दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Delhi Air Quality: दिल्ली में वायु गुणवत्ता की खराब होने की आशंका को देखते हुए एक बार फिर से निर्माण और औद्योगिक कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल (Centre Air Quality Panel) ने शुक्रवार (30 दिसंबर, 2022) को ग्रेडेड एक्शन रिस्पांस प्लान (Graded Action Response Plan) के चरण 3 के तहत प्रतिबंधों को लागू किया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता आज ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई।
केंद्रीय वायु गुणवत्ता पैनल (Centre Air Quality Panel) ने शुक्रवार (30 दिसंबर, 2022) को आयोजित बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में मौसम विभाग के पूर्वानुमान और दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक को लेकर बनने वाले हालात का आकलन किया। जीआरएपी के चरण 3 के तहत प्रतिबंधों में शामिल सभी कार्रवाइयों को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। जरूरी परियोजनाओं को छोड़कर पूरे दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
दिल्ली-एनसीआर के लिए अनुमोदित ईंधनों की मानक सूची के अलावा अन्य ईंधन से चलने वाले औद्योगिक संचालन पर प्रतिबंध रहेगा। ईंट भट्ठे, हॉट मिक्स प्लांट वगैरह दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में स्वीकृत ईंधन पर काम नहीं कर रहे हैं। इनका संचालन बंद किया जाएगा। स्टोन क्रशर, खनन और इससे जुड़ी गतिविधियों पर भी प्रतिबंध रहेगा। राज्य सरकारें पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा सकती हैं।
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बता दें, दिल्ली का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शुक्रवार को 399 पर रहा, जो गंभीर श्रेणी से सिर्फ दो पायदान नीचे है। वहीं गुरुवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक 306 दर्ज किया गया था। जबकि यह आंकड़ा बुधवार को एक्यूआई 321 था। फरीदाबाद का सूचकांक दिल्ली के मुकाबले अधिक रहा था, जबकि बहादुरगढ़, बल्लभगढ़, चरखी दादरी, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गुरुग्राम का सूचकांक दिल्ली से कम बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया था।
यह हैं ग्रैप के स्टेज
ग्रैप के स्टेज-1 को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के ‘खराब’ (201 से 300) में आते ही लागू कर दिया जाता है। दूसरे, तीसरे और चौथे चरण को क्रमशः एक्यूआई के ‘बहुत खराब’ श्रेणी (301 से 400), ‘गंभीर’ श्रेणी (401 से 450) और ‘बहुत गंभीर’ श्रेणी (450 से ऊपर) में आने पर लागू किया जाता है।