Thug Gang : महिलाओं से पैसे ऐंठकर हो जाता था रफूचक्कर, 8 महिलाओं से 2000-2000, 55 से ठगे 5000-5000 रुपये, अजय मिश्रा नाम का दूसरा आरोपी है फरार, पुलिस की दिखाई दे रही है मिलीभगत, दिल्ली में सक्रिय है महिलाओं को सिक्योरिटी नौकरी दिलाने ने नाम पर ठगने वाला गिरोह
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली में ठगी की शिकार महिलाओं ने उस जालसाज को रोहिणी से ढूंढ निकाला जिसने उनसे लाखों रुपए की ठगी की थी। इन महिलाओं ने इस जालसाज को पकड़ कर न केवल उसकी धुनाई की बल्कि उसे पुलिस के हवाले भी कर दिया। इसे विडंबना ही कहा जाएगा की सारे सबूत होने के बावजूद पुलिस महिलाओं की शिकायत पर ठगी का मामला दर्ज़ नहीं कर रही है बल्कि थाना विवाद में उलझी हुई है।
दरअसल दिल्ली में जालसाजों का यह गिरोह महिलाओं को लम्बे समय से अस्पतालों, स्कूलों और दूसरे ऑफिस में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर ठग ले रहा है। फिर से नई जगह को अपना ठिकाना बनाकर महिलाओं की ठगी का धंधा शुरू कर दे रहा है। इस गिरोह के प्रति पुलिस का भी ऐसा रवैया है कि जिससे ये लोग भी गिरोह से मिले हुए प्रतीत हो रहे हैं। पता चला है कि काफी बवाल के बाद ठगी के बजाय कहा सुनी का मामला दर्ज किया गया है।
जी हां ऐसे ही एक जालसाज ने कई महिलाओं के साथ ठगी की थी और रोहिणी में नयी सिक्योरिटी एजेंसी खोल कर फिर से अपने धंधे को जमाने लगा था। इस जालसाज की शिकार महिलाओं ने इसे खोज निकाला, जब इन महिलाओं ने इस जालसाज से पैसे मांगे तो इसने अपने पर पैसे होने से इंकार कर दिया। ठगी की शिकार महिलाओं ने न केवल इस जालसाज को जमकर खरी खोटी सुनाई बल्कि पकड़ कर तमाम सबूतों के साथ विजय विहार थाना पुलिस के हवाले भी कर दिया। हालांकि घंटों बीत जाने के बाद भी पुलिस ने इस जालसाज के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
इस जालसाज की शिकार एक महिला चंचल ने बताया कि रोहिणी के आरजू नाम के एक व्यक्ति का फोन उसके पास आया जो अपनी सिक्योरिटी एजेंसी का नाम भी आरजू बता रहा था। उसने उससे कहा कि वह महिलाओं को सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलवा देगा पर उसे पर महिला 2000 हजार रुपये देने होंगे। चंचल ने बताया कि उसने उसे 8 महिलाओं के हिसाब से 16 हजार रुपये दिए थे। बाद में उसने नौकरी तो किसी की नहीं लगवाई साथ ही उसका फोन भी उठाना बंद कर दिया और गायब हो गया। इस महिला ने बताया कि बाद उसे पता कि किसी डीके मिश्रा नाम के किसी व्यक्ति के पास यह जालसाज बैठता है। वे लोग वहां गए और उसे पकड़ लिया।
रविता देवी नाम की महिला का इस जालसाज के बारे में कहना है कि आरजू ने उसकी गार्ड की नौकरी सरोजिनी अस्पताल में लगवाने के नाम पर वर्दी का हवाला देकर 10000 हजार रुपए ले लिए नौकरी तो लगवाई ही नहीं साथ ही फोन उठाना बंद कर दिया।
मधु नाम की महिला ने बताया कि अजय मिश्रा नाम का व्यक्ति जो अपने को ओम एजेंसी से बता रहा था, उसने सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी लगवाने के नाम से उससे 23 महिलाओं के हिसाब से 5000-5000 रुपये ले लिए। अजय मिश्रा ने इन 23 महिलाओं की नौकरी लगवाने के अलावा उसे सिक्योरिटी गार्ड का सुपरवाइजर बनवाने के लिए कहा था। इस महिला ने बताया कि हालांकि ओम एजेंसी का मालिक यहाँ आया था और उनसे बताया कि ये लोग उनकी एजेंसी को बदनाम कर रहे हैं।
इस महिला ने बताया कि आरजू ने भी उससे 15 हजार रुपये लिए थे। उसने बताया कि आरजू तो गिरफ्तार कर लिया गया है पर अजय मिश्रा अभी फरार है। इस महिला ने बताया कि उसने अपने जेवर बेचकर उन महिलाओं के पैसे दिए हैं जिनसे अजय मिश्रा और आरजू ने लिए थे अब उसके पास कोई रोजगार नहीं है। वह कहां से अपने परिवार का पालन पोषण करे।
एक और महिला ने बताया कि आरजू ने 32 महिलाओं से 500-5000 रुपए लिए हैं। यह व्यक्ति उन्हें भारत माता स्कूल ले जाता था तो कभी नरेला पर नौकरी किसी की नहीं लगी।
दरअसल जिन महिलाओं के साथ ठगी हुई है, वे अलग-अलग क्षेत्रों से हैं। इनमें ताज़ा मामला विजय विहार थाना क्षेत्र का है। लिहाज़ा विजय विहार थाना पुलिस पकड़े गए आरोपी को लेकर स्वरूप नगर थाना गयी, लेकिन स्वरूप नगर थाना पुलिस ने भी मामला दर्ज़ करने से इनकार कर दिया। स्वरूप नगर थाना पुलिस आरोपी को लेकर फिर विजय विहार थाना आयी और उसे मामूली झगड़े के आरोप मामला दर्ज़ कर लिया।
पता चला है कि आरज़ू अपने सहयोगियों अभय मिश्रा, दुलार आदि के साथ मिलकर काफी समय से गरीब महिलाओं को निजी और सरकारी अस्पतालों में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर ठग रहा था और फराज हो जा रहा था। इस आरोपी के मिलने की सूचना मिलने पर कई महिलाएं विजय विहार थाना पहुंचीं और इसकी जमकर धुनाई की। अब इन महिलाओं की उम्मीद स्वरूप नगर थाना पुलिस पर है कि यह थाना इस जालसाज के खिलाफ कुछ कार्रवाई का उन्हें पैसे दिलवाये। बताया जा रहा है कि स्वरूप नगर थाना पुलिस के पास और भी शिकायतें हैं। लेकिन मामले के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।