जा रहा था। इसे बेटी इज्जत से समझौता नहीं किया और मरना ज्यादा अच्छा समझा। अंकिता विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही बेटियों को एक संदेश देकर गई है कि हर बेटी को आप मजबूर नहीं कर सकते हो। देश को नाज है ऐसी बेटी पर जिसने इस गंदगी भरे माहौल से कोई समझौता नहीं किया।
दरअसल अंकिता ने इस रिसोर्ट में रिसेप्शनिस्ट के तौर पर नौकरी शुरू की थी और उसके पिता सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे, जिनकी नौकरी छूट चुकी टी। उत्तराखंड के लक्ष्मण झूला इलाके में स्थित एक रिसोर्ट से लापता होने के छह दिन बाद पुलिस ने अंकिता के शव को नहर से बरामद किया था। पुलिस ने रिसोर्ट के मालिक और उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य को गिरफ्तार कर जब कड़ी पूछताछ की तो पुलकित ने कथित तौर पर एक विवाद के बाद अंकिता को नहर में धकेलने की बात कबूल की है। रिसोर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित नाम के एक अन्य व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया गया है।उधर परिजनों ने कहा है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आने तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। अंकिता भंडारी के भाई अजय सिंह भंडारी ने कहा, “जब तक उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी जाती, हम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हमने उसकी प्रोविजनल रिपोर्ट में देखा कि उसे पीटा गया और नदी में फेंक दिया गया। लेकिन हम अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।”
अंकिता के परिवार के सदस्यों के अनुसार उसने 28 अगस्त को अपने घर दोभ श्रीकोट गांव से करीब 130 किलोमीटर दूर रिजॉर्ट में नौकरी के लिए गई थी। बताया जा रहा है कि “परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अंकिता को पौड़ी के भगत राम स्कूल से इंटरमीडिएट के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी और उसने काम करना शुरू कर दिया था। अंकिता के पिता वीरेंद्र भंडारी चौरास बांध पर निजी सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे, लेकिन कुछ साल पहले उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। परिवार में एकमात्र कमाने वाली सदस्य अंकिता की माँ सोनी भंडारी हैं, जो एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में काम करती हैं। उसका बड़ा भाई सचिन दिल्ली में पढ़ाई कर रहा है।”
बताया जा रहा है कि 28 अगस्त को रिजॉर्ट से एक कार उसे लेने आई थी। रिजॉर्ट में उसे एक कमरा दिया गया था और वहीं रहती थी। रिसेप्शनिस्ट की नौकरी के लिए उसे 10,000 रुपये प्रति माह के वेतन की पेशकश की गई थी। बताया जा रहा है कि अंकिता आगे पढ़ने के लिए उत्सुक थी और जब परिवार की देखभाल करने के लिए उसे अपनी शिक्षा छोड़नी पड़ी तो हमें निराशा हुई। लेकिन हमने यह भी सोचा कि शायद वह जो कर रही है उसमें उसका भविष्य होगा। हालांकि अंकिता के जाने के कुछ ही हफ्तों बाद उसकी माँ ने मुझे बताया कि अंकिता की आवाज़ अब वैसी नहीं है और ऐसा लग रहा था कि कोई चीज़ उसे परेशान कर रही है। लीलावती ने कहा कि उस समय हमने इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा था। लेकिन हमें सोचना चाहिए था।
पुलिस का अंकिता और जम्मू में रहने वाले उसके एक दोस्त के बीच एक व्हाट्सएप चैट बरामद की है। उन्होंने कहा कि चैट में उसने स्पष्ट किया कि वे (आरोपी) चाहते हैं कि वह ‘विशेष सेवाएं’ प्रदान करे। उसका दोस्त और चैट हमारे लिए प्रमुख सबूत है। इसके अलावा, हमें उसी नहर (चिल्ला पावर हाउस के पास शक्ति नहर) से शव मिला, जिसमें आरोपी ने उसे धक्का देने की बात कबूल की थी। व्हाट्सएप चैट के अनुसार पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंकिता ने बताया था कि वह रिसोर्ट में असुरक्षित महसूस कर रही थी और एक आरोपी ने कथित तौर पर उसे 10,000 रुपये के बदले में “विशेष सेवाएं” प्रदान करने के लिए कहा था।