ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा की 17 -18 तारीख को होने वाली बैठक ने हो सकते हैं बड़े निर्णय, अब आरपार की होगी लड़ाई : अभय देव शुक्ला
सी.एस. राजपूत
ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बैनर तले भुगतान को लेकर सहारा इंडिया के खिलाफ चल रहा आंदोलन अब जन आंदोलन में तब्दील होने वाला है। इस आंदोलन के निशाने पर अब सहारा से ज्यादा मोदी सरकार के साथ ही प्रदेश की सरकारें आने वाली हैं। दिल्ली जोन के नोएडा ऑफिस पर ऐतिहासिक आंदोलन की रूपरेखा संगठन का नेतृत्व बना रहा है। जानकारी यह मिल रही है कि 17-18 तारीख को होने वाली राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में बड़े निर्णय लिये जाने वाले हैं। हालांकि यह मीटिंग गुप्त रूप से होगी पर उम्मीद व्यक्त की जा रही है कि नोएडा ऑफिस पर बड़े आंदोलन की रूपरेखा बनाने के लिए इस मीटिंग के उत्तर प्रदेश में होने की ज्यादा संभावना है। इस मीटिंग में संगठन के उन कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया जा सकता है जो आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा की मीटिंग और नोएडा ऑफिस पर होने वाले आंदोलन के बारे में जब संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सहारा प्रबंधन पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। उनका कहना था कि अब उनकी रणनीति सहारा प्रबंधन से ज्यादा केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रहेगी। नोएडा ऑफिस पर दिये गये 15 दिन के अल्टीमेटम के पूरा होने के बारे में उन्होंने कहा कि इस बारे में 17 -18 को होने वाली मीटिंग में बड़ी रणनीति बनाई जाएगी। पूरे देश में भुगतान को लेकर सड़कों पर उतरे कार्यकर्ताओं की हौसला अफजाई करते हुए उन्होंने कहा कि अब सहारा और सरकार से उनकी लड़ाई आर-पार की होगी। निवेशकों और जमाकर्ताओं की पाई-पाई दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि उनका विश्वास अब हर तंत्र से उठता जा रहा है। अब तो वे लोग जनता की अदालत में ही जा रहे हैं। बस जनता पर ही विश्वास रह गया है। यही वजह है कि अब यह आंदोलन जन आंदोलन बनने वाला है।
गत माह 9 और 15 नवम्बर को देशभर में हुए निवेशकों और जमाकर्ताओं के आंदोलन का न केवल सहारा प्रबंधन बल्कि केंद्र सरकार पर भी असर पड़ने का दावा ऑल इंडिया जनांदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के नेता कर रहे हैं। गत दिनों सुब्रत राय की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगने की बात भी बाजार में चली थी पर सेबी और सहारा का विवाद जिस तरह से निपटने के बजाय गहराता जा रहा है उसके आधार पर नहीं कहा जा सकता है कि यह मामला इतनी जल्दी निपटने वाला है। सहारा सेबी से पैसा मांग रहा है तो सेबी ने सहारा पर और पैसा जमा करने का दबाव बना रखा है। इन दोनों के बीच यदि कोई पिस रहा है तो वह बेचारा निवेशक और जमाकर्ता है। जमाकर्ता तो अपने घरों पर भी नहीं जा रहे हैं। यही वजह है कि देशभर में जगह-जगह सहारा प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही हैं। जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिये जा रहे हैं।
दरअसल ऑल इंडिया जन आंदोलन संघर्ष न्याय मोर्चा के बैनर तले लड़ी जा रही यह लड़ाई अब पूरे देश में फैल गई है। उत्तर प्रदेश में खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय देव शुक्ला, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजन सिंह सूर्यवंशी और प्रदेश अध्यक्ष संसार सिंह के नेतृत्व में बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। १५ नवम्बर को जहां अभय देव शुक्ल को उत्तर प्रदेश पुलिस ने नजरबंद कर लिया था वहीं गोरखपुर में राजन सिंह सूर्यवंशी की गिरफ्तारी कर ली गई थी। संसार सिंह के नेतृत्व में दिल्ली जोन के नोएडा ऑफिस को घेरा गया था।
ऐसे ही मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय महासचिव नीरज शर्मा और प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सोलंकी ने मोर्चा संभाल रखा है। बिहार में राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल सिंह और प्रदेश अध्यक्ष मोहित कुमार की अगुआई में आंदोलन चल रहा है। मोहित कुमार ने प्रदेश में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देने का अभियान छेड़ रखा है। बिहार में बड़ी लड़ाई लड़े जाने का बड़ा कारण यह है कि सुब्रत राय की जन्मस्थली बिहार होने की वजह से यहां पर सबसे अधिक निवेश लोगों ने किया है।
झारखंड में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नागेंद्र कुशवाहा और प्रदेश अध्यक्ष प्रभात कुमार के नेतृत्व में आंदोलन चल रहा है। झारखंड में तो 15 नवम्बर का हुए आंदोलन को कई दिनों तक आगे बढ़ा दिया था। निवेशकों और जमाकर्ताओं ने कई दिनों तक शासन प्रशासन से मोर्चा लिया। ऐसे ही उड़ीसा में उत्तम कुमार ने आंदोलन को गति दे रखी है।
उधर ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार के बैनर तले संगठन के राष्ट्रीय संयोजक मदन लाल आजाद ठगी कंपनियों से निवेशकों का पैसा दिलवाने के लिए दूसरी भारत यात्रा पर निकले हुए हैं। मदन लाल आजाद को इस यात्रा में भारी सफलता मिल रही है। आज की तारीख में वह उत्तराखंड में विभिन्न जिलों में डीएम ऑफिस जा रहे हैं। इस यात्रा के बारे में मदन लाल आजाद का कहना है कि 23 मार्च को वे लोग दिल्ली कर्तव्य पथ पर विजय दिवस मनाएंगे। 23 मार्च तक देश के हर जिले में ठगी कंपनियों के खिलाफ बड्स एक्ट के तहत मामले दर्ज कराकर निवेशकों को उनका भुगतान कराया जाएगा। उन्होंने केंद्र सरकार को ललकारते हुए कहा है कि यदि समय रहते निवेशकों का पैसा न दिया गया तो फिर देशभर में निवेशक और जमाकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे। उनका कहना था कि जब लाइसेंस सरकारें देती हैं तो फिर निवेशकों का पैसा दिलवाने की जिम्मेदारी और जवाबदेही भी सरकारों की ही होती है।