-राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी
आखिरकार दिल्ली को नया मेयर मिल गया है। मतलब दिल्ली दर्पण टीवी का दावा सच साबित हो गया है। दिल्ली दर्पण टीवी के लाइव कार्यक्रम मेयर चुनाव पर सुप्रीम फैसला, अब दिल्ली को मिलेगा मेयर में आम आदमी पार्टी के मेयर बनने का दावा किया गया था। दिल्ली को नया मेयर आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय के रूप में मिला है। दिल्ली नगर निगम मेयर चुनाव में आम आदमी पार्टी ने जबरदस्त जीत दर्ज की है। यह अपने आप में दिलचस्प है कि शैली ओबरॉय मात्र एक महीने के लिए ही मेयर चुनी गयी हैं। तीन बार चुनाव के हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद दिल्ली को मेयर सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद मिला है। वैसे भी दिल्ली दर्पण टीवी के लाइव कार्यक्रम में स्पष्ट कर दिया गया था कि दिल्ली को अब मेयर मिल जायेगा। इस कार्यक्रम में भी बोल दिया गया था कि अब आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी शैली ओबेरॉय का जितना तय है।
दरअसल शैली ओबेराय के सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में जब कहा कि एलजी वीके सक्सेना द्वारा नियुक्त किये गए 10 एल्डर सदस्य मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे तो राजनीति के जानकर लोगों ने कह दिया था कि अब दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मेयर बनेगा। सिविक सेंटर में चुनाव तीन बार हंगामे की भेंट चढ़ जाने के बाद चौथी बार दिल्ली नगर निगम के मेयर का चुनाव शान्ति पूर्वक सम्प्पन्न हो गया है और बीजेपी के 15 साल की सत्ता का तख्ता पलट कर दिया गया है।
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आम आदमी पार्टी की शैली ओबेरॉय आम आदमी पार्टी की पहले मेयर होंगी। देखने की बात यह भी है कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया दोनों ने चुनाव परिणाम आने से पूर्व ही ट्वीट कर जीत का ऐलान कर दिया था। इसके तुरंत बाद हॉल में आम आदमी पार्टी ने जीत के नारे लगाने शुरू कर दिए थे। आप ने इसे दिल्ली की जनता की जीत बताते हुए कहा है कि बीजेपी की गुंडई हार गयी है और आम आदमी पार्टी की सच्चाई जीत गयी है।
आखिरकार दिल्ली को नया मेयर मिल ही गया
दरअसल कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सुबह 11 बजे से शुरू मेयर के लिए मतदान शुरू हो चुका था। बीजेपी की ओर से मेयर पद की प्रत्याशी रेखा गुप्ता समेत कई नेताओं और सांसदों ने कहा था कि चुनाव परिणाम चौंकाने वाले होंगे। बीजेपी नेताओं के इन बयानों ने आम आदमी पार्टी की धड़कने बढ़ा दी थी। हालांकि पार्षद आम आदमी पार्टी के ज्यादा होने की वजह से धड़कने बीजेपी नेताओं की भी बढ़ी हुई थी। फिर भी बीजेपी नेता कहते सुने गए थे कि आम आदमी पार्टी के कई पार्षद दिल्ली के विकास के नाम पर बीजेपी को वोट देंगे।
यह भी दिलचस्प है कि भले ही दोनों पार्टियों को क्रॉस वोटिंग का डर था पर चुनाव परिणाम आये तो ज्यादा फर्क नजर नहीं आया। केवल ही एक पार्षद ने ही क्रॉस वोटिंग किया और दो निर्दलीय पार्षदों ने भी बीजेपी के पक्ष में ही वोट किया। 150 वोट हासिल कर आम आदमी पार्टी जीत कर इतिहास बना दिया। बीजेपी को 116 वोट मिले हैं। आम आदमी पार्टी इस इस जीत से उत्साहित है और उम्मीद कर रही है कि वह स्थाई समिति और डिप्टी मेयर का चुनाव भी आसानी से जीत लेगी। इस जीत के बाद आम आदमी पार्टी बीजेपी पर हमलावर है। इस जीत के बाद आम नेता सौरभ भारद्वाज ने कांग्रेस पर भी बीजेपी को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है।
आम आदमी पार्टी का मेयर बनने के बाद अब बीजेपी स्टैंडिंग कमेटी को कब्जाने पर पूरा जोर लगाएगी। दरअसल दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति सबसे ज्यादा शक्तिशाली समिति मानी जाती है। यह चुनाव भी दोनों के लिए आसान नहीं है। स्थाई समिति के लिए कुल 18 सदस्यों का चुनाव होना है। इन 18 सदस्यों में 6 सदन से चुनकर आते हैं और 12 जोन से एक एक सदस्य चुनकर आता है। देखने की बात यह है कि एलजी वीके सक्सेना ने तीन ज़ोन में बीजेपी से जुड़े नेताओं को पार्षद मनोनीत कर बीजेपी को लाभ पहुंचाया है। बावजूद इसके यहाँ मुकाबला दोनों के लिए आसान नहीं है।
मेयर चुनाव के बाद अब डिप्टी मेयर और स्थाई समिति के चुनाव करने की जिम्मेदारी मेयर शैली ओबेरॉय की है। डिप्टी मेयर के बनने में आम आदमी पार्टी को कोई दिक्कत आती नजर नहीं आ आ रही है पर स्टैंडिंग कमेटी के लिए तगड़ा मुकाबला होगा।
दरअसल सदन में कुल 274 वोट हैं। इनमें 250 पार्षद , 7 लोकसभा और 3 राज्यसभा सांसद , 14 विधायक हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब एलजी साहब द्वारा नियुक्त 10 निगम पार्षद वोट नहीं दे सकेंगे।
दरअसल आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया था कि पीठासीन अधिकारी आप का बनाना था पर एलजी वीके सक्सेना ने पीठासीन अधिकारी बीजेपी का बना दिया। दरअसल मुकेश गोयल सबसे वरिष्ठ पार्षद हैं। जो एल्डरमैन दिल्ली सरकार की सिफारिश पर ही आये हैं वे एलजी ने मनमानी करते हुए दिल्ली सरकार को बाईपास कर नियुक्त कर दिया थे। आम आदमी पार्टी का आरोप रहा है कि नियुक्त निगम पार्षद भी मेयर और स्थाई समिति में वोट डालेंगे तो ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ है। इसे आम आदमी पार्टी ने असंवैधानिक करार दिया था। दरअसल 12 जोन में से बीजेपी के पास चार जोन में स्पष्ट बहुमत है। वे जोन केशव पुरम जोन, नजफगढ़ जोन, शाहदरा नॉर्थ और शाहदरा साउथ जोन हैं।
उधर आम आदमी पार्टी के पास 8 जोन में बहुमत है। ये जॉन सेंटट्रल, सिटी यानी सदर पहाड़गंज, सिविल लाइन, करोल बाग़, नरेला, रोहिणी, साउथ और वेस्ट हैं। पर समझने की बात यह भी है कि इन जोन में 3 जोन ऐसे हैं, जहाँ बीजेपी ने खेल किया हुई है। आम आदमी पार्टी का आरोप है की दिल्ली के एलजी बीजेपी कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे है। उन्होंने दिल्ली सरकार को बाईपास कर जो 10 निगम पार्षद मनोनीत किये हैं वे सभी बीजेपी कार्यकर्ता हैं। वे ऐसे जोन में नियुक्त किये हैं, जहाँ जोन चुनाव में बीजेपी को लाभ पहुंच सके। ये जोन है सिविल लाइन, नरेला और सेंट्रल जोन हैं।
समझिये इस अंकगणित को
सिविल लाइन- सिविल जोन में आम आदमी पार्टी के 9 पार्षद तो बीजेपी के 6 पार्षद हैं। अब एलजी वीके सक्सेना ने इस जोन में 4 पार्षद नियुक्त कर दिए हैं। लिहाज़ा यहाँ बीजेपी के पार्षदों की संख्या 10 हो गयी। .यानी अब यहाँ चेयरमैन और डिप्टी चैयरमैन बीजेपी का बन सकेगा, वहीं स्थायी समिति का सदस्य भी बीजेपी का ही बन जाएगा।
नरेला जोन में आप के 10 पार्षद तो बीजेपी के 6 पार्षद हैं। यहाँ एलजी साहब ने 4 पार्षद नियुक्त किये हैं। यानी अब यहां बीजेपी की संख्या आप के बराबर यानी 10 हो गयीहै। नार्थ एमसीडी का यह वही नरेला जोन है, जहाँ आम आदमी पार्टी ने बीजेपी का बहुमत होते हुए भी अपना चेयरमैन बना लिया था। अब बीजेपी यहां उसी का बदला ले सकती है। यानि यहां फैसला या तो टॉस से होगा या फिर अपना चैयरमैन बनाने के लिए दोनों पार्टियों को एक पार्षद जा जुगाड़ करना पड़ेगा।
इसी तरह सेंट्रल जोन में आम आदमी पार्टी के 13 और बीजेपी के 10 पार्षद हैं। एलजी साहब ने यहाँ 2 पार्षद नियुक्त किये। यानी अब यहाँ बीजेपी की संख्या 12 हो गयी है। यहाँ कांग्रेस और अन्य के भी दो पार्षद हैं। यानी बीजेपी इनकी मदद से यहाँ भी जोन में अपनी सत्ता बना सकती है। स्थायी समिति का सदस्य हासिल कर लेगी। बेशक कांग्रेस को यहाँ कोई पद देना पड़े।
कुल मिलाकर मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के बाद एमसीडी में सबसे मजबूत समिति स्थायी समिति में बीजेपी कब्जा करने की कोशिस करेगी। लेकिन अब बदले माहौल में यह भी इतना आसान नहीं होगा। पहले बीजेपी की कोशिश थी कि वह सदन में 6 में से तीन सीटें हासिल कर लें। उसके बाद 12 जोन में से 7 जोन से वह स्थायी समिति सदस्य हासिल कर स्थायी समिति पर भी कब्जा कर लें। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं की मेयर -डिप्टी मेयर चुनाव में मात खाने के बाद वह स्टैंडिंग कमेटी पर कब्जा कर पाती है या नहीं।
दरअसल आप को सबसे ज्यादा झटका कांग्रेस ने दिया है। आप को यकीन था कि कांग्रेस के पार्षद किसी भी हालत में बीजेपी के पाले में नहीं जाएंगे। इसके लिए “आप ” ने कांग्रेस अध्यक्ष से भी सीधी बात की लेकिन बीजेपी ने इसे भी मैनेज कर लिया। आखिर कांग्रेस को इससे क्या मिला, क्यों वह बीजेपी का साथ देने को तैयार हो गयी ?
बीजेपी और कांग्रेस के बीच डील !
एलजी वीके सक्सेना ने कांग्रेस के मुस्लिम पार्षद को साजिया दानिक्स को दिल्ली हज कमिटी का सदस्य बना दिया था वह भी शपथ ली से पहले। आप के निगम पार्षद विकास गोयल ने एक टीवी चैनल पर सवाल उठाया था कि एलजी साहब ने बिना शपथ लिए पार्षद को कैसे हज कमेटी का सदस्य बना दिया ? विकास गोयल ने के नेशनल टीवी चैनल पर यह भी दावा किया कि सेंट्रल जोन में बीजेपी कांग्रेस को सेंट्रल जोन का चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का पद देकर उनसे स्थायी समिति का वोट लेने की डील की है। यानि इस जोन में कांग्रेस केवल दो पार्षदों के होते हुए भी यहाँ कांग्रेस अपना कब्जा कर सकती है।
इस जोन में आप के 13 पार्षद हैं। बीजेपी के 10 और कांग्रेस और अन्य के 2, ये अन्य तो दो इस जोन में सत्ता की चाबी है, जिसे बीजेपी ने देकर स्थाई समिति के चाबी लेने की रणनीति बनाई है लेकिन आप ने फिलहाल तो इनका खेल बिगाड़ ही दिया है। यानि कि बीजेपी के सारी रणनीति आम आदमी पार्टी ने बिगाड़ दी है। लेकिन अब आगे क्या होगा। अब “आप ” काफी सतर्क जरूर हो गयी है। अब देखना यह है कि उसके पास इस रणनीति का तोड़ क्या है ?