बालिकाओं को प्रोत्साहन, दूसरा बच्चा कन्या होने पर ही मिलेगा लाभ, योजना के प्रावधानों में किया गया बदलाव दूसरे बच्चे के मामले में कुछ शर्ते भी लागू
नोएडा । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब दूसरा बच्चा होने पर भी योजना का लाभ मिलेगा। केन्द्र सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। प्रदेश के लिए बजट का भी प्रावधान कर दिया गया है। गाइड लाइन भी जारी कर दी गयीं हैं बस केवल कार्यान्वयन का इंतजार है। योजना में पहले पहला बच्चा होने पर तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिये जाते थे। अब यह लाभ दूसरा बच्चा होने पर मिलेगा, पर कन्या होने पर ही राशि देने का प्रावधान किया गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. सुनील कुमार शर्मा ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के अंतर्गत अब दूसरा बच्चा होने पर भी लाभ मिलेगा। इस संबंध में भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव डा. राकेश गुप्ता पहले ही गाइड लाइन जारी कर चुके है, जिसके अनुसार योजना का लाभ पहले दो बच्चों को मिलेगा। पहला बच्चा होने पर पांच हजार रुपये और दूसरे बच्चा कन्या होने पर पांच हजार रुपये मिलेंगे। यानि दूसरा बच्चा कन्या होगी तो ही अतिरिक्त लाभ मिलेगा। योजना में यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़ोतरी हो और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लग सके।
योजना के नोडल अधिकारी एवं एसीएमओ डा. भारत भूषण ने बताया- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में कुछ बदलाव किये गये हैं। उन्होंने बताया दूसरा बच्चा होने पर पांच हजार रुपये का लाभ तो मिलेगा, लेकिन यदि कन्या पैदा होती है तो यह लाभ प्राप्त होगा I दूसरे बच्चे के मामले में गर्भधारण करने के साथ ही रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है और कम से कम छह माह के भीतर एक प्रसव पूर्व जांच (एनसी) होना जरूरी है। दूसरी किस्त की शर्त के तहत बच्चे का जन्म पंजीकरण होना अनिवार्य है। बच्चे को प्रथम चक्र का टीकाकरण भी पूर्ण होना चाहिए। इसका लाभ लाभार्थी के आधार कार्ड नंबर के आधार पर ही मिलेगा, ताकि गलत तरीके से कोई योजना का लाभ न ले सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) एक जनवरी 2017 से लागू है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 की धारा 4 के प्रावधानों के अनुसार- योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य में सुधार को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गयी थी। इसका उद्देश्य मां और बच्चे के लिए पोषण के साथ-साथ मजदूरी के नुकसान के लिए आंशिक मुआवजे के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करना है। ताकि महिला बच्चे के जन्म से पहले और बाद में पर्याप्त आराम कर सके और गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच स्वास्थ्य को लेकर व्यवहार में सुधार हो। दूसरे बच्चे के मामले में बालिकाओं के प्रति सकारात्मक व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया गया है। इसीलिए दूसरे बच्चे (कन्या) के लिए नकद प्रोत्साहन प्रदान करने की व्यवस्था की गयी है। नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया कि किसी अन्य योजना के तहत उपलब्ध अतिरिक्त प्रोत्साहन जैसे जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) का लाभ मिलता रहेगा। जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) में संस्थागत प्रसव के बाद महिला को छह हजार रुपये मिलते हैं।
दूसरा बच्चा होने पर किसको मिलेगा लाभ
महिला एससी एसटी वर्ग से हो, महिला 40 प्रतिशत या पूरी तरह दिव्यांग हो, महिला जन आरोग्य योजना में आती हो, आयुष्मान भारत के अंतर्गतमहिलाएं जिनके पास ई श्रम कार्ड हो, महिलाएं जिनके पास मनरेगा कार्ड हो, महिलाएं जिनकी पारिवारिक आय आठ लाख से कम हो, महिलाएं जो किसान सम्मान निधि क़ी लाभार्थी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, महिला बीपीएल कार्ड धारक हो।
योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक पारस गुप्ता ने बताया— योजना में अब तक कुल 46815 महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जा चूका है I जनपद गौतमबुद्ध नगर ने 87 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया हैI अब तक 19.64 करोड़ रुपये लाभार्थियों के खाते मेंट्रांसफर किये जा चुके हैंI लाभार्थी आशा, एएनम व ऑनलाइन स्वयं भी फॉर्म भर सकती हैंI दादरी, बिसरख, दनकौर, जेवर स्वास्थ्य इकाइयों पर इन फॉर्म को भरने के लिए आपरेटर उपलब्ध हैI