Friday, November 8, 2024
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Delhi : मार्च में हुई रिकॉर्ड तोड़ बारिश, 15 साल में तीसरी बार हुई सबसे ज्यादा वर्षा, तापमान भी औसत से 2 डिग्री रहा कम

माह के अंतिम दिन शुक्रवार (31 मार्च) को भी कमोबेश यही स्थिति बने रहने का पूर्वानुमान है, दिल्ली में मार्च का यह महीना 15 वर्षों के दौरान तीसरा सर्वाधिक वर्षा वाला रहा है। माह की औसत सामान्य वर्षा है 17.1 मि मी जबकि बृहस्पतिवार (30 मार्च) रात साढ़े बजे तक यह 51.8 मिमी यानी 300 प्रतिशत से भी ज्यादा पहुंच गई।

नई दिल्ली । साल दर साल बदलते माैसम से मार्च का महीना भी अछूता नहीं रह सका है। फरवरी का महीना जहां देशभर में 146 वर्षों का सबसे गर्म रहा था, वहीं मार्च अपेक्षाकृत ठंडा रह सकता है। अगर दिल्ली की ही बात करें तो बृहस्पतिवार (30 मार्च) तक माह का औसत अधिकतम तापमान सामान्य 34 डिग्री की तुलना में दो डिग्री नीचे करीब 32 डिग्री चल रहा था। माह के अंतिम दिन शुक्रवार (31 मार्च) को भी कमोबेश यही स्थिति बने रहने का पूर्वानुमान है।


दूसरी तरफ दिल्ली में मार्च का यह महीना 15 वर्षों के दौरान तीसरा सर्वाधिक वर्षा वाला रहा है। माह की औसत सामान्य वर्षा है 17.1 मि मी जबकि बृहस्पतिवार (30 मार्च) रात साढ़े बजे तक यह 51.8 मिमी यानी 300 प्रतिशत से भी ज्यादा पहुंच गई। पालम में 15.0 मिमी की तुलना में 80.8 मिमी जबकि लोधी रोड पर 17.1 मिमी के बनिस्पत 36.4 मिमी रही है। पीछे मुड़कर देखें तो 15 साल में 10 बार भी मार्च में वर्षा सामान्य नहीं रही। इस मार्च को भी मिलाकर तीन बार राजधानी सूखी ही रही, जबकि सात बार औसत से भी काफी कम बारिश दर्ज की गई।

जानकारी के मुताबिक मार्च माह में औसत वर्षा का आंकड़ा 17.1 मिमी है, लेकिन 2009 से लेकर 2023 तक केवल 2014, 2015, 2016, 2020 और 2023 ही ऐसे वर्ष रहे हैं जब दिल्ली में अच्छी बरसात हुई। मार्च 2020 में तो राजधानी में अत्यधिक वर्षा का आलटाइम रिकार्ड भी बना। अन्य सालों में स्थिति बहुत ही दयनीय रही है। 2010, 2018 और 2022 में बरसात ने मार्च से बिल्कुल ही मुंह मोड़ लिया। बीच के सालों में भी वर्षा के नाम पर बस खानापूर्ति ही हुई है।


2009 से 2023 तक मार्च में कब कितनी हुई बरसात (मिमी में)?
वर्ष बरसात
2009 9.6
2010 0
2011 3.7
2012 6.2
2013 10.9
2014 33.4
2015 97.4
2016 34.8
2017 11.1
2018 0
2019 12.2
2020 109.6
2021 3.6
2022 0


”2 दशक में जलवायु परिवर्तन का असर तेजी से बढ़ा”

पिछले दो दशक के दौरान ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का असर तेजी से बढ़ा है। चरम मौसमी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है। यही वजह है कि मार्च 2020 में बरसात का आलटाइम रिकार्ड बन गया तो इस साल बरसात 300 प्रतिशत ज्यादा हो गई। इस साल मार्च के दूसरे पखवाड़े के दौरान मौसम में ठंडक भी बनी रही है, जिससे यह मार्च पिछले वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत ठंडा रह सकता है। संभव है कि यह स्थिति भी केवल दिल्ली में ही नहीं बल्कि देशभर में बन जाए।

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