चिट फंड योजना के नाम पर 36 लोगों से 20 करोड़ निवेश करवा ठगी करने वाले पंजाब एंड सिंध बैंक के सेवानिवृत्त मैनेजर समेत उसके परिवार के दो अन्य सदस्यों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।
नई दिल्ली । चिट फंड योजना के नाम पर 36 लोगों से 20 करोड़ निवेश करवा ठगी करने वाले पंजाब एंड सिंध बैंक के सेवानिवृत्त मैनेजर समेत उसके परिवार के दो अन्य सदस्यों को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है।
सभी निवेशक राजौरी गार्डन, पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले हैं। 2019 से सेवानिवृत्त मैनेजर परिवार समेत भूमिगत हो गया था। कोर्ट ने सभी सभी को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया था। तीनों को बहुत मुश्किल से मध्य प्रदेश के पन्ना से गिरफ्तार किया गया। ये वहां पहचान बदल कर छिपे हुए थे।
डीसीपी आर्थिक अपराध शाखा अन्येष राय के मुताबिक गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम इकबाल बहादुर सिंह बावेजा उर्फ इकबाल सिंह बावेजा, परमीत सिंह बवेजा व जसनीत कौर बवेजा है। सुरजीत सिंह आनंद 2019 में आर्थिक अपराध शाखा ने शिकायत कर आरोप लगाया था कि इकबाल सिंह बावेजा, परमीत सिंह बवेजा, जसनीत कौर बवेजा और तजिंदर कौर बवेजा, रिजाक चिट फंड व पीएसबी चिट फंड के नाम से चिट फंड कंपनी चला रहे थे।
इन्होंने राजौरी गार्डन में कंपनी खोली थी और एक बैंक्वेट हाल भी खोल रखा था। आरोपित ने बड़े पैमाने पर जनता को निवेश के लिए प्रेरित किया था और उन्हें अच्छे रिटर्न की गुलाबी तस्वीरें दिखाई थीं। जिससे विश्वास में आकर लोगों ने चिट फंड के नाम पर 20 करोड़ रुपये निवेश कर दिए थे। बड़ी राशि प्राप्त करते ही सभी दिल्ली छोड़ अज्ञात स्थान पर भाग गए थे।
2 दिन की पुलिस रिमांड
जांच के दौरान सभी पीड़ितों के बयान दर्ज किए गए, जिन्होंने आरोपित परिवार के खिलाफ आरोप लगाया था। उनके संबंधित बैंक स्टेटमेंट की जांच की गई और आरोपितों को गिरफ्तार करने के प्रयास किए गए लेकिन कई सालों तक पुलिस को सफलता नहीं मिली, जिससे अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया। एसीपी शचींदर मोहन शर्मा की देखरेख में एसआइ निरंजन कुमार, अविनाश, सिपाही विकास व संतोष की टीम ने तकनीकी मदद से आरोपितों को मप्र के पन्ना में ट्रेस कर उन्हें दबोच लिया। तीनों को कोर्ट में पेश कर दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
इकबाल सिंह बावेजा, पंजाब एंड सिंध बैंक का रिटायर्ड अधिकारी है। उसने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद अपनी सेवानिवृत्ति पर प्राप्त धन से चिट फंड कंपनी पंजीकृत की। इसके बाद उसकी पत्नी तजिंदर कौर बवेजा, पुत्र परमीत सिंह बवेजा और बहू जसनीत कौर बवेजा चिट फंड व्यवसाय में शामिल हो गईं। वे उच्च ब्याज दरों पर धन प्राप्त करते थे और फिर उसे घुमाते थे। उन्होंने अपने निवेशों के विरुद्ध सुरक्षा के रूप में जनता को चेक, वचन पत्र, भुगतान रसीदें आदि भी जारी किए थे।