Delhi हाई कोर्ट ने लगाई मेयर के स्टैडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव को अमान्य घोषित करने पर रोक, सुप्रीम कोर्ट जा सकती है आप !
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
दिल्ली की एमसीडी अब दिल्ली का विकास करने वाला सदन नहीं रहा है बल्कि नेताओं के लड़ने का अखाड़ा बन गया है। लड़ाई चाहे सदन में जूतमपैजार की हो या फिर कोर्ट में दांव पेंच की आप और बीजेपी दोनों ही पार्टियों में जैसे होड़ सी लगी हो। मेयर चुनाव में एलजी और बीजेपी की मनमानी के चलते आप को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा था और मेयर आप का बन गया। अब स्टैडिंग कमेटी के छह सदस्यों के चुनाव में जमकर जूतमपैजार हुई और बीजेपी को हाई कोर्ट जाना पड़ा। हाई कोर्ट ने फैसला बीजेपी के पक्ष में देकर फिर से चुनाव नहीं कराने का आदेश दिया है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि हर मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने वाली आप क्या हाई कोर्ट का फैसला मान लेगी ? कहीं सोमवार को आम आदमी पार्टी सुप्रीम कोर्ट न पहुंच जाये। वैसे भी अभी हाई कोर्ट में सुनवाई होनी है।
दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने एमसीडी की स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों के 27 फरवरी को फिर से चुनाव कराने को लेकर मेयर शैली ओबरॉय की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस सम्बंध में दो बीजेपी पार्षद- शिखा राय और कमलजीत सेहरावत की ओर से दायर याचिका पर मेयर, एलजी ऑफिस और एमसीडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसके अलावा कोर्ट ने मेयर को बैलटबॉक्स, पेपर, सीसीटीवी फुटेज के अलावा 24 फरवरी को हुए चुनाव से जुड़ी जानकारियों को सुरक्षित रखने का आदेश दिया है।
कोर्ट ने मेयर के फैसले को नियमों के खिलाफ माना
हाई कोर्ट ने कहा है कि मेयर शैली ओबेरॉय का पहले हुए चुनाव का परिणाम घोषित किये बगैर नए सिरे से चुनाव करना नियमों ( रेगुलेशन 51- न्यू दिल्ली म्युनिसिपल कारपोरेशन रेगुलेशन, 1997) का उल्लंघन है। कोर्ट का कहना है कि नियमों के मुताबिक मेयर को ये अधिकार ही नहीं है कि वो स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव को इस तरह अमान्य घोषित कर दें। कोर्ट ने कहा कि 27 फरवरी को चुनाव कराने से कुछ हासिल नहीं होगा। लिहाजा वो मेयर के 24 फरवरी को जारी नोटिस पर अगली सुनवाई तक रोक लगा रहा है। मतलब 27 फरवरी को भी स्टैंडिंग कमेटी का मामला नहीं निपटने जा रहा है। आप दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें
दो बीजेपी पार्षद शिखा राय और कमलजीत सेहरावत ने एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के फिर से चुनाव कराने के मेयर के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। शनिवार को अवकाश के दिन हाई कोर्ट की स्पेशल बेंच ने सुनवाई की। पार्षदों की ओर से महेश जेठमलानी पेश हुए। कोर्ट को बताया गया कि स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों का चुनाव 24 फरवरी को ही चुका है, लेकिन मेयर ने बिना चुनाव परिणाम घोषित किये उसी दिन फिर से चुनाव कराने का नोटिस जारी कर दिया। मेयर का ये फैसला मनमाना और नियमों के खिलाफ है।
वहीं दूसरी ओर मेयर की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि पार्षदों के सदन के अंदर गैरवाजिब व्यवहार के चलते और मेंबर सेक्रेटरी और टेक्निकल एक्सपर्ट का मेयर को सहयोग न मिलने के चलते उनके पास 24 फरवरी को हुए चुनाव की अमान्य घोषित कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।