Friday, November 8, 2024
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Osteoporosis Disease : बदलती जीवनशैली के चलते बूढ़ी हो रहीं हड्डियां


बदलती जीवनशैली और खानपान के चलते ओस्टियोपोरोसिस बीमारी युवाओं को घेर रही हैं। 50 की उम्र के बाद शुरू होने वाली बीमारी कम उम्र में ही हड्डियों को…

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 
गाजियाबाद । बदलती जीवनशैली और खानपान के चलते ओस्टियोपोरोसिस बीमारी युवाओं को घेर रही हैं। 50 की उम्र के बाद शुरू होने वाली बीमारी कम उम्र में ही हड्डियों को बूढ़ा कर रही हैं। लेकिन कैल्शियम और विटामिन के संतुलन से भागदौड़ भरी जिदंगी में खुद को स्वास्थ्य रखा जा सकता है।

चिकित्सकों के मुताबिक ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमे हड्डियां अन्दर से खोखली हो जाती है। ऑउनके टूटने और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। यह बीमारी अक्सर 50 की आयु के बाद होती है। इसमें मनुष्य की बॉडी मॉस लगातार घटने लगता है। डब्ल्यूएचए की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रत्येक तीन में से एक और पुरुषों में आठ में से एक को यह बीमारी है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। ऑस्टियोपोरोसिस को एक ‘साइलेंट महामारी के रूप में जाना जाता है। सरकारी अस्पतालों की बात करें तो हड्डी रोग की रोजाना 800 लोगों की ओपीडी में 100 मरीज इस बीमारी के आते हैं। इनमें युवा वर्ग ज्यादा हैं।

कौन कौन शिकार हो सकता हैं?

50-60 वर्ष की आयु के बाद आप इसका शिकार हो सकते हैं। विशेषकर महिलायें मेनोपॉज़ या रजोनिवृत्ति के बाद ऑस्टियोपोरोसिस का शिकार हो जाती हैं। सिगरेट, शराब और

भरपूर मात्रा में पोषण न लेने पर भी ऑस्टियोपोरोसिस के शिकार हो सकते हैं। स्टेराइड व हार्मोन की दवाइयां लेने पर भी बीमारी जकड़ सकती हैं।

ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण

आमतौर पर शुरुआती में कोई लक्षण नहीं होते। लेकिन एक बार जब आपकी हड्डियाँ ऑस्टियोपोरोसिस से कमजोर हो जाती हैं, तो पीठ में दर्द, आसानी से बोन फ्रेक्चर होना, खड़े होने की मुद्रा में परिवर्तन, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होना, इसके मुख्य लक्षण हैं।

केस हिस्ट्री

1- विजयनगर में रहने वाले कृष्ण जाटव की 55 साल की माता जी बाथरूम में नहाने गई थी। फिसने से गिर पड़ी तो उनका कूल्हा टूट गया। अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने इस बीमारी के बारे में बताया। ऑपरेशन के बाद भी उनका चलना फिरना मुश्किल है।

2- संजयनगर की रहने वाली 40 वर्षीय महिला कुसुम ने बताया कि उन्हें हाथ-पैरों में दर्द की शिकायत रहती हैं। डॉक्टर को अस्पताल दिखाने पहुंची तो टेस्ट के बाद पता चला कि शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण दर्द हो रहा है।

कोट

वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि ऑस्टियोपोरोसिस में कमर की हड्डी, कोशिकाओं के आसपास की हड्डियां और कूल्हे की हड्डी सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। यही कारण है कि सबसे पहले पीठ में दर्द, कमजोरी और थकान महसूस होती है। विटामिन -डी के अभाव में शरीर आहार से कैल्शियम का अवशोषण नहीं कर पाता।

हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. अजय पंवार का कहना है कि विटामिन-डी का प्राकृतिक स्रोतस्रोत सूर्य की रोशनी है। प्रतिदिन सुबह कम से कम आधा घंटा सूर्य की रोशनी में बैठना चामहिए। अपने आहार में दूध-दही और कैल्शियम युक्त पदार्थ शामिल करें। साथ ही नियमित व्यायाम करें। ताजे फल और सब्जियां, पालक, शकरकंद, मूली और केले का सेवन अच्छा रहता है।

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