Thursday, May 9, 2024
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Noida News : अस्थमा, हृदय और डॉयबिटीज रोगी दिवाली पर रखें विशेष ध्यान : डॉ. प्रदीप शैलत

अचानक 120 डेसीबल से तेज आवाज पहुंचा सकती है स्थाई नुकसान : डॉ. मनोज

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

नोएडा । दिवाली खुशियों और उल्लास का त्यौहार है, लेकिन अस्वस्थ व्यक्तियों को इस अवसर पर बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है। अस्थमा, हृदय और डायबिटीज के रोगियों को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। छोटी सी लापरवाही से बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। यह कहना है वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रदीप शैलत का। उन्होंने कहा- दिवाली में पटाखे फोड़ने की वजह से प्रदूषण और तेज धमाकों की वजह से आंखों में जलन, दम घुटने, हार्ट अटैक और कान बंद होने जैसी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में पूरी सतर्कता के साथ पटाखे फोड़ने चाहिए।

डॉ. प्रदीप शैलत का कहना है – पटाखों का धुआं और उनकी तेज आवाज से कुछ लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से दिवाली के दिन ऐसे लोग घर से बाहर निकलने से परहेज करें और कोई भी परेशानी होने पर तुरंत चिकित्सक की सलाह लें।
डॉ. शैलत कहते हैं – दिवाली के दिन अस्थमा (दमा) के मरीजों को बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए। अगर उनको बाहर जाना ही है तो वह अपना इनहेलर साथ लेकर जाएं। उन्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जहां धुआं हो वहां न जाएं, क्योंकि धुएं से फेफड़ों को नुकसान पहुंचेगा और अस्थमा की समस्या काफी बढ़ जाएगी। इसी तरह हृदय रोगियों को पटाखे फूटते समय सावधानी बरतनी चाहिए। खासतौर पर उन्हें जिन्हें हाल ही में हार्ट अटैक हुआ हो, क्योंकि पटाखों की तेज आवाज से दिल की धड़कन तेज हो जाती है। इस दौरान धमनियां सिकुड़ने से दिल के रोगियों को दिक्कत हो सकती है। उन्होंने कहा -दिवाली के दिन छोटे बच्चों का भी ध्यान रखना जरूरी है। उन्हें पटाखों से दूर रखना चाहिए क्योंकि पटाखों के धुएं से बच्चों की आंखों में परेशानी हो सकती है। उन्हें गंभीर एलर्जी हो सकती है। इसके साथ ही अत्याधिक धुआं जाने से उनके फेफड़े प्रभावित हो सकते हैं।

जलने पर क्या करें क्या नहीं

डॉ. शैलत का कहना है-दिवाली पर पटाखों को जलाते समय यदि दुर्घटनावश जल जाएं तो सबसे पहले बिना देरी किये जलने वाले स्थान पर पानी डालना चाहिए। बहुत से लोग टूथपेस्ट लगा लेते हैं। इसका प्रयोग कभी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा अगर आंख में पटाखे का कोई कण चला जाए तो उसे रगड़ना नहीं चाहिए। ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल जाकर नेत्र चिकित्सक को दिखाना चाहिए। बिना चिकित्सक की सलाह के कोई भी आईड्राप नहीं डालनी चाहिए।

शुगर रोगी खान-पान का रखें ध्यान

डॉ. प्रदीप शैलत कहते हैं दिवाली का त्यौहार कई बार डॉयबिटीज (शुगर) के रोगियों के लिए भारी पड़ जाता है। इसलिए उन्हें खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। दिवाली पर थोड़ी थोड़ी कर अत्याधिक मिठाई का सेवन कर लेते हैं, जिससे उनका शुगर लेवल बहुत तेजी से बढ़ जाता है।

तेज आवाज के पटाखे न जलाएं : डा. मनोज

ईएनटी (कान-नाक-गला) सर्जन डॉ. मनोज कुमार ने दिवाली पर कुछ खास हिदायत दी हैं। उन्होंने कहा है—तेज धमाके वाले पटाखे- सुतली बम आदि न फोड़ें। इसकी तेज आवाज कानों को नुकसान पहुंचाती है। उन्होंने बताया- अचानक से हुए तेज धमाके से कान की नसें कमजोर हो जाती हैं। कई बार तेज आवाज से कान का पर्दा तक फटने का डर रहता है। उन्होंने कहा जरा सी लापरवाही स्थाई रूप से बहरा बना सकती है। उन्होंने बताया 120 डेसीबल से ऊपर की अचानक हुई तेज आवाज स्थाई रूप से कानों को नुकसान पहुंचा सकती है। 70 डेसीबल से ऊपर की लगातार तेज आवाज भी नुकसानदायक होती है।
इन बातों का रखें ध्यान
पटाखे चलाते समय जूते-चप्पल जरूर पहने, नंगे पैर कतई पटाखे न जलाये।
पटाखे जलाते समय अपना चेहरा दूर रखें।
नायलॉन के कपड़े न पहनें, सूती कपड़े ही पहनें।
बीच सड़क पर पटाखे न जलाएं।
एक पटाखा जलाते वक्त बाकी पटाखे दूर रखें।
समय-समय पर आंखों को ठंडे पानी से जरूर धोएं।

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