दिल्ली में रेस्तरां और भोजनालयों के लिए लाइसेंस प्रक्रिया आसान बनाई जाएगी। उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने इसके लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena) ने रेस्तरां और भोजनालयों के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया को आसान और सुगम बनाने के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। समिति मौजूदा नियमों की जांच करेगी और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में तेजी लाने के तरीके सुझाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने यह फैसला ऐसे वक्त में लिया है जब केजरीवाल सरकार और केंद्र के बीच कथित शराब घोटाले को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है।
दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर पहले भी उपराज्यपाल वीके सक्सेना और मुख्यमंत्री केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) में तनातनी देखी जा चुकी है। हाल ही में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति से 4000 से 5000 करोड़ रुपये की आमदनी होनी थी, लेकिन उपराज्यपाल वीके सक्सेना (Delhi LG VK Saxena)की दखलंदाजी के चलते राजस्व घाटा हुआ।
हाल में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान से जुड़ी फाइल राज्य सरकार को वापस लौटा दी थी। राजधानी में ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान बीते 28 अक्टूबर से शुरू होना था। इस मसले पर एलजी सचिवालय के एक अधिकारी का बयान सामने आया था। अधिकारी ने शनिवार को कहा था कि दिल्ली सरकार की फाइल में ऐसा कुछ भी नहीं है कि जिससे लगता हो कि उक्त अभियान वायु प्रदूषण के खिलाफ प्रभावी है।
हाल ही में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में कूड़े की समस्या पर एमसीडी को लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे। दरअसल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गाजीपुर ‘लैंडफिल’ साइट’ का दौरा किया था। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि एमसीडी दिल्ली में लैंडफिल साइटों पर कूड़े के पहाड़ साफ करने में नाकाम रही है। गौरतलब है कि दिल्ली में कूड़े के मुद्दे पर भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) और आम आदमी पार्टी के बीच रार किसी से छिपी नहीं है।