दिल्ली दर्पण टीवी ब्यूरो
नई दिल्ली । उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सीबीआई की गिरफ्त में आने के बाद से दिल्ली सरकार के लिए पैदा हुई मुश्किलों के बीच मंगलवार को सिसोदिया का इस्तीफा हो गया। सिसोदिया के तीन पेज के इस्तीफे के साथ ही करीब नौ माह से जेल में कैद मंत्री सत्येंद्र जैन का त्यागपत्र भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वीकार कर लिया, जिसके बाद दिल्ली में मंत्रियों की संख्या पांच रह गई है।
सिसोदिया के पास जो 18 विभाग थे, उन्हें दो मंत्रियों परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद में बांट दिया गया। गहलोत को वित्त जैसा महत्वपूर्ण विभाग सौंपा गया है, ताकि वह बजट पर काम कर समय से अगले वित्त वर्ष के लिए बजट प्रस्तुत कर सकें। शिक्षा विभाग राजकुमार को दिया गया है। दिल्ली सरकार का कहना है कि जल्द ही सरकार में दो नए मंत्री शामिल किए जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट से भी नहीं मिली राहत
सिसोदिया को रविवार शाम लगातार आठ घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद से ही विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस की ओर से दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी। उधर, सिसोदिया को सीबीआई हिरासत में भेजने के राउज एवेन्यू कोर्ट के निर्णय को चुनौती देते हुए दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी, लेकिन शीर्ष अदालत से राहत नहीं मिली।
पहले से लिखे गए इस्तीफे किए स्वीकार
आम आदमी पार्टी सूत्रों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट से राहत न मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने दोनों मंत्रियों के पहले से लिखे गए इस्तीफे स्वीकार कर लिए। दिल्ली सरकार के अधिकारियों के अनुसार, केजरीवाल ने दोनों इस्तीफे स्वीकार कर राष्ट्रपति को भेजने के लिए उपराज्यपाल वीके सक्सेना के पास भेज दिया है।
AAP ने प्रेसवार्ता में लगाए ये आरोप
देर शाम पार्टी के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय और सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता में कहा कि दिल्ली के दोनों वरिष्ठ मंत्री सिसोदिया और जैन भाजपा की केंद्र सरकार के षड्यंत्रों के कारण जेल में हैं। केंद्र सरकार ने इनके पीछे पड़कर इन्हें झूठे और फर्जी मुकदमों में फंसाया है, लेकिन उन्होंने इस्तीफा इसलिए दिया, ताकि सरकार का कामकाज प्रभावित न हो।
उनकी गैर-मौजूदगी में दिल्लीवालों का काम चलता रहे और दिल्ली वालों को कोई परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार में जल्द दो नए मंत्री बनाए जाएंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चार और पांच मार्च को केजरीवाल के कर्नाटक और छत्तीसगढ़ दौरे से पहले नए मंत्री पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के बाद सरकार में सिसोदिया ही सबसे कद्दावर नेता थे। उनके पास दिल्ली सरकार के कुल 33 में से 18 विभाग थे। सिसोदिया की गिरफ्तारी के बाद सबसे बड़ी दिक्कत यही थी कि उनके काम कौन संभालेगा।
सिसोदिया के पास शिक्षा, लोक निर्माण, वित्त, आबकारी जैसे सबसे अहम विभाग थे और जैन के तिहाड़ जाने के बाद उनके विभाग भी सिसोदिया संभाल रहे थे, जिनमें स्वास्थ्य, उद्योग, बिजली, गृह, सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण और जल संसाधन जैसे मंत्रालय प्रमुख थे। जैन को विगत वर्ष मई माह में मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। फरवरी 2020 में मुख्यमंत्री केजरीवाल के अपने सभी विभाग छोड़ दिए थे। ये सभी विभाग भी सिसोदिया ही देख रहे थे।
कैलाश गहलोत को मिले ये विभाग-
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry)
योजना (Planning)
लोक निर्माण विभाग (Public works Ministry)
शक्ति मंत्रालय (Power Ministry)
गृह मंत्रालय (Home Ministry)
शहरी और विकास मंत्रालय (Urban and Development Ministry)
सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण (Irrigation & flood Control Ministry)
पानी मंत्रालय (Water Ministry)
राज कुमार आनंद को मिले ये विभाग-
शिक्षा विभाग (Education Ministry)
भूमि और भवन विभाग (Land & Building Ministry)
जागरूकता विभाग (Vigilance Ministry)
सेवाएं (Services)
पर्यटन (Tourism)
कला संस्कृति और भाषा (Art Culture & Language)
श्रम मंत्रालय (Labour Ministry)
रोजगार मंत्रालय (Employment)
स्वास्थ्य विभाग (Health Department)
औद्योगिक (Industries Ministry)
मंगलवार की शाम को दिल्ली के दो मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने शाम को अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों का इस्तीफा भी मंजूर कर लिया है। बता दें कि मनीष सिसोदिया को सीबीआई ने दिल्ली की नई आबकारी नीति (2021-22) घोटाला मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश करने के बाद अदालत ने उन्हें पांच दिन (4 मार्च तक) की सीबीआई रिमांड में भेज दिया था। वहीं, सत्येंद्र जैन को 30 मई को गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह तिहाड़ जेल में बंद हैं।