क्रांति अगेंस्ट करप्शन के संस्थापक ने खोली दिल्ली के स्कूलों की व्यवस्था की पोल, अवैध गतिविधियों के साथ ही शिक्षकों का भी शोषण कर रहा है राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली। प्रीतमपुरा स्थित राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में अवैध गतिविधियां तो चल ही रही हैं साथ ही स्कूल अपने शिक्षकों को जमकर शोषण भी कर रहा है। स्कूल में पढ़ा रहे कई शिक्षकों ने दिल्ली दर्पण टीवी ऑफिस में आकर इस बात को लेकर अपनी पीड़ा भी बताई है। बताया जा रहा है कि यह स्कूल इन शिक्षकों को जो वेतन देता है उसका लगभग आधा वापस कैश के रूप में मांग ले लेता है। इन शिक्षकों को स्कूल की ओर से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखा जा सके, इसके लिए स्कूल प्रबंधन इनकी ज्वानिंग डेट बदलता रहता है। इस संदर्भ में जब दिल्ली दर्पण टीवी ने क्रांति अगेंस्ट करप्शन के संस्थापक हितेश कौशिक से बात की तो उन्होंने बताया कि यदि कोई स्कूल अपने शिक्षकों का शोषण करता है तो उन शिक्षकों को दिल्ली शिक्षा बोर्ड में इसकी शिकायत करनी चाहिए। उन्होंने बताया की शिक्षा के नाम पर इन स्कूलों को बहुत सस्ती जमीन मिल जाती है पर इन स्कूलों ने शिक्षा को धंधा बना लिया है, जिससे न केवल स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों का शोषण हो रहा है बल्कि बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी स्कूल में अवैध गतिविधियों के साथ ही शिक्षकों का जमकर शोषण हो रहा है तो शिक्षा विभाग को इसके प्रबंधन को टेकओवर कर इसे अपने अधीन कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को अपने हक़ लड़नी चाहिए। जरूरत पड़े तो कोर्ट भी जाना चाहिए। निश्चित रूप से स्कूलों में शिक्षकों का पीएफ और ईएसआई प्रभावित करने के लिए स्कूल उनकी डेट ऑफ़ ज्वाइंग बदलते रहते हैं। ऐसे में शिक्षक आरटीआई के माध्यम से भी अपने बारे में जानकारी मांग सकते हैं। उन्होंने कहा यदि कोई शिक्षक उनके क्रांति अगेंस्ट करप्शन के पास मदद मांगने आएगा तो वह जरूर उनकी मदद करेगा। हितेश कौशिक ने ऋतु नाम की एक शिक्षिका का उदाहरण देते हुए बताया कि इन शिक्षिका का पीजीटी से टीजीटी कर प्रमोशन की जगह डिमोशन कर दिया गया।
दिल्ली में डीडीए द्वारा दी गयी जमीन पर किसी भी तरह की कमर्शियल एक्टिविटी चलना भले ही प्रतिबंधित हो ,लेकिन दिल्ली के कई निजी अपने स्कूलों में स्पोर्ट्स अकादमी चलकर लाखों रुपये कमा रहे हैं। ऐसी ही गतिविधि दिल्ली पीतमपुरा में स्थित राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में भी हो रही है। एक आरटीआई से खुलासा हुआ है कि शिक्षा विभाग को गलत जानकारी देकर या फिर मिलीभगत कर यह स्कूल में स्पोर्ट अकादमी चला रहा है। एक आरटीआई में दी गयी जानकारी में राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल ने दावा दिया है कि वह अपने स्कूल के छात्रों और आस पास रहने वाले बच्चों को फ्री में खेल की ट्रेनिंग देता है।
जब शिकायतकर्ता ने एक स्टिंग कर इस गोरखधंधे का खुलासा किया तो पता चला कि यह स्कूल स्पोर्ट्स अकादमी के नाम पर बच्चों से दो हजार रुपये प्रतिमाह वसूल रहा है। स्कूल में अकादमी चला रहा कोच कैमरे में यह कहता हुआ नजर आ रहा है की एक बच्चे के दो हज़ार रुपये लगेंगे , फिर बच्चा चाहे कहीं का भी रहने वाला है। स्टिंग में वह दो हज़ार रुपये की रसीद देने से भी इंकार कर रहा है। यह सब स्कूल के टाइम शाम का ही होता है।
दिल्ली दर्पण ने भी इस स्टिंग के बाद ग्राउंड रियलिटी चेक की तो पता लगा कि राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में स्पोर्ट अकादमी कई वर्षों से चल रही है। इस स्कूल में डेढ़ सौ से ज्यादा बच्चों से दो -दो हज़ार रुपये प्रतिमाह लिए जा रहे हैं। पहले यह राशि तीन से चार हज़ार रूपये थी। दिल्ली दर्पण टीवी से बात करते हुए कई अभिभावकों ने दो हजार रुपए प्रतिमाह वसूलने की बात कबूली है। राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल का तो यहां तक दावा है कि उनका स्कूल RWA के अनुरोध पर स्कूल का मैदान बच्चों को फ्री खेलने के लिए उपलब्ध कराता है। हालांकि जिस इलाके राजनगर में यह स्कूल है वहां की आरडब्ल्यूए ने इस जवाब से हैरानी जताई है। RWA के महासचिव अंकित गुप्ता जो पेशे से वकील भी हैं ने स्कूल के दावे को नकारते हुए स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की बात कह रही है। RWA का कहना ही कि उनकी सोसाइटी में कोई खेल का मैदान या पार्क नहीं है, लेकिन स्कूल उनके बच्चों को फ्री में नहीं बल्कि पैसे लेकर ही खेलने की अनुमति देता है।
दरअसल गत दिनों जानकारी मिली थी कि राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल डीडीए द्वारा स्कूल के लिए दी गयी लीज का तो उल्लंघन कर ही रहा है। साथ ही शिक्षा विभाग को भी गुमराह कर रहा है। इस बाबत लगातार शिक्षा विभाग को शिकायत दी जाती है तो वह जवाब देता है कि वह स्कूल में बच्चों को खेल का ग्राउंड फ्री उपलब्ध करा रहा है, लेकिन दिल्ली दर्पण टीवी के स्टिंग ने अभिभावकों और RWA के बयान लेकर स्कूल के दावों की पोल खोल दी।
इसने चोरी और फिर सीनाजोरी ही कहा जाएगा कि दिल्ली दर्पण टीवी ने स्कूल प्रबंधन को स्कूल में चल रही अवैध गतिविधियों के प्रति सचेत करने के उद्देश्य से जनहित में खबर प्रकाशित और प्रसारित क्या कर दी कि स्कूल प्रबंधन ने दिल्ली दर्पण टीवी को नोटिस जारी कर दिया। दरअसल दिल्ली दर्पण टीवी के वेबसाइट और यूट्यूब चैनल पर स्कूल में अवैध निर्माण पर हथोड़ा चलाये जाने और स्कूल में अवैध रूप से स्पोर्ट अकादमी चलाये जाने की खबर चलाई और दिखाई थी।
दिल्ली दर्पण टीवी की खबर से स्कूल प्रबंधन इतना बौखला गया है कि उसने चैनल और वेबसाइट को धमकियाँ भरे नोटिस भेज दिए। स्कूल प्रबंधन ने यह रवैया तब अपनाया है जब चैनल की ओर से बार-बार स्कूल प्रबंधन से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई थी। स्कूल प्रबंधन है कि उसने अपना पक्ष रखने के बजाय लीगल कार्रवाई किये जाने की धमकी देने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई। वैसे दिल्ली दर्पण टीवी को मिले नोटिस में स्कूल ने यह साफ़ नहीं किया है कि उसे किस खबर के किस हिस्से पर आपत्ति है और खबर में गलत क्या है ?
वैसे राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल प्रबंधन को यह समझ लेना चाहिए कि दिल्ली में अवैध निर्माण किये जाने के आरोप पर द्वारका सेक्टर 16 के महृषि विवेका नन्द स्कूल की भूमि का आवंटन रद्द कर दिया था और शिक्षा विभाग ने मान्यता भी रद्द कर दी थी। तो यह माना जाये कि मान्यता रद्द होने के अंदेशे के चलते ही डीडीए के इस नोटिस के बाद स्कूल प्रबंधन में हड़कंप मचा है। अब तो जगजाहिर हो चुका है राइजिंग स्टार अकादमी स्कूल में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण किया हुआ है।
देखने की बात यह भी है कि दिल्ली दर्पण टीवी पर खबर दिखाये जाने के बाद बड़ी संख्या में स्टूडेंट, टीचर और कई लोगों ने स्कूल में चल रही धांधलियों पर जो जानकारी दी है वह बहुत चौंकाने वाली है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ स्कूल ने मनमानी और धांधली ने मचाई हो। सबसे ज्यादा तकलीफ स्कूल टीचर्स को है। स्कूल टीचर्स ने जो सबूत दिल्ली दर्पण टीवी को दिए उसे देख हैरानी होती है कि किसी स्कूल में इतने बड़े पैमाने पर धांधली कैसे हो सकती है ? शिक्षा विभाग इतना लापरवाह, अंधा और बहरा कैसे हो सकता है कि सब कुछ देखते हुए भी वर्षों से स्कूल पर मेहरबान बना हुआ है।