भविष्य की दिल्ली तैयार करने में जुट गया है अरविंद केजरीवाल सरकार का थिंक टैंक डीडीसी, सात सालों में संस्था ने 70 योजनाओं को सफलतापूर्वक किया है लागू, व्यापार और रोजगार के पैदा होंगे अवसर
सी.एस. राजपूत
बीते सात साल में 70 सफल योजनाओं को लागू कराने वाला केजरीवाल सरकार का थिंक टैंक दिल्ली संवाद एवं विकास आयोग (डीडीसी) कल की दिल्ली तैयार करने में जुटा है। इसमें व्यापार के साथ रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। रोजगार बजट का खाका तैयार करने वाला डीडीसी अब दिल्ली में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए शॉपिंग फेस्टिवल, दिल्ली बाजार पोर्टल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक सिटी जैसी योजनाओं को जमीन पर उतार रहा है।
डीडीसी का गठन वर्ष 2015 में दिल्ली सरकार के थिंक टैंक के रूप में किया गया था। तब से लेकर अब तक अलग-अलग क्षेत्र में डीडीसी ने सरकार की योजनाएं बनाने और निगरानी के साथ सफलतापूर्वक लागू कराने में अग्रणी रहा है। वर्तमान में ई-वाहन नीति, इलेक्ट्रॉनिक सिटी का खाका ताजा उदाहरण है। यही नहीं, विषम परिस्थिति यानी कोविड के दौरान भी लोगों तक भोजन पहुंचाना हो, एबुंलेस, ऑक्सीजन बैंक तैयार करना हो या कोविड में सेवाओं का नियंत्रण सभी को डीडीसी ने सफलतापूर्वक लागू किया है।
आखिरी आदमी को शामिल करता है
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को डीडीसी के सात साल में किए गए कार्यों का रिपोर्ट कार्ड जारी करने के मौके पर कहा था कि डीडीसी योजनाओं को लेकर जमीनी स्तर पर काम करता है। वह योजनाओं में आखिरी आदमी को शामिल करता है, जिससे इसका लाभ सभी को मिल सके। यही वजह है कि डीडीसी की योजनाएं हमेशा सफल रही हैं। कोविड के समय एंबुलेंस प्रबंधन से लेकर, राशन वितरण के लिए ई-कूपन जैसी योजनाएं डीडीसी की थीं। इसके अलावा स्ट्रीट लाइट के लिए जगह नहीं मिलने पर उसके लिए घरों पर स्ट्रीट लाइट उसका बिजली खर्च घर के मालिक को देने की योजना भी डीडीसी ने ना सिर्फ तैयार की बल्कि उसे सफलतापूर्वक लागू भी किया।
डीडीसी के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा, ‘डीडीसी की सफलता इसी से है कि इसकी योजना को आम लोगों ने अपनाया है। सरकार अगर कोई योजना लाना चाहती है तो डीडीसी शोध, विशेषज्ञों और उससे जुड़े लोगों से सीधे बातकर तैयार करता है। सभी हितधारकों से सलाह लेकर उसे योजना में शामिल करते हैं। यही वजह है कि केजरीवाल सरकार की योजनाएं सफल होती हैं। हम मानते हैं कि डीडीसी एक ऐसा थिंक टैंक है जहां इसकी नीति व योजनाएं लोकतांत्रिक तरीके से बनाई जाती हैं। असल में हम डीडीसी को पीपुल्स कमीशन कह सकते हैं।’
तीन प्रमुख काम
- सरकार के लिए जनहित में नीतियां बनाना।
- योजना को बनाने के बाद उसे लागू करने में मदद करना।
- योजना की निगरानी के साथ मूल्यांकन कर कमियों को दूर करना।
छह क्षेत्रों में अहम भूमिका
- सामाजिक क्षेत्र
- परिवहन एवं आधारभूत संरचना
- पर्यावरण
- अर्थव्यवस्था
- शासन सहभागिता
- निगरानी, मूल्यांकन औैर चुनौतियों का समाधान ढूंढ़ना
70 परियोजनाओं को सफल बनाने में योगदान
कोविड के दौरान कैट्स एंबुलेंस प्रबंधन
कोविड के दौरान एंबुलेंस का वेटिंग टाइम 55 मिनट था, लेकिन इसके प्रबंधन को ठीक कर घटाकर 18 मिनट किया गया।
सीसीटीवी कैमरे और वाईफाई सुविधा
दो लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए। वाईफाई और स्ट्रीट लाइट योजना को अमलीजामा पहनाया गया।
डोर स्टेप डिलीवरी
वर्ष 2019 में शुरू किया गया। अब तक 100 सार्वजनिक सेवाएं इसमें शुरू की जा चुकी है। 3.60 लाख लोग लाभ ले चुके हैं।
राशन वितरण के लिए ई-कूपन की व्यवस्था
कोविड के दौरान लोग भूखे न रहें। जरूरतमंद लोगों को राशन देने के लिए ई-कूपन योजना बनाई गई। इससे एक हजार केंद्र से 60 लाख को राशन बांटा गया।
प्रदूषण से लड़ने के लिए ग्रीन दिल्ली मोबाइल ऐप
प्रदूषण से जुड़ी शिकायतों को दूर करने के लिए ग्रीन दिल्ली ऐप बनाया, जिसमें सभी विभागों को जोड़ा गया।
दिल्ली बाजार पोर्टल
दिल्ली के बाजारों को विश्वस्तरीय पहचान दिलाने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल योजना शुरू की गई, जिसपर काम चल रहा है।
दिल्ली में इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) नीति
अगस्त 2020 में राजधानी दिल्ली में ई-वाहन नीति आने के बाद 70 हजार ई-वाहन पंजीकृत हुए। 2900 नए ई-चार्जिंग प्वाइंट बने।
वायु प्रदूषण की रियल टाइम जानकारी
दिल्ली में प्रदूषण कारकों को रियल टाइम पर स्त्रत्तेत का पता लगाने के लिए कानपुर आईआईटी के साथ समझौता।
रोजगार बजट
दिल्ली में रोजगार बजट लाया गया। अलग-अलग क्षेत्रों में लाखों नौकरियों को पैदा करने का खाका रखा गया।