मेले की रविवार की शाम भोजपुरी और अवधी संस्कृति के नाम रही, मेले की रविवार की शाम भोजपुरी और अवधी संस्कृति के नाम रही। मौका था प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति का। कार्यक्रम की शुरुआत में ही मालिनी अवस्थी ने धर्म संस्कृति के रंग बिखेरे।
दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
फरीदाबाद । मेले की रविवार की शाम भोजपुरी और अवधी संस्कृति के नाम रही। मौका था प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी की प्रस्तुति का। कार्यक्रम की शुरुआत में ही मालिनी अवस्थी ने धर्म संस्कृति के रंग बिखेरे। उन्होंने शुरुआत देवी मां से याचना के साथ की।
मालिनी अवस्थी ने बांधा समां
मुख्य चौपाल पर आयोजित कार्यक्रम में मालिनी अवस्थी ने प्रभु श्रीराम जी के जन्म पर सुंदर गीतों की प्रस्तुति दी-राजा दशरथ जी के घर मा आज जन्मे ललनवा। इस दौरान रंग बिरंगी रोशनी के बीच नाट्यशाला का माहौल मदमस्त हो गया था। कार्यक्रम का आकर्षण तब बढ़ गया जब मालिनी अवस्थी मंच से उतरकर दर्शकों के बीच गई, तो दर्शक भी बैठे-बैठे थिरकने लगे थे। कई लाेग तो अपने आपको नहीं रोक पाए और मालिनी की प्रस्तुति के साथ झूमते हुए नजर आए। मालिनी अवस्थी ने भक्तिरस से परिपूर्ण गीतों की प्रस्तुति दी और मेले की रविवार की शाम को हसीन कर दिया।
क्या कहा मालिनी अवस्थी ने ?
मालिनी अवस्थी ने कहा कि सूरजकुंड उनका अपना घर है। यहां आकर उन्हें अच्छा लगता है, साथ ही कहा कि किसी भी कार्यक्रम में दर्शकों के बीच जाकर अपनी प्रस्तुति देना उन्हें अच्छा लगता है। इससे दर्शक उनके साथ सीधे रूप से जुड़ जाते हैं। उन्होंने अवध की संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें अपनापन और भाईचारा है।