Friday, November 8, 2024
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Government’s Grip : जी मीडिया के 10 चैनलों पर मंडराए संकट के बादल !

Government’s Grip : सुभाष चंद्रा के आक्रामक तेवर से नाराज केंद्र सरकार ने दिया बड़ा झटका 

सी.एस. राजपूत 

GSAT-15 सैटेलाइट के KU बैंड पर दस चैनलों की डिश टीवी टेलीपोर्ट के जरिए अपलिंकिंग की परमिशन को  कर दिया है रद्दजी न्यूज से डीएनए कार्यक्रम से पहचान बनाने वाले सुधीर चौधरी जी न्यूज छोड़कर क्यों गए थे भला। उन्हें पता चल चुका था कि जिस प्रकार बीजेपी ने उन्हें हरियाणा की जगह राजस्थान से राज्य सभा चुनाव लड़वा दिया और हरवा भी दिया उससे अब वह केंद्र सरकार पर आक्रामक होने वाले हैं। बेचारा सुधीर चौधरी क्या करता। बीजेपी के अहसान जो ले रखे हैं। सुभाष चंद्रा ने मोदी सरकार के खिलाफ ख़बरें चलवानी क्या शुरू की कि उनके जी ग्रुप पर शिकंजा कसा जाने लगा। दरअसल केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने GSAT-15 सैटेलाइट के KU बैंड पर जी मीडिया के दस चैनलों की डिश टीवी टेलीपोर्ट के जरिए अपलिंकिंग के परमिशन को रद्द कर दिया है। 

इन दस न्यूज चैनलों के नाम हैं-

Zee Hindustan

Zee Rajasthan

Zee Punjab Haryana Himachal

Zee Bihar Jharkhand

Zee Madhya Pradesh Chhattisgarh

Zee Uttar Pradesh Uttarakhand

Zee Salam

Zee 24 Kalak

Zee 24 Taas

Zee Odisha (now “Zee Delhi NCR Haryana”)

ऐसे में प्रश्न उठता है कि जब तक जी न्यूज़ मोदी सरकार की महिमा मंडित करता रहा तब तक वह ठीक कर रहा था और जब अब सरकार की खामियां गिनाई जाने लगी तो उसमें खोट आ गया। वैसे सुभाष चंद्रा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़े मधुर संबंध रहे हैं। प्रधानमंत्री ने उनके पुस्तक द जेड फेक्टर का विमोचन भी किया था। वह बात दूसरी है कि आजकल मामला बदल गया है। 

दरअसल मामला यह है कि जी के ये दस चैनल डीडी फ्री डिश पर भी हैं जो जीसैट-15 सैटेलाइट के सी बैंड से अपलिंक हैं। साथ ही ये दस चैनल डिश टीवी पर भी हैं, जो इसी सैटेलाइट के Ku बैंड से अपलिंक हैं। सरकार का अब कहना है कि ये दोहरा लाभ है, जिसे नहीं लिया जा सकता।  सरकार ने जी मीडिया को कहा वह किसी एक बैंड पर ही रहे पर जी मीडिया ने सरकार की बात को इग्नोर कर दिया। इसके बाद आज जी मीडिया के दस चैनलों को जीसैट 15 के KU बैंड से हटाने का आदेश जारी कर दिया गया। 

सूत्रों का कहना है कि जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा ने अपनी राज्यसभा सीट की चुनावी हार को दिल पर ले लिया है और इन दिनों उनके चैनल सरकार की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बताया जा रहा है कि सरकारी भक्त सुधीर चौधरी की भी इसी वजह से जी मीडिया से विदाई हुई है। सरकार ने अब जवाबी कार्रवाई के तहत सुभाष चंद्रा को औकात में लाने की कार्रवाई शुरू कर दी है। 

यहां सवाल सरकार पर भी उठता है कि जब तक जी मीडिया सरकारी भक्त रहा, उसे नियम कानून से हटकर फेवर दिया गया। अब जब जी मीडिया सरकार विरोधी खबरें दिखाने लगा तो सरकार नियम कानून बताकर उसके खिलाफ एक्शन ले रही है. कुल मिलाकर ये सत्ता के साथ मिलकर मलाई खाने के बाद सत्ता विरोधी तेवर अपनाने के साइड इफेक्ट हैं जिसे आगे और भी झेलना होगा. अगर सरकार से जी मीडिया का समझौता हो जाता है तो भी युद्ध की बजाय शांति हो सकती है। 

जी सैट15 के कू बैंड से जी मीडिया के दस चैनलों के हटने से इनकी टीआरपी पर बड़ा फरक पड़ेगा। जी मीडिया के रीजनल चैनल यूपी, एमपी आदि जगहों पर नंबर वन बने हुए हैं क्योंकि एक ही सैटेलाइट के दो दो फ्री डिश से इनके प्रसारण से काफी बड़ा दर्शक वर्ग मिल जाता था और चैनल बाकियों से बहुत आगे रहता था. अब आने वाले दिनों में जी मीडिया के रीजनल चैनलों को टीआरपी में काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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