Arvind Kejriwal in Delhi Assembly दिल्ली विधान सभा को सोमवार को एक विशेष सत्र बुलाया गया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए एक कहानी सुनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा।
नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन में हो रही चर्चा में भाग लेते हुए एक कहानी सुनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। कहानी का शीर्षक था चौथी पास राजा। उन्होंने कहा कि इस कहानी में केवल राजा था और रानी नही थी। उन्होंने कटाक्ष किया कि चौथी कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद लड़के ने पढ़ाई छोड़ दी, चाय की दुकान पर नौकरी कर ली। फिर वह राजा भी बन गया, मगर पढ़ा लिखा नही था सो उसे इस बात की तकलीफ होने लगी कि कम पढ़ा हूं, इसलिए उसने फर्जी डिग्री ले ली।
नोटबंदी कर दी और तीन कृषि कानून ले आया और जनता को तबाह कर दिया। फिर उसे लगा कि पैसा तो कमाया नहीं, इसके लिए क्या किया जाए, उसने अपने दोस्त को बुलाया और उसकी कंपनियों में पैसा लगाया। इन्हें राजा के इशारे पर बैंकों से 10 हजार करोड़ का लोन दिया गया, फिर देश की संपत्तियां खरीदी। किसी ने कुछ बोला तो उसे जेल में डाल दिया
खुद के बारे में क्या बोले केजरीवाल?
उसी राज्य में एक छोटा राज्य था, उस राज्य का मुख्यमंत्री कट्टर ईमानदार था, पढ़ा लिखा था, उस मुख्यमंत्री ने बिजली मुफ्त कर दी। उसने अपने स्कूल ठीक कर दिए, तो राजा ने उसे हड़काया। मगर जब लोगों को पता चला कि राजा अनपढ़ और भ्रष्टाचारी है तो उसे उखाड़ कर फेंक दिया गया और ईमानदार व्यक्ति को इस पद पर बैठाया गया।
बुलाया गया था विशेष सत्र
दिल्ली विधानसभा का सोमवार (17 अप्रैल) को स्पेशल सत्र बुलाया गया। इसको लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार और एलजी आमने-सामने आ गए। सदन में ‘आप’ विधायक एलजी वीके सक्सेना पर खूब बरसे। सत्र बुलाने पर एलजी की आपत्ति और उनके द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लिखी गई चिट्टी मीडिया में लीक होने पर सत्ता पक्ष के विधायकों ने न सिर्फ उन्हें कठघरे में खड़ा किया बल्कि उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लगाए।