महात्मा गांधी ने 30 वर्षों के जन आंदोलन से देश को आजादी दिलाई, स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी जी ने बड़े पैमाने पर महिलाओं को प्रेरित किया : अरविंद मोहन
श्याम सुंदर पसरीचा जी को दी गई श्रद्धांजलि
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
समाजवादी समागम द्वारा हिंद मजदूर सभा मुख्यालय दिल्ली में एम एस एस के महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में ‘महात्मा गांधी और समाजवाद’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधीवादी चिंतक, लेखक एवं वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन ने कहा कि गांधी जी ने 1917 से 1947 के बीच जन आंदोलन के माध्यम से देश को स्वतंत्रता दिलाने की ऐतिहासिक सफलता हासिल की। उन्होंने कहा कि जिस समय महिलाएं घरों से नहीं निकला करती थी, उस दौर में उन्होंने 20 हजार से अधिक महिलाओं को एकजुट करके अंग्रेजों को चुनौती दी ।
खादी, सांप्रदायिक सौहार्द और अछूत उद्धार उनके उल्लेखनीय कार्यक्रम रहे, जिन्होंने पूरे समाज पर असर डाला। गांधीजी ने खुद को कभी भी समाजवादी नहीं कहा लेकिन समाजवादी के तौर पर और समाजवादी दृष्टि के साथ जीवन जिया ।
उन्होंने कहा कि डा लोहिया की सप्तक्रांति और गांधीजी के 10 व्रतों में साम्य देखा जा सकता है।
अरविंद मोहन ने कहा कि गांधीजी के जीवन से जुड़े विभिन्न आयामों पर उन्होंने कई किताबें लिखी है लेकिन बहुत कुछ अध्ययन करना बाकी है। अरविंद मोहन ने गांधी जी के जीवन से जुड़े अनेक प्रश्नों के उत्तर भी दिए । कार्यक्रम का संचालन समाजवादी समागम के महामंत्री अरुण श्रीवास्तव ने किया । कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सुरेंद्र मोहन जी के योगदान को लेकर चर्चा हुई ।
प्रोफेसर राजकुमार जैन ने समाजवादी आंदोलन में सुरेंद्र मोहन का महत्वपूर्ण योगदान, जनता पार्टी और जनता दल के गठन तथा कार्यकर्ताओं को हर स्तर पर मदद करने की भूमिका का उल्लेख किया। सुभाष भटनागर ने निर्माण मजदूरों के लिए बने केंद्रीय कानूनों के निर्माण में, एनडी पंचोली ने मानव अधिकारों के क्षेत्र में, अमर सिंह ने राष्ट्र सेवा दल के विस्तार के लिए, महेंद्र शर्मा ने हिंद मजदूर सभा के नीति सिद्धांतों को लेकर, एस एस नेहरा ने मोदीनगर मजदूर आंदोलन, हरियाणा एच एम एस के अध्यक्ष एवं पश्चिम बंगाल एच एम एस के सचिव पुनित सिंह ने विभिन्न आंदोलनों में योगदान को लेकर विचार सांझा किए।
हरभजन सिंह सिद्धू ने अध्यक्षीय भाषण देते हुए बताया कि किस तरह सुरेंद्र मोहन जी एच एम एस द्वारा चलाए गए आंदोलनो में सक्रिय भागीदारी किया करते थे तथा उन्होंने श्रमिकों को तमाम अधिकार दिलाने के लिए कब कब और किस तरह से सरकार से संवाद कर मजदूरों को उनका हक दिलाए। डॉ. सुनीलम ने मुलताई किसान आंदोलन में सुरेंद्र मोहन जी की अहम एवं महत्वपूर्ण भूमिका और कार्यकर्ता निर्माण करने में उनकी भूमिका रेखांकित करते हुए दूसरे सत्र का संचालन किया।
कार्यक्रम में मौन रखकर श्यामसुंदर पसरीचा जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं समाजवादी चिंतक श्यामसुंदर पसरीचा जी को परिवार का सदस्य बतलाते हुए मंजू मोहन ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला ।