दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
हरियाणा पंचायत चुनाव और आदमपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह, जो बलात्कार और हत्या के आरोप में कारावास की सजा काट रहा है, वह एक बार फिर पैरोल पर रिहा होगा। डेरा प्रमुख राम रहीम के परिवार ने एक महीने की पैरोल की मांग करते हुए जेल अधिकारियों को एक आवेदन पत्र दिया था।
हरियाणा के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने 11 अक्टूबर को आवेदन की जांच करने के दौरान कहा था, “पैरोल आवेदन की संबंधित अधिकारियों द्वारा जांच की जा रही है। निर्णय कानून के अनुसार लिया जाएगा।” डेरा प्रमुख राम रहीम फिलहाल रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वह सिरसा या राजस्थान में डेरा के परिसर में रहेंगे। इसके लिए डेरा प्रशासन ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी हैं।
गुरमीत राम रहीम सिंह 2021 में तीन बार और 2022 में दो बार पैरोल पर बाहर थे। फरवरी में 21 दिन और जून में एक महीने के लिए वह पैरोल पर बाहर थे। जेल अधिकारियों के अनुसार वह 31 दिसंबर, 2022 से पहले कम से कम 40 दिनों के पैरोल की मांग कर सकते हैं। कानून एक अपराधी को (जिसने अपने कारावास के कुछ निश्चित वर्ष पूरे कर लिए हैं) साल में 90 दिनों के लिए जेल से बाहर रहने की अनुमति देता है।
VIP सुरक्षा पाने का कौन होता है हकदार और क्या होती है प्रक्रिया?
बता दें कि 2017 से साधवी यौन शोषण मामले में राम रहीम सजा काट रहे हैं। वहीं राम रहीम को पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में भी सजा हो चुकी है। राम रहीम को इसी साल पंजाब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। उसके तीन महीने बाद 27 जून को फिर से राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी।
वहीं शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने राम रहीम को पैरोल पर ऐतराज जताया है। उन्होंने सरकारों को राम-रहीम पर हमदर्दी दिखाने के आरोप लगाए हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सचिव प्रताप सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा, “राज्य सरकार राम रहीम को एक बार फिर 40 दिन की पैरोल देने जा रही है। पहले भी कई बार पैरोल दी जा चुकी है। सरकार राम-रहीम के साथ हमदर्दी दिखा रही है, जो सही नहीं है।”