उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों को लेकर दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि संपत्तियों को सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। कोर्ट ने 5 पर आरोप तय करने का आदेश दिया है।
पूर्वी दिल्ली, जागरण संवाददाता। उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगे में स्कूल, घर व दुकानें जलाने के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने पांच लोगों पर आगजनी, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने समेत कई आरोप तय करने का आदेश किया है। आरोपित फैसल फारूक, मोहम्मद परवेज, अशरफ अली, सोनू सैफी और अनीश कुरैशी के खिलाफ मामला आगे चलाने की मंजूरी कोर्ट ने प्रदान कर दी है।
कोर्ट की दंगों को लेकर तीखी टिप्पणी
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचल के कोर्ट ने आदेश में कहा कि आरोपितों ने सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए हिंदुओं की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। आरोपित फैसल ने भीड़ को ऐसा करने के लिए उकसाया। कोर्ट ने इन आरोपितों पर लगे हत्या के प्रयास और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप को साक्ष्यों के अभाव में हटा दिया।
स्कूल और दुकानों में भीड़ ने लगाई थी आग
कोर्ट ने कहा कि इसमें पुलिस की तरफ से लापरवाही रही है, वह एमटीएनएल और बीएसईएस को हुए नुकसान को रिकार्ड पर नहीं ला पाई। नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर का विरोध कर रही भीड़ ने दयालपुर थाना क्षेत्र में 25 फरवरी 2020 को डीआरपी पब्लिक स्कूल और उसके आसपास मकानों व दुकानों में आग लगा दी थी। आरोप था कि दंगाई भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के साथ उन पर गोलियां चलाईं।
जानबूझकर संपत्ति को पहुंचाया नुकसान
जानबूझकर हिंदुओं की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था। इस मामले में पुलिस ने पड़ोस के राजधानी पब्लिक स्कूल के मालिक फैसल फारूक के साथ मोहम्मद परवेज, अशरफ अली, सोनू सैफी और अनीश कुरैशी को आरोपित बनाया था। आरोप लगाया गया था कि इस राजधानी पब्लिक स्कूल पर दंगाई एकत्र थे और फैसल ने उन्हें उकसाया।
इस मामले में आरोपों के बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पांचों पर साजिश रच कर घटना को अंजाम देने व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप तय करने का आदेश किया। फैसल पर लोगों को उकसाने का आरोप भी लगाया, लेकिन इसे छोड़ कर बाकी चार पर गैर कानूनी समूह में शामिल होने का आरोप लगाया।