Suicide or Murder?: 2016 में खूब चर्चा में रही थी सोनी की खुदकुशी, कथित रूप से आप विधायक के एक करीबी रमेश भारद्वाज के खिलाफ छेड़छाड़ की दर्ज कराई थी शिकायत
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (AAP) के एक नेता का शव पश्चिमी दिल्ली स्थित उनके आवास में फंदे से लटका मिला है। पुलिस के मुताबिक, राजौरी गार्डन इलाके के निवासी संदीप भारद्वाज (Sandeep Bhardwaj) आप के मजदूर प्रकोष्ठ के सचिव थे। संगमरमर समेत अन्य पत्थरों के कारोबारी तलाकशुदा
संदीप अपनी दो बेटियों और एक बेटे के साथ रहते थे।
भाजपा नेता मनोज तिवारी ने संदीप की मौत को हत्या बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने संदीप की मौत के लिए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार बताया है। साथ ही यह आरोप भी लगाया है कि संदीप भारद्वाज की सीट पर आप ने एमसीडी का टिकट अमीर नेता को बेच दिया, इसलिए उन्होंने आत्महत्या कर ली।
हालांकि आप नेताओं की संदेहास्पद मौत का यह कोई पहला मामला नहीं है। पहले भी कई ऐसी घटनाएं सुर्खियों में रही हैं:
संदीप भारद्वाज पिछले पांच माह में आत्महत्या करने वाले आम आदमी पार्टी के दूसरे नेता हैं। इसी वर्ष जून में आप के 62 वर्षीय नेता अजयपाल सिंह गिल अपने घर में मृत पाए गए थे। गिल का घर लुधियाना के अढियाना में है।
परिवार वालों के मुताबिक, दो दिन पहले माछीवाड़ा खेती बाड़ी सहकारी विकास बैंक के चेयरमैन बने गिर रात 9 बजे अपने घर पहुंचे थे। सुबह काफी देर तक जब उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो परिवार वालों को चिंता हुई। पहले तो सभी ने आवाज लगाकर दरवाजा खुलवाने की कोशिश की। लेकिन गिल ने दरवाजा नहीं खोला। पत्नी ने खिड़की में देखा तो पति की लाश पंखे से लटक रही थी।
सोनी की आत्महत्या के बाद उठे थे सवाल
जुलाई 2016 में आम आदमी पार्टी की एक कार्यकर्ता सोनी मिश्रा की आत्महत्या के बाद खूब बवाल हुआ था। सोनी ने दिल्ली के नरेला स्थित अपने घर में जहरीला पदार्थ खा लिया था। उपचार के लिए उन्हें एलएनजेपी अस्पताल मे भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी। बाद में पुलिस ने तत्कालीन AAP विधायक शरद चौहान समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया था।
सोनी ने कथित रूप से आप विधायक के एक करीबी रमेश भारद्वाज के खिलाफ जून में ही गलत तरीके से छूने को लेकर शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में सोनी की एक वीडियो रिकॉर्डिंग भी सामने आयी थी। वीडियो में उन्होंने भारद्वाज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि वह उनसे कहता था कि अगर वह पार्टी में उभरना चाहती है तो उसे ‘समझौता’ करना होगा। वह खुद को स्थानीय आप विधायक का करीबी बताता था।
तब इस मामले पर जमकर राजनीति बयानबाजी हुई थी। भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए, जांच की मांग की थी। हालांकि बाद में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल जज ने सभी सातों आरोपियों को बरी कर दिया था।