Subrata Roy Crime : सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) की जांच में फंसे फंसा देश का सबसे बड़ा घोटालेबाज, कुछ संगठनों और प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पीएमओ, सूचना प्रसारण मंत्री, सुप्रीम कोर्ट, आरएनआई, डीएवीपी, सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस SFIO को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग की बात आई है सामने
सी.एस. राजपूत
नई दिल्ली/लखनऊ। सहारा मीडिया को एडिटर इन चीफ उपेंद्र राय ने ऐसे ही अलविदा नहीं कहा है। दरअसल बताया जा रहा है कि उन्हें जानकारी हो गई थी कि सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस SFIO की जांच में सहारा ग्रुप के राष्ट्रीय सहारा और सहारा रोजनामा में हजारों करोड़ का घोटाला उजागर हो गया है। अब सहारा प्रमुख सुब्रत राय की ढाल बने हिंदी के राष्ट्रीय सहारा और उर्दू रोजनामा में लंबा सर्कुलेशन घोटाले के मामले में सरकार को चुना लगाने और फर्जी ख़बरें छापकर ब्लैकमेल करने की शिकायत केंद्र और यूपी सरकार को भेज कर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।
दरअसल जानकारी मिल रही है कि देश के कुछ संगठनों और प्रेस फाउंडेशन ट्रस्ट ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पीएमओ, सूचना प्रसारण मंत्री,सुप्रीम कोर्ट,आरएनआई, डीएवीपी,सीरियस फ्राड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस SFIO को पत्र लिखकर सहारा समूह के सारे अखबारों पत्रिकाओं के सर्कुलेशन बढ़ा चढ़ाकर , भारी सरकारी विज्ञापन में किए गए घोटाले, अखबारी कागज के कोटे और सरकार की नीतियों के खिलाफ मुस्तकिल गुमराह करने वाली ख़बरें देकर अधिकारियों नेताओं और इन्वेस्टर को ब्लैक मेल करने के धंधे की जांच कर इस मीडिया समूह को बंद करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डीजीपी को भी भेजा गया है पत्र : जिलाधिकारी लखनऊ से इन अखबारों के घोषणा पत्र को कैंसल करने और सूचना निदेशक को सहारा अखबार के सभी पत्रकारों की मान्यता समाप्त करने के साथ इनको दिए गए सरकारी आवासों का आवंटन रद्द करने की मांग की गई है। पत्र में यह भी कहा गया है की सहारा मीडिया ग्रुप के लोग सरकार की मुखबिरी करते रहते इसलिए इनके सचिवालय पास पर भी रोक लगाई जाए जब तक सुब्रत राय सहारा के घोटालों को सरकार क्लीन चिट न दे दे। (साभार : तलहका टुडे )