दिल्ली में मच्छरों का कहर, पिछले माह से दोगुना डेंगू के मरीज अस्पतालों में भर्ती
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली में डेंगू को लेकर अस्पतालों में बीते माह की तुलना में भर्ती मरीजों की संख्या दोगुना से अधिक बढ़ी है। ज्यादातर मरीज प्लेटलेट्स कम होने पर उपचार के लिए अस्पताल में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा अस्पतालों की इमरजेंसी में बुखार के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। हालांकि डॉक्टरों का दावा है कि डेंगू के उपचार के लिए अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड हैं। डेंगू के अधिक बढ़ने का कारण डॉक्टर बीते सितंबर-अक्तूबर माह में हुई बरसात को मुख्य कारण बता रहे हैं।
दिल्ली नगर निगम स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक डेंगू की रोकथाम के लिए सभी 12 जोन में अब तक 21,37, 341 घरों में मच्छर मारने की दवा का छिड़काव किया जा चुका है। तो वहीं एक लाख 55 हजार 312 घरों में लार्वा पाया गया और उन्हें नष्ट किया गया। जबकि 42 हजार 928 लोगों के चालान किए गए। साथ ही एक लाख से अधिक लोगों को नोटिस जारी किया गया।
लोकनायक अस्पताल में 23 मरीज भर्ती
लोकनायक अस्पताल में पहले की तुलना में डेंगू के मरीज बढ़े हैं। इस समय 23 मरीज अस्पताल में भर्ती हैं। जबकि सात संदिग्ध हैं। मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी देखने को मिली है। पिछले माह सात अक्तूबर के करीब अस्पताल में 13 मरीज भर्ती थे। जिसमें पांच संदिग्ध थे। अस्पताल की इमरजेंसी में बुखार की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या रोजाना 35-40 है। जिसमें मरीज के ज्यादा गंभीर होने पर उसे भर्ती भी किया जा रहा है। अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है।
डेंगू के 82 मरीजों की हुई पुष्टि
स्वामी दयानंद अस्पताल में कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है। मरीज ठीक होकर अपने घर लौट रहे हैं। वहीं अस्पताल की डेंगू रिपोर्ट के अनुसार एक नवंबर तक डेंगू के 82 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इसमें 11 मरीज भर्ती हैं। जबकि दस संदिग्ध हैं। रिपोर्ट में एक मरीज की मौत होने का विवरण भी दिया गया है।
हफ्ते के आखिर तक कम होने का अनुमान
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल में इस समय नौ मरीज उपचार के लिए भर्ती है। चार-पांच साल में डेंगू का एक ऐसा चक्र देखने को मिलता है जिसमें डेंगू के मरीजों की संख्या अधिक बढ़ती है। डेंगू बारिश के बाद शुरु होता है। नवंबर में खत्म होना शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार सितंबर-अक्तूबर में बारिश हुई। बरसात में प्रजनन का माहौल बना है। इसकी वजह से पीक आया है। पहले अक्तूबर में मामलों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही थी। अभी तक 5-15 के बीच डेंगू के अधिकतम मामले रहे हैं। इस हफ्ते के आखिर तक डेंगू के मामले कम होने की उम्मीद है।
लोकनायक अस्पताल में मरीज बढ़ते है तो प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं है। अगर किसी मरीज को डेंगू के लक्षण है तो वह तुरंत नजदीकी अस्पताल या डॉक्टर से संपर्क करें। एक लाख से कम प्लेटलेट्स कम होने की स्थिति में चिंता की जरूरत होती है।
डेंगू के लिए आइसोलेशन वार्ड तैयार
जीटीबी अस्पताल में डेंगू के लिए 36 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड तैयार कर रखा है। मरीजों के लिए मच्छरदानी की व्यवस्था भी की गई है। ताकि पहले से संक्रमित मरीज किसी और मच्छर जनित बीमारी के संपर्क में न आए। अस्पताल की इमरजेंसी में वायरल फीवर का स्तर अधिक है। लेकिन वह सामान्य है। क्योंकि मौसम बदल रहा है। हालांकि राहत भरी बात यह है कि अभी तक अस्पताल में डेंगू का कोई गंभीर मरीज नहीं आया है। जैसे कि किसी मरीज को डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हेमरेजिक फीवर का मामला सामने नहीं आया है।
यह बरतें सावधानियां
डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू से बचाव जागरूकता और सावधानियां हैं। लोग अपने घरों में और आसपास पानी को जमा न होने दें। साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। मच्छर को पनपने से रोकने की रोकथाम को लेकर कदम उठाएं। अगर डेंगू के कोई लक्षण हैं तो उपचार में लापरवाही न बरतें। पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर रखें। दवा का छिड़काव करवाएं। कमरे में मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
डेंगू के लक्षण
तेज बुखार
चक्कर आना
पेट में दर्द
बदन दर्द
शरीर पर चकते बनना
प्लेटलेट्स का कम हो जाना
नाक और मुंह से खून आना।
एक लाख से कम प्लेटलेट्स पर चिंता
डॉक्टरों ने बताया कि एक लाख से कम प्लेटलेट्स होने पर मरीज को चिंता करने की जरूरत है। ऐसी स्थिति में मरीज तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वहीं 50 हजार से कम प्लेटलेट्स होने पर अस्पताल में भर्ती होने के लिए चले जाएं।
नंबर गेम
26 अक्तूबर 2022 तक डेंगू के 2175 मामले सामने आ चुके हैं
बीते साल मौजूदा तारीख तक 1537 मामले सामने आए थे
2020 में डेंगू के 612 मामले सामने आए थे
2019 में 1069
2018 में 1595 मामले सामने आए थे।
सोर्स : दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट