Saturday, July 27, 2024
spot_img
HomeअपराधLife Imprisonment To JeM Terrorists : जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों को उम्रकैद...

Life Imprisonment To JeM Terrorists : जैश-ए-मोहम्मद के पांच आतंकियों को उम्रकैद की सजा, युवाओं को भड़काकर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की रच रहे थे साजिश

 दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 
नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के पांच आतंकियों (Terrorists) को उम्रकैद (Life Imprisonment) की सजा सुनाई है। इन आतंकियों पर आरोप है कि ये देश के युवाओं को भड़का रहे हैं और उन्हें आतंकी गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रशिक्षण दे रहे। एक अन्य आतंकी को पांच साल की सजा सुनाई गई है। ये आतंकी युवाओं को प्रशिक्षण देने के बाद उन्हें अपने ग्रुप में भर्ती करते हैं।

NIA ने मार्च 2019 में इनके खिलाफ FIR दर्ज की थी

सजा का आदेश विशेष न्यायाधीश शैलेंदर मलिक (Shailender Malik) ने दी। न्यायाधीश ने कहा कि सभी दोषी भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए एक दूसरे के साथ साजिश रच रहे थे। इन लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मार्च 2019 में प्राथमिकी दर्ज की और जांच शुरू की थी।

एक आतंकी को पांच साल कारावास की सजा दी गई

जिन आतंकियों को उम्रकैद की सजा दी गई है उनके नाम सज्जाद अहमद खान, बिलाल अहमद मीर, मुजफ्फर अहमद भट, इशफाक अहमद भट और महराज-उद-दीन चोपन है। न्यायाधीश ने मामले में एक अन्य दोषी तनवीर अहमद गनी को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। ये दोषी “न केवल जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य थे, बल्कि वे आतंकवादियों/ जैश के सदस्यों को हथियार / गोला-बारूद, रसद सहायता और विस्फोटक प्रदान करके उनकी व्यवस्था और शरण भी देते रहे हैं।”

सभी दोषी आतंकियों को Pakistan से Training दी गई थी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कहा कि दोषियों को पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के गुर्गों ने लक्ष्यों की टोह लेने, ठिकानों की व्यवस्था करने और आतंकवादियों को रसद सहायता प्रदान करने और भारत में आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए प्रशिक्षित किया था।

ये आतंकी धन देने से लेकर युवाओं को भर्ती करने तक को अंजाम दे रहे थे
न्यायाधीश ने कहा, “आरोपी जम्मू और कश्मीर के स्थानीय लोगों को उग्रवाद में जाने के लिए लुभाने / प्रेरित करने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए धन की व्यवस्था करने आदि में भी शामिल थे और इसलिए वे सभी धारा 120बी आईपीसी (120B IPC) के साथ-साथ यूए(पी) अधिनियम (18 of UA(P) Act) की धारा 18 के तहत दोषी ठहराए जाने के लिए उत्तरदायी हैं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments