Satyapal Malik : सत्यपाल मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि, आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे। वहां पर जैसे ही सत्यपाल मलिक पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। वहां पर टेंट गिरा दिया गया…
जम्मू-कश्मीर सहित चार प्रदेशों के राज्यपाल रहे ‘सत्यपाल मलिक’ को दिल्ली पुलिस द्वारा आरके पुरम थाने में रोका गया है। हालांकि डीसीपी साउथ-वेस्ट ने उनकी गिरफ्तारी से इनकार किया है। बताया जा रहा है कि उनके दर्जनों समर्थक भी थाने में बैठाए गए हैं। शनिवार को 12 बजे जैसे ही पूर्व राज्यपाल को थाने में ले जाया गया तो कई राज्यों से खाप पंचायतों के प्रतिनिधि थाने के बाहर एकत्रित होने लगे। किसी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ की तैनाती की गई है।
दरअसल सत्यपाल मलिक का सम्मान करने के लिए हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खाप प्रतिनिधि आरके पुरम के सेक्टर-12 स्थित सेंट्रल पार्क में एकत्रित हुए थे।वहाँ पर जैसे ही सत्यपाल मलिक पहुंचे, दिल्ली पुलिस ने उन्हें कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। वहां पर टेंट गिरा दिया गया। खाप प्रतिनिधियों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी। वह सामान भी इधर-उधर बिखरा पड़ा था। पुलिस ने कहा, पार्क में आयोजन की मंज़ूरी नहीं ली गई थी।
डीसीपी साउथ-वेस्ट के मुताबिक सत्यपाल मालिक के बेटा और बेटी आरके पुरम इलाके में रहते हैं। सत्यपाल मलिक भीड़ के साथ एक पार्क मीटिंग कर रहे थे, जिसकी वजह से जब पुलिस ने उनसे पूछा कि सार्वजनिक जगह पर मीटिंग की परमिशन है, तो उन्होंने कहा नहीं है, जिसके बाद सत्यपाल मालिक अपनी कार से थाने आए। पुलिस ने न तो उन्हें बुलाया और न ही हिरासत में लिया है।
दरअसल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले 14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। उस हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। सत्यपाल मलिक, उस वक्त जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे। उन्होंने अपने साक्षात्कार में कहा कि प्रधानमंत्री को कश्मीर के बारे में ‘गलत जानकारी’ है। वे वहां से ‘अनभिज्ञ’ हैं। सत्यपाल मलिक ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा, केंद्रीय गृह मंत्रालय की चूक के कारण फरवरी 2019 में पुलवामा में जवानों पर घातक हमला हुआ, मुझे (सत्यपाल मलिक) उसके बारे में बोलने से मना किया था। सत्यपाल मलिक ने कहा, सीआरपीएफ ने एयरक्राफ्ट की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विमान देने से इनकार कर दिया था। सड़क मार्ग पर प्रभावी ढंग से सुरक्षा इंतजाम नहीं थे।
बतौर सत्यपाल मलिक, वह हमला गृह मंत्रालय की ‘अक्षमता और लापरवाही’ का नतीजा था। उस समय राजनाथ सिंह गृह मंत्री थे। मलिक ने कहा, उन्होंने इन सभी चूकों को प्रधानमंत्री के समक्ष उठाया। पुलवामा हमले के दौरान प्रधानमंत्री कॉर्बेट पार्क में थे। जब पीएम से बात हुई तो उन्होंने इस बारे में चुप रहने और किसी को न बताने के लिए कहा था। एनएसए अजीत डोभाल ने भी उन्हें चुप रहने और इस बारे में बात न करने के लिए कहा। मलिक ने कहा, उन्हें फौरन एहसास हुआ कि यहां इरादा पाकिस्तान पर दोष मढ़ना और सरकार और भाजपा के लिए चुनावी फायदा पाना था।