आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेसवार्ता कर गैंगरेप की घटना को झूठा दिया करार
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
गाजियाबाद के नंदग्राम थानाक्षेत्र में दिल्ली की महिला से गैंगरेप की घटना में नया मोड़ आया है। पुलिस के मुताबिक महिला और उसके प्रेमी ने मकान कब्जाने के लिए गैंगरेप की साजिश रची। साजिश के तहत उन लोगों को आरोपी बनाया गया जिनसे मकान को लेकर महिला का विवाद चल रहा था। पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए महिला के प्रेमी और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है।
घटना के संबंध में गुरुवार शाम आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेसवार्ता कर गैंगरेप की घटना को झूठा करार दिया। उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने पर खुलासे के लिए एसपी क्राइम डॉ. दीक्षा शर्मा के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया था। पुलिस ने चिकित्सीय परीक्षण के अलावा घटनास्थल तथा इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए सुबूत जुटाए तो चौंकाने वाली बात सामने आई।
पुलिस के मुताबिक महिला ने थाना वेलकम दिल्ली के कबीरनगर निवासी अपने प्रेमी आजाद के साथ मिलकर घटना का षड्यंत्र रचा था। इसके बाद आजाद ने अपने दो दोस्तों गौरव निवासी आश्रम शिवम गार्डन अच्छा थाना बादलपुर और अफजाल निवासी कैला भट्ठा, नगर कोतवाली गाजियाबाद को साजिश में शामिल किया था। केस में नामजद किए गए शाहरुख और उसके भाई जावेद से महिला का मकान को लेकर विवाद चल रहा है। इसी मकान को कब्जाने के लिए गैंगरेप का षड्यंत्र रचा गया। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आजाद प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है, जबकि गौरव विजय नगर थाना क्षेत्र में फोटोग्राफी की दुकान चलाता है। अफजाल नाली-खड़ंजे बनाने की ठेकेदारी करता है। जिस मकान में शाहरुख और उसका परिवार रहता है, उस मकान का सौदा आजाद ने ही दीपक जोशी नाम के व्यक्ति से कराया था। इसी के चलते महिला ने शाहरुख और उसके भाई समेत पांच लोगों को सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी बनाया।
घटनास्थल के आसपास थी आजाद की लोकेशन
आईजी का कहना है कि घटना के बाद से ही महिला का मोबाइल बंद हो गया था। लेकिन घटनास्थल के आसपास एक अनजान नंबर की लोकेशन ट्रेस हुई। पुलिस ने पड़ताल की तो यह नंबर आजाद का निकला, जो उसने फर्जी आईडी पर घटना वाले दिन ही लिया था। आजाद को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के बाद पूरे षडयंत्र से पर्दा उठ गया।
गौरव की कार का हुआ इस्तेमाल
दूसरा आरोपी गौरव महिला का रिश्तेदार है। गौरव की कार का इस्तेमाल महिला को गाजियाबाद और दिल्ली लाने ले जाने के लिए किया गया था। पुलिस ने यह गाड़ी भी बरामद कर ली है। इसके अलावा षड्यंत्र रचने में इस्तेमाल की गई कुछ और सामग्री भी पुलिस ने जब्त की है।
दो दिन प्रेमी के साथ अपने फ्लैट में रही थी महिला
पुलिस ने बताया कि 16 अक्टूबर की रात साढ़े आठ बजे महिला का भाई उसे नंदग्राम में आश्रम रोड पर ऑटो में बैठाकर आया था। भाई के जाने के बाद महिला ऑटो से उतर गई और साजिश के तहत अपने प्रेमी और उसके दोस्तों को बुला लिया और उनके साथ जीटीबी एंक्लेव में स्थित अपने जनता फ्लैट में चली गई। दो दिन तक महिला वही रही और अपने प्रेमी से उसने संबंध बनाए।
पांच हजार में दिया था मामले को तूल दिलाने का ठेका
पुलिस सूत्रों का कहना है कि आजाद ने कुछ लोगों को पेटीएम के जरिए पेमेंट किया था। उनमें से एक व्यक्ति को उसने गैंगरेप की फर्जी घटना को सोशल मीडिया पर तूल दिलाने का ठेका दिया था। जिस वक्त महिला को बोरे में बंद करके कार से नंदग्राम थानाक्षेत्र में फेंका गया, ठेका लेने वाला युवक मौके पर मौजूद था। उसने महिला की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की थी। इसमें उसमें गाजियाबाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए थे।
महिला ने शरीर में खुद डाला था लोहे का पार्ट
बोरे में बंद मिली महिला को पुलिस जिला अस्पताल ले गई। वहां महिला ने खुद का उपचार कराने से मना कर दिया पुलिस ने मेरठ मेडिकल रेफर कराने के लिए कहा तो इसके लिए भी इंकार कर दिया। महिला ने खुद को अपनी मर्जी से दिल्ली जीटीबी अस्पताल में रेफर कराया। पुलिस का कहना है कि साजिश के तहत महिला और उसके प्रेमी ने इलेक्ट्रिकल दुकान से लोहे का एक पार्ट खरीदा था। जीटीबी अस्पताल पहुंचते ही महिला ने खुद ही लोहे के उस पार्ट को अपने शरीर में डाल लिया था
दिल्ली में कामयाब नहीं हुए तो यूपी में बनाया घटनास्थल
पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी आजाद और उसकी प्रेमिका करीब डेढ़ महीने से नामजद आरोपियों को फंसाने की योजना बना रहे थे। उनका यह उद्देश्य था कि दूसरा पक्ष जेल चला जाएगा और वह मकान पर कब्जा कर लेंगे। महिला और उसके प्रेमी ने दिल्ली में कई बार साजिश के तहत घटना दिखाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो सके आखिरकार उन्होंने यूपी के गाजियाबाद में घटनास्थल दर्शाने का फैसला किया।
धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज
महिला के प्रेमी आजाद ने अलग-अलग नाम और पते पर अपने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाए हुए हैं। उन्हीं के आधार पर उसने फर्जी आईडी पर सिम कार्ड लिया था। जिस दिन महिला को अगवा दिखाया गया, उसी दिन आजाद ने अपना यह सिम कार्ड एक्टिव किया था। पुलिस का कहना है कि महिला और उसके प्रेमी समेत अन्य आरोपियों ने पुलिस की विवेचना में बाधा डाली। साथ ही, झूठी घटना दिखाकर बेकसूर युवकों को फंसाने की साजिश रची। इसके संबंध में महिला, उसके प्रेमी और अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है।