‘विश्व हिंदी दिवस’ के अवसर पर 10 जनवरी 10 बजकर 10 मिनट पर ‘विश्व हिंदी साहित्य रत्न सम्मान 2023 से सम्मानित किया गया। देश भर के 75 साहित्यकारों के इस प्रोग्राम को ‘फॉरएवर स्टार बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ में दर्ज किया गया है। युवा लेखक दम्पति भिवानी के गाँव बड़वा के निवासी है और साहित्य जगत के साथ- साथ दैनिक सम्पादकीय लेखन में सक्रिय है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
हिसार/भिवानी/कोटा। संगम अकादमी एवं पब्लिकेशन कोटा के द्वारा ‘विश्व हिंदी दिवस’ के अवसर पर 10 जनवरी को 10 बजकर 10 मिनट पर हरियाणा के भिवानी जिले के सिवानी उपमंडल के गांव बड़वा निवासी युवा लेखक सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ को देश के हिंदी भाषी 75 साहित्यकारों की सूची में शामिल किया गया. देश भर के 75 साहित्यकारों के इस प्रोग्राम को ‘फॉरएवर स्टार बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स’ में दर्ज किया गया है। संगम अकादमी हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए देश में एक अग्रणी संस्था है.
सत्यवान ‘सौरभ’ की 4 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है। यादें काव्य संग्रह, तितली है खामोश दोहा संग्रह, कुदरत की पीर निबंध संग्रह और अंग्रेजी में एक पुस्तक इश्यूज एंड पैंस प्रमुख पुस्तकें है; अभी एक पुस्तक संवाद प्रकाशनाधीन है। इनके लिखे दोहे न केवल हर किसी को पसंद आते हैं बल्कि लोग इनके लेखन के पीछे के उद्देश्य को भी भली-भांति समझ पाते हैं।
युवा लेखिका ‘प्रियंका सौरभ’ की, जो मौजूदा समय में महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं और अपनी कलम से नारी जगत के लिए आवाज उठा रही हैं। कविता के अलावा वे प्रतिदिन अपने संपादकीय लेखों से विभिन्न भाषाओं में लेखन कार्य कर रही हैं। उनकी तीन पुस्तकें हाल ही में प्रकाशित हुई हैं। इनमें सामाजिक और राजनीतिक जीवन की कड़वी सच्चाई को व्यक्त करने वाले निबंध ‘दीमक लगे गुलाब’ और आधुनिक नारी की समस्याओं से रूबरू कराने वाली ‘निर्भयाएं’ शामिल हैं। इन दो किताबों के अलावा हर क्षेत्र में महिलाओं की प्रगति पर आधारित अंग्रेजी में ‘द फीयरलेस’ किताब शामिल है।
सत्यवान ‘सौरभ’ एवं प्रियंका सौरभ हरियाणा के दैनिक संपादकीय लेखकों में है. इनका दोहा संग्रह ‘तितली है खामोश’ देशभर में काफी चर्चित रहा है. सत्यवान सौरभ एवं प्रियंका सौरभ की इस उपलब्धि पर सिवानी उपमंडल के साहित्यकारों, शिक्षकों, राजनीतिज्ञों और मित्रों ने शुभकामनाएं देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है.