Friday, November 22, 2024
spot_img
Homeअन्यHooliganism : केशवपुरम में अवैध रूप से पुरानी गाड़ियां उठा ले जा...

Hooliganism : केशवपुरम में अवैध रूप से पुरानी गाड़ियां उठा ले जा रहे हैं फर्जी कर्मचारी !

महिला ने कर्मचारी पर लगाया गाड़ी उठाने और बदसुलूकी करने आरोप, पुलिस पर  समझौता कराने का दबाव बनाने का आरोप भी लगा रही है यह महिला, स्क्रेप योग्य गाड़ियां उठाने वाली पाइन व्यू कम्पनी और एमसीडी दोनों अपना कर्मचारी मानने से कर रहे हैं इनकार 

दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो 

इसे गुंडागर्दी कहें, कानून की ढीली पड़ती पकड़ कहें या फिर सब कुछ ताक पर रखकर अपनी मनमानी करना कि एक ओर एमसीडी चुनाव चल रहा है तो दूसरी ओर केशव पुरम क्षेत्र में पुरानी गाड़ियां घरों के सामने से उठा ली जा रही हैं। वह भी बिना कोई जानकारी दिए बिना। इतना ही नहीं गाड़ियां उठाने वाले लोगों पर महिलाओं के साथ बदसुलूकी करने का भी आरोप है। मामला इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि गाड़ी उठाने वाले व्यक्ति को न तो एमसीडी अपना कर्मचारी मान रही है और न ही स्क्रेप योग्य गाड़ियां उठाने वाली कम्पनी। 

दरअसल स्क्रेप योग्य गाड़ियां उठाने वाली कम्पनी पाइन व्यू कम्पनी के कर्मचारी पर अवैध रूप से गाड़ी उठाने और गाड़ी छोड़ने के बदले रिश्वत मांगने और महिला के साथ बदसुलूकी करने का आरोप है। उधर कम्पनी ने संबंधित महिला पर भी कर्मचारी को थप्पड़ मारने का आरोप लगाया है। यह सब कंपनी के नेताजी सुभास प्लेस ऑफिस में हुआ बताया जा रहा है। महिला के अनुसार उसकी गाड़ी दो बार उठाई गयी है। पहली बार गलती मानकर गाड़ी वापस कर दी गई थी। महिला का आरोप है कि कल रात फिर से उनकी गाड़ी उठा ली गई। 

हैरत की बात यह भी है कि जिस कर्मचारी पर ये सब आरोप लगे हैं उसे न तो पाइन व्यू कंपनी अपना कर्मचारी मान रही है और न ही एमसीडी। मतलब सब कुछ अवैध रूप से चल रहा है। यदि यह कर्मचारी इस कम्पनी और एमसीडी दोनों में से किसी का नहीं है तो फिर महिला पुलिस और एमसीडी अधिकारियों पर समझौता कराने का आरोप क्यों लगा रही है। 


दरअसल इस महिला का आरोप पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहा है। महिला ने आरोप लगाया है कि उसने चार घंटे पहले एनएसपी थाने में मामला दर्ज कराया था अब शिकायत पर कार्रवाई का इन्तजार करते हुए उसे 4 घंटे से ऊपर हो गए हैं पर कुछ नहीं हुआ है।  उल्टे उस पर समझौते का दबाव बनाया जा रहा है। महिला ने दबाव बनाने का आरोप उस पुलिस और एमसीडी अधिकारियों पर लगाया है जो इस व्यक्ति को अपना कर्मचारी मानने से इनकार कर रहे थे। मतलब सब कुछ पुलिस और एमसीडी अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है। 

इस महिला का कहना है कि वह सब कुछ बर्दाश्त कर सकती है पर उसकी अस्मिता से कोई खिलवाड़ करे वह कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इस महिला ने इन कर्मचारियों को सबक सिखाने की पूरी ठान ली है। मामले को लेकर दिल्ली दर्पण टीवी के प्रधान संपादक राजेंद्र स्वामी ने नॉर्थ वेस्ट डीसीपी ऊषा रंगनानी को मामले में संज्ञान लेने के लिए एक पत्र लिखा है।  उस पत्र में भी यही सब बाते लिखी हुई हैं। ज्ञात हो कि गत दिनों मॉडल टाउन क्षेत्र में भी इस तरह का एक मामला हो चुका है। वहां पर भी एक महिला ने कंपनी के बाउंसरों पर जबरदस्ती उसकी गाड़ी उठाने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। ये बाउंसर अपने को एनजीटी के कर्मचारी बता रहे थे पर आई कार्ड  मांगने पर ये लोग किसी तरह की पहचान नहीं दिखा पाए थे। बाद में जब आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी थाने में जाकर पुलिस से मिले तो उन्होंने गाड़ी उठाने और बाउंसरों को भी अवैध बताया था। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि यह सब कुछ अवैध है तो फिर चल कैसे रहा है ? 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments