दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि 12 कक्षा में पढ़ने वाली दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग होगी। कोर्ट ने आगे कहा कि एक बड़ी लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि यह बड़ा हास्यास्पद है कि 12 कक्षा में पढ़ने वाली दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग होगी। जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने पक्षकारों के बीच समझौते के आधार पर दुष्कर्म के मामले को रद्द करने की याचिका की सुनवाई करने के दौरान सवाल किया कि कैसे इस मामले में POCSO अधिनियम की धारा 6 कैसे लागू की गई है।
जस्टिस के सवाल पर राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अभियोजक ने कहा, ” चूंकि, घटना के समय पीड़िता कक्षा 12वीं में पढ़ रही थी, इसलिए माना गया कि वह नाबालिग होगी और इसलिए, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 को हटा दिया गया है।
कोर्ट ने तर्क को माना हास्यास्पद
प्रॉसीक्यूटर के दाखिल जवाब पर कोर्ट ने बेहद हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि कोई यह कैसे मान सकता है कि दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग है। कोर्ट ने आगे कहा कि एक बड़ी लड़की भी 12वीं कक्षा में हो सकती है। दिल्ली हाईकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 7 मार्च को निर्धारित की है।
2022 का है यह मामला
बता दें कि यह मामले 2022 का है। एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने और आपराधिक रूप से डराने-धमकाने के आरोप में एक व्यक्ति के खिलाफ दिल्ली के सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके प्राथमिकी रद्द करने की मांग की गई।
प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए तर्क दिया गया कि दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझ गया है और नवंबर 2022 में शादी करने के बाद पुरुष और लड़की खुशी-खुशी साथ रह रहे हैं।