काव्या बजाज
दिवाली के नज़दीक आते ही पटाखों के प्रतिबंध पर सियासत तेज़ हो जाती है। इस साल भी दिवाली के नज़दीक आते ही कुछ इसी तरह के हालात बनते दिख रहे हैं। आपको बता दें कि 7 सितंबर को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ये ऐलान किया था कि दिल्ली में लोगों को प्रदूषण के खतरे से बचाने के लिए बीते साल की तरह ही इस साल भी सभी तरह के पटाखों के उत्पादन, भंडार, बिक्री और उपयोग पर 1 जनवरी तक पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
जिसको लेकर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दार्ज की जिसमें पटाखों पर प्रतिबंध हटा कर आदेश देने की मांग कही गई है। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था लेकिन दिल्ली सरकार ने सभी तरह के पटाखों पर प्रतिबंध लगा कर धर्म की स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है।
उनका कहना है कि दिवाली और छठ एक ऐसा मौका है जहां काफी भारी तादाद में लोग पटाखे जला कर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। लेकिन इन मौके पर दुकानदार जो पटाखे बेचने का काम करते है उनके सामान की जब्ती भी तेज़ हो जाती है और पुलिस की कार्यवाही भी। जिसकी वजह से याचिका में मांग की गई है कि सरकार पटाखों की खरीदी, बिक्री और उन्हें चलाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी करें। साथ ही सुप्रीम कोर्ट से अपील की गई कि वह इस बारे में रिवाइज्ड ऑर्डर पारित करे और प्रदूषण रोकने के लिए स्मॉग टावर लगाने और वृक्षारोपण करने करने के निर्देश जारी किए जाएं।