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देश में इस तरह की ख़बरें तो खूब पढ़ी और सुनी हैं कि परिवार का कोई व्यक्ति यदि गलत रास्ते पर चल रहा होता है तो उसे सही रास्ते पर लाने के लिए उसे सबक सिखाया जाता है। क्या आपने ऐसा भी सुना है कि किसी परिवार के सदस्य ने परिवार के मुखिया को इसलिए जेल भिजवा दिया क्योंकि उसकी बेकारी पर उसे डांट दिया। वह भी बेटे ने पिता को। जी हां अब जमाना ऐसे ही चल रहा है कि आप बच्चों को कुछ नहीं कह सकते हो। मामला उत्तर प्रदेश कौशांबी का है। कौशांबी जिले में बेचारे एक पिता ने बेटा को कुछ करने के लिए क्या कह दिया कि बेटे ने उसे जेल भिजवा दिया।
दरअसल में मामला सराय अकिल कोतवाली क्षेत्र के खोपा गांव का है, जहां एक बेरोजगार बेटे को पिता ने डांट क्या लगाईं कि उसने पुलिस बुलाकर पिता को अवैध तमंचे संग गिरफ्तार करा कर जेल भिजवा दिया। बेटे की मुखबिरी पर पुलिस ने पिता के पास से अवैध तमंचा बरामद कर लिया है। एसपी के मुताबिक पिता पुत्र के बीच हुए झगड़े में पुलिस ने अवैध तमंचा कब्जे में लेकर कानूनी कार्रवाई की है।
सराय अकिल कोतवाली के खोपा गांव के अब्दुल खुद्दूस पेशे से वैद्य हैं। परिवार में पत्नी के अलावा 5 बेटे हैं। अब्दुल खुद्दूस के 2 बेटे मुंबई में रहकर काम करते हैं तथा तीसरे नंबर का बेटा सराय के गैरिज में काम करता है। चौथा व पांचवां बेटा घर पर रहता है। बृहस्पतिवार को अब्दुल खुद्दूस ने चौथे नंबर के बेटे मोहम्मद आज़म को डांटते हुए कहा कि घर में बेकार बैठने से तो अच्छा है, कोई काम करो। आज के मोबाईल और दोस्ती की बुरी संगत में होश खोने वाली इस पीढ़ी के इस बेटे मोहम्मद आज़म को अपने पिता की यह सीख इतनी नागवार गुजरी कि
उसने घर से बहार निकल कर सराय अकिल पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस के घर पहुंचते ही बेटे ने घर में रखा अवैध तमंचा पुलिस को दे दिया। पुलिस ने तमंचे समेत खुद्दूस को हिरासत में ले लिया है।
पिता की गिरफ्तारी के बाद बेटा फरार
पिता की गिरफ्तारी होने की बाद घर वालों के डर से बेटा घर से फरार हो गया। पुलिस ने खुद्दूस के कब्जे से तमंचा बरामद कर लिया है। हालांकि पुलिस अब बाप बेटे के मामूली विवाद के चलते अवैध तमंचा बरामदगी को अपना गुडवर्क बता रही है।
ऐसे में प्रश्न उठता है कि क्या इस दौर में पिता और बेटे के रिश्ते इतने ख़राब हो रहे हैं कि जिस पुत्र के लिए पिता रात दिन मेहनत करता है। उसके भविष्य के लिए चिंतित रहता है वही बेटा उसे जेल भिजवाने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखाता है। वह भी तब जब पिता उसकी भलाई के लिए ही उसे डांटता है।