कांग्रेस रोजाना मोदी से इस मुद्दे पर तीन सवाल पूछेगी : जयराम रमेश
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
Adani Row: अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी और शेयरों में हेराफेरी के आरोपों को लेकर रविवार को विपक्ष ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पूछा कि कंपनी कैसे जांच से बच गई ? वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने सरकार पर लोगों के विश्वास के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। हिंडेनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से हुए खुलासों के बाद विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति की लिस्ट में टॉप 20 में भी नहीं रहे। इस रिसर्च रिपोर्ट ने गौतम अडानी को भारी नुकसान हुआ है और अडाणी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है ।
Adani Row: कांग्रेस पूछेगी रोज तीन सवाल, जारी किया बयान
एक बयान ट्वीट करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 3 सवाल पूछे हैं। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि अडाणी समूह पर लगे गंभीर आरोपों के बीच मोदी सरकार ने चुप्पी साध रखी है जिससे किसी सांठ-गांठ का साफ इशारा मिल रहा है। प्रधानमंत्री ये कहकर बच नहीं सकते कि ‘हम अडाणी के हैं कौन’। आज से इस मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री मोदी से हर दिन तीन सवाल पूछेगी।
कांग्रेस प्रभारी जयराम रमेश ने तीन सवाल किए। उन्होने कहा कि गौतम अडाणी के भाई विनोद का नाम पनामा और पेंडोरा पेपर्स में किसी ऐसे व्यक्ति के रूप में लिया गया है जो अपतटीय संस्थाओं का संचालन करता है और उस पर स्टॉक हेरफेर में शामिल होने का आरोप है। इस तथ्य से क्या पता चलता है कि जिस व्यावसायिक इकाई से आप भली-भांति परिचित हैं, वह गंभीर आरोपों का सामना कर रही है, जो हमें आपकी जांच की गुणवत्ता और ईमानदारी के बारे में बताती है?
बयान में कांग्रेस ने आगे लिखा कि मोदी सरकार ने अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने और साथ नहीं चलने वाले व्यापारिक घरानों को सजा देने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और राजस्व खुफिया निदेशालय जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग किया है। अडाणी ग्रुप के खिलाफ वर्षों से गंभीर आरोपों की जांच के लिए क्या कार्रवाई की गई है?
जयराम रमेश ने पूछा यह कैसे संभव है कि भारत के सबसे बड़े व्यापारिक समूहों में से एक, जिसे हवाई अड्डों और बंदरगाहों में एकाधिकार बनाने की अनुमति दी गई है, लगातार आरोपों के बावजूद इतने लंबे समय तक गंभीर जांच से बच सकता है? क्या अडाणी समूह उस व्यवस्था के लिए आवश्यक था जिसने इतने वर्षों तक भ्रष्टाचार विरोधी बयानबाजी से लाभ उठाया है?
रविदास जयंती के मौके पर जारी एक बयान में मायावती ने कहा कि यह मुद्दा देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेगा। उन्होंने कहा कि यह “दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार इस मुद्दे पर देश के लोगों को भरोसे में नहीं ले रही है। यह चिंता का एक नया कारण है। सरकार ऐसे मामलों का समाधान निकालने के बजाय नए-नए वादे कर रही है और लोगों की उपेक्षा कर रही है।