शुक्रवार सुबह छह बजे रोजा शुरू करने से पूर्व सहरी खाकर पूरा परिवार सो गया। इसके बाद अचानक घर में आग लगी और पूरे घर में धुंआ फैल गया। परिवार से सभी सदस्यों ने एक-दूसरे को बचाने का बहुत प्रयास किया लेकिन मासूम हमजा धुएं की घुटन सह नहीं पाया।
नई दिल्ली । शास्त्री पार्क बुलंद मस्जिद इलाके में रमजान के दिनों हुए दर्दनाक हादसे में दम घुटने से एक घर का चिराग बुझ गया। इस हादसे में दो वर्ष की आयु के बच्चे हमजा की मृत्यु हो गई। हादसे और बच्चे की मृत्यु से परिवार और पड़ोस में मातम छाया हुआ है।
शुक्रवार सुबह छह बजे रोजा शुरू करने से पूर्व सहरी खाकर पूरा परिवार सो गया। इसके बाद अचानक घर में आग लगी और पूरे घर में धुंआ फैल गया। परिवार से सभी सदस्यों ने एक-दूसरे को बचाने का बहुत प्रयास किया, लेकिन मासूम हमजा धुएं की घुटन सह नहीं पाया और उसकी तुरंत मृत्यु हो गई।
पीड़ित नाजमीन ने बताया कि सहरी खाकर वह सो गए थे। करीब साढ़े सात बजे पति अजमत ने उन्हें नींद से उठाया तो उन्होंने देखा पूरे घर में धुंआ छाया हुआ था। इसके बाद उनके पति ने उन्हें उठाया और बेटी सोनी, माहिरा और बेटे फरहान को भी उठाकर बाहर ले गए, लेकिन वह अपने सबसे छोटे बेटे हमजा को उठाना भूल गए। जब तक उसे दोबारा लेने गए उसकी मृत्यु दम घुटने से मृत्यु हो चुकी थी। उनकी बेटी सोनी भी आग में झुलस गई थी, उसका जीटीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
अकबर ने हिम्मत दिखाकर बचाई परिवारवालों-किराएदारों की जान
पीड़ित परिवार 100 गज के पांच मंजिला घर में रहता है। जिसमें हर तल पर तीन कमरे हैं। आग भूतल पर लगी थी। पीड़ित अकबर ने बताया कि यह घर उनके पिता हमजद अली का था। पिता की मृत्यु हो चुकी है और अब यह घर उनके छोटे भाई अजगर के नाम पर है। उनके छह भाई हैं, जिनमें सबसे बड़े वह खुद हैं। दो भाई अन्ना और वसीम जेल में हैं। भाई अजगर की परचून की दुकान है और अजमत गाड़ी चलता है।
भाई के परिवार के अलावा चार कमरों में किराएदार रह रहे थे। हादसे के समय वह भूतल पर पत्नी शबाना और बच्चों के साथ सो रहे थे। उनके बगल वाले कमरे में भाई अन्ना की पत्नी सुमाइला और डेढ़ साल का बेटा अरम सो रहा था। अचानक से सुमाइला आई और उसने बताया कि उसके कमरे में आग गई। उन्होंने सभी लोगों को सुरक्षित घर के बाहर निकाला और खुद बाल्टी भरकर पानी से आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग और बढ़ने लगी।
इसके बाद पूरे घर में धुआं उठने लगा। धुंआ फैलने पर पहली मंजिल पर जाकर भाई अजमत को भी उठाया। अजमत के दो बच्चे माहिरा और फरहान को उठाकर बाहर भी ले गए। उन्हें धुएं के कारण भतीजा हमजा नजर नहीं आया, वरना वह उसे भी बचा लेते। तभी ऊपर से किराएदार और परिवार के बाकि सदस्य भी आ गए, धुएं के कारण किसी को कुछ नजर नहीं आ रहा था। उन्होंने अजमत के साथ मिलकर एक एक करके सभी को बाहर निकलवाया। इसमें कुछ पड़ोसियों ने भी उनकी मदद की।
छत से कूदकर बचाई जान
तीन मृतक और एक घायल सहित आठ किराएदार पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के रहने वाले हैं। पीड़ित किराएदार मकबूल ने बताया कि वह सभी दिल्ली रोजगार की तलाश में आए और यहां ई रिक्शा चलाकर अपनी आजीविका चला रहे थे। हादसे के समय वह लोग तीसरे तल पर सो रहे थे। आग का धुंआ ऊपर पहुंचने पर वह जान बचाने के लिए ऊपर की ओर भागे और छत से पड़ोसी की छत पर कूदकर अपनी जान बचाई। किराएदार जाइरूल नीचे के रास्ते चला गया, जो आग में झुलस गया। जिसका जीटीबी अस्पताल में ईलाज चल रहा था।