Thursday, May 2, 2024
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Manish Sisodia Arrested : अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे ने बिगाड़ दिया मनीष सिसोदिया खेल ?

तीनों आरोपी सरकारी गवाह बनने को हैं तैयार! सीबीआई को दे दिए हैं काफी सुबूत! नष्ट नहीं किये थे मोबाइल और सिम कार्ड !

सी.एस. राजपूत 

आइये आपको बताते हैं कि मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी कैसे हुई ? किन लोगों की वजह से हुई ? कौन लोग हैं जो सरकारी गवाह बनने जा रहे हैं ? कैसे उन्होंने पहले ही कह दिया था कि आज उनकी गिरफ्तारी हो सकती है ?  कैसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 26 तारीख को सुबह ही अंदेशा जता दिया था कि आज मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हो सकती है ? दरअसल असली गेम मोबाइल फोन और सिम कार्ड नष्ट करने का है। 

जानकारी के अनुसार मनीष सिसोदिया द्वारा बनाई गई शराब नीति से जुड़े लोगों के बीच में एक एग्रीमेंट हुआ था। यह एग्रीमेंट यह था कि सबको तीसरे दिन अपने मोबाइल और सिम कार्ड नष्ट करने हैं। मनीष सिसोदिया को यह गलतफहमी थी की सभी लोग अपने मोबाइल फोन और सिम कार्ड नष्ट कर दे रहे हैं पर तीन आरोपी दिनेश अरोड़ा, अमित अरोड़ा और अर्जुन पांडे मनीष सिसोदिया के साथ बड़ा खेल खेल रहे थे। ये तीनों आरोपी अपने मोबाइल और सिम कार्ड नष्ट नहीं करते थे और मनीष सिसोदिया से सब कुछ नष्ट करने की बात बोल देते थे। 

दरअसल मोबाइल फोन और सिम कार्ड नष्ट करने के पीछे यह सोच थी कि कोई भी डिजिटल सबूत न रहे और कभी भविष्य में कोई किसी को ब्लैकमेल न कर सके। बताया जा रहा है कि सिर्फ 6 महीने में 500 मोबाइल फोन बदले गए। अकेले मनीष सिसोदिया के 170 फोन चेंज करने की बात सामने आ रही है 

जब इस टीम पर सीबीआई का शिकंजा कसा गया तो दिनेश अरोड़ा, अमित अरोड़ा और अर्जुन पांडे को लगा कि उनके हाथ से तो टेंडर भी चला गया और उन्होंने जो ₹80 करोड़ रुपये दिए थे वह भी चले गए।  मनीष सिसोदिया मौज कर रहे थे। तब इन तीनों आरोपियों ने सरकारी गवाह बनने की ठानी और काफी सबूत सीबीआई को दे दिए। इन सबूत के आधार पर ही मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी की तैयारी शुरू की गई थी।  

जब 18 मंत्रालय संभालने वाले तत्कालीन डिप्टी सीएम दिल्ली मनीष सिसोदिया को यह बात पता चली कि इन तीनों आरोपियों ने फोन नष्ट नहीं किये हैं तो उनके पैरों की जमीन खिसक गई। यही वजह थी कि जब सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को पूछताछ के लिए बुलाया तो मनीष सिसोदिया ने जानकारी जुटा ली थी कि अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे ने अपना मोबाइल फोन और सिम कार्ड सीबीआई को दे दिया है। मतलब काफी सुबूत सीबीआई के हाथ लग चुके हैं। तो उनकी समझ में आ गया कि अब सीबीआई उन्हें गिरफ्तार करेगी। मतलब 26 फ़रवरी को सुबह जो कुछ अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने किया उसे आप नाटक भी करार दे सकते हैं। इन दोनों को पता चल चुका था कि आज मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हो जाएगी। गिरफ्तारी की पूरी आशंका के चलते ही मनीष सिसोदिया अपनी मां से मिलने गए अपनी बीमार पत्नी का हवाला दिया। राजघाट पर जाकर गांधी के समाधि के आगे माथा टेका।  जो मनीष सिसोदिया हर समय मुस्कुराते रहते थे वह भाषण देते हुए भावुक ऐसे ही नहीं हुए थे ? उन्होंने कहा था कि उनका बेटा यूनिवर्सिटी में पढ़ता है और उनकी पत्नी घर पर अकेली रहती है और बीमार हैं तो उनका ध्यान रखना। तब तक मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी नहीं हुई थी तो वह ऐसी भाषा क्यों बोल रहे थे।वह इतने भावुक क्यों हो रहे थे ? मतलब उनको पता था कि आज उनकी गिरफ्तारी हो जाएगी और यही हुआ 8 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया। 

मनीष सिसोदिया के पास आखिरी हथियार सुप्रीम कोर्ट में जाना था। वह सुप्रीम कोर्ट गए भी। जब उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी कोई राहत नहीं मिली तब जाकर उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। दरअसल सीबीआई के पास पुख्ता सबूत होने की वजह से न केवल पांच दिन की रिमांड मिली बल्कि सुप्रीम कोर्ट न भी मनीष सिसोदिया को कोई राहत नहीं मिली। केजरीवाल की समझ में सब कुछ आज चुका है कि अब खेल बिगड़ चुका है। यही वजह रही कि सत्येंद्र जैन से भी इस्तीफा देने के लिए कह दिया गया। यह बात केजरीवाल की समझ में आ चुकी है कि बिना सजा के अब न तो मनीष सिसोदिया जेल से बाहर आने वाले हैं और न ही सत्येंद्र जैन। यही सब वजह है कि न केवल बीजेपी बल्कि कांग्रेस भी प्रोटेस्ट कर केजरीवाल के इस्तीफे की मांग कर रही है। 

मतलब सभी दलों को बेईमान बताने वाले अब बेईमान साबित होने वाले हैं। देश की राजनीति बदलने का दावा करने वाले खुद गंदली राजनीति करने में मशगूल हो गए। अब मनीष सिसोदिया 5 दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। बीजेपी नेता ऐसे ही नहीं बोल रहे हैं कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ पूरे सबूत हैं। उनको पता है कि तीन आरोपी सरकारी गवाह बनने वाले हैं और उन्होंने काफी सुबूत सीबीआई को दे दिए हैं। समझने वाले 5 दिन की  रिमांड से समझ गए होंगे कि सिसोदिया फंस चुके हैं। 

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