AIIMS Delhi: फोर्डा, एफएआइएमए सहित रेजिडेंट डाक्टरों के कई संगठनों ने एम्स प्रशासन के फैसले का कड़ा विरोध किया था।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Delhi AIIMS: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सांसदों के इलाज के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने पर विवाद बढ़ता देख AIIMS ने अपने पत्र को शुक्रवार 21 अक्टूबर वापस ले लिया है। एम्स में मौजूदा सांसदों के लिए चिकित्सा देखभाल व्यवस्था के संबंध में एम्स निदेशक डॉ एम श्रीनिवास का पत्र तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है। दरअसल, फोर्डा, एफएआइएमए सहित रेजिडेंट डाक्टरों के कई संगठनों ने एम्स प्रशासन के फैसले का कड़ा विरोध किया था।
इससे पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक एम. श्रीनिवास ने लोकसभा सचिवालय के संयुक्त सचिव वाई. एम. कांडपाल को हाल ही में लिखे एक पत्र में आपातकालीन परामर्श और लोकसभा व राज्यसभा दोनों के मौजूदा सांसदों को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए जारी एसओपी की जानकारी दी थी।
डॉ. श्रीनिवास ने बताया था कि सभी व्यवस्थाओं के सुचारू संचालन के लिए अस्पताल प्रशासन विभाग के अधिकारी एम्स नियंत्रण कक्ष में 24 घंटे मौजूद रहेंगे। एम्स के निदेशक ने पत्र में कुछ नंबर भी दिए, जिस पर फोन करके सांसदों के कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात अधिकारी से बात कर सकते हैं। इसके साथ यह भी कहा गया था कि सांसदों द्वारा एम्स रेफर किए गए अन्य सभी रोगियों को मीडिया और प्रोटोकॉल डिवीजन द्वारा उचित सहायता प्रदान की जाएगी। पत्र में कहा गया था कि इसी तरह की कॉल-द-ड्यूटी-ऑफिसर विशेष सेवा आपातकालीन स्थितियों के लिए उपलब्ध है।
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इसके बाद फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि सांसदों के लिए विशेष व्यवस्थाओं से मरीजों को मिलने वाली सेवाएं प्रभावित हो सकती है। उन्होंने ट्वीट किया करते हुए लिखा कि हम इस वीआईपी संस्कृति की आलोचना करते हैं। साथ ही कहा कि किसी भी पेशेंट को दूसरे के विशेषाधिकारों से नुकसान नहीं होना चाहिए। ऐसा कहा जा रहा है कि चीजों को सुव्यवस्थित करने के लिए बनाए इस प्रोटोकॉल को अपमानजनक नहीं मानना चाहिए, लेकिन इससे किसी अन्य मरीज की देखभाल प्रभावित नहीं होनी चाहिए। बता दें, अधिक भीड़भाड़ वाले एम्स में बड़ी भीड़ और लंबी कतारें आम हैं, जहां ओपीडी के लिए परामर्श कार्ड बनवाने में कभी-कभी घंटों लग जाते हैं।
एम्स प्रशासन के नवीनतम पत्र में कहा गया है कि एम्स में संसद सदस्यों के लिए चिकित्सा व्यवस्था पर 17 अक्टूबर के पत्र को तत्काल प्रभाव से वापस लिया गया माना जा सकता है। इसके बाद डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने तुरंत ट्वीट किया करते हुए लिखा कि कारण, तर्क और संकल्प की आवाज एक बड़ा बदलाव ला सकती है।