Sunday, April 28, 2024
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BJP Mission : केजरीवाल के लिए दिक्कत भरा साबित होने वाला है रामलीला मैदान में हुआ बीजेपी का पंच परमेश्वर सम्मेलन 

मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताने और केजरीवाल की खामियों को गिनाने के लिए जनता के बीच जा रहे हैं बीजेपी कार्यकर्ता 

सी.एस. राजपूत 

दिल्ली रामलीला मैदान में हुआ बीजेपी का पंच परमेश्वर सम्मेलन दिल्ली सरकार के लिए दिक्कत पैदा करने वाला है। इस सम्मेलन में पार्टी कार्यकर्ताओं से केजरीवाल सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए कह दिया गया है। दिल्ली में अब बीजेपी कार्यकर्ता मोदी की उपलब्धियों के प्रचार प्रसार करने और केजरीवाल सरकार की जनविरोधी नीतियों को जन जन तक पहुंचाने में जुट रहे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ऐसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नहीं कहा है कि तुमने दिल्ली को बेहाल कर दिया है अब तुम्हें जाना ही होगा। इसके पीछे बीजेपी की बनी बड़ी रणनीति है।

बीजेपी का यह सम्मेलन न केवल एमसीडी चुनाव बल्कि विधानसभा चुनाव को भी केंद्र में रखकर रखा गया था। साथ ही गुजरात में बढ़ रही केजरीवाल की सक्रियता को कम करने के लिए दिल्ली में घेरकर कम करना भी सम्मेलन बड़ा मकसद था। इस कार्यक्रम को पंच परमेश्वर सम्मेलन का नाम ऐसे ही नहीं दिया गया था। 

दरअसल भाजपा में हर बूथ पर पांच पंच होते हैं, जिनकी जिम्मेदारी बूथ की अगुआई करना होता है। भाजपा ने इन्हीं पंचों को पार्टी की बुनियाद माना है। इस सम्मेलन से बीजेपी नेतृत्व ने दिल्ली के हर जिले के कमेटी को निर्देश दे दिये हैं कि अब केजरीवाल की जनविरोधी नीतियों को लेकर लोगों के बीच जाकर सरकार के काले कारनामों का खुलासा करें। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन से उत्साहित दिल्ली के बीजेपी कार्यकर्ता अब अरविंद केजरीवाल की सरकार को उखाड़ फेंकने में लग गये हैं।

जेपी नड्डा ने इस सम्मेलन में वह सब बातें बोली हैं जो कार्यकर्ताओं को जनता के बीच में जाकर बोलनी हैं। जेपी नड्डा ने केजरीवाल सरकार को घोटाले की सरकार कहा है। लोकपाल को लेकर दिए जेपी नड्डा के दिए बयान को केजरीवाल का जनता के बीच में आंदोलन को धोखा देने वाला  माना जा रहा है। जेपी नड्डा का रामलीला मैदान में जनसभा न कर पाने और बीजेपी का कार्यकर्ता सम्मेलन कर लेना कहना कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाना था। कार्यकर्ता सम्मलेन में एक लाख कार्यकर्ताओं का भाग लेना मतलब बीजेपी का अपनी ताकत दिखाना था। 

एमसीडी में बढ़ रही केजरीवाल की ताकत को कम करने की है रणनीति

दरअसल एमसीडी पर लगातार तीन बार से भाजपा का कब्जा रहा है। लेकिन इस बार आम आदमी पार्टी भाजपा को टक्कर देती दिखाई दे रही है। यही वजह रही है कि केजरीवाल केंद्र सरकार पर एमसीडी का चुनाव जल्द कराने का दबाव बना रहे थे। केजरीवाल एमसीडी का चुनाव टालने के पीछे आम आदमी पार्टी की बढ़ती ताकत बता रहे थे। केजरीवाल ने एमसीडी चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री मोदी के 56  इंच के सीने वाले बयान का हवाला देकर उन्हें भी  ललकार दिया था। 

दरअसल इससे पहले अप्रैल में एमसीडी चुनाव का ऐलान हुआ था लेकिन पूरा शेड्यूल जारी होने से पहले ही इसे टाल दिया गया। यही वजह थी कि केंद्र सरकार तीन अलग-अलग निगमों को एक करना चाह रही थी। पहले दिल्ली में नॉर्थ एमसीडी, साउथ और ईस्ट एमसीडी थे जो अब एक हो चुके हैं। यानी कि दिल्ली में अब एक एमसीडी हो चुकी है। इसके साथ ही वार्डों की संख्या कम करने के लिए परिसीमन करना भी दूसरी वजह थी। इलेक्शन कमीशन से जुड़े अफसरों के मुताबिक नगर पालिका वार्डांे के परिसीमन के लिए बनाई गई एक कमेटी इस महीने के अंत तक काम पूरा कर लेगी। इसके बाद गृह मंत्रालय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर सकता है। ऐसा माना जा रहा है दिसंबर में एमसीडी चुनाव हो सकते हैं। भाजपा गत दो महीने से बूथ लेवल के पार्टी कार्यकर्ताओं का नामांकन कर रही थी। इसके साथ ही पंच परमेश्वर की टीमें भी बनी। पंच परमेश्वर की टीम में एक बूथ अध्यक्ष, चुनाव से जुड़े काम के लिए बूथ लेवल का अधिकारी, एक महिला, युवा और अनुभवी पार्टी कार्यकर्ता को शामिल किया गया।
यदि बात कार्यक्रम की सफलता की करें तो  शहर के अलग-अलग इलाकों से लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने के लिए करीब 2000 बसों की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम में 79,000 नवनियुक्त पन्ना प्रमुख शामिल हुए थे। इस सम्मेलन के बाद बीजेपी ने 2014 से अब तक मोदी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करने के लिए घर-घर अभियान शुरू करने की भी योजना बनाई गई है। साथ में ही बीजेपी कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल सरकार की खामियों को भी लोगों को बताएंगे।

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