कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शराब घोटाले को फर्जी दिया करार
चरण सिंह राजपूत
दिल्ली के शराब घोटाले में एक नया मोड़ आ गया है। आम आदमी पार्टी ने इसे पूरी तरह से फर्जी करार दे दिया है। बाकायदा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पत्रकार वार्ता कर शराब घोटाले को फर्जी बताते हुए इसे बीजेपी का षड्यंत्र बताया है। अरविन्द केजरीवाल का कहना है कि बीजेपी का आरोप है कि साउथ लॉबी से केजरीवाल सरकार ने 100 करोड़ रुपए लिए हैं। केजरीवाल का कहना है कि पर ईडी ने 30 करोड़ की बात की तथा राजेश जोशी के 30 करोड़ रुपए मनीष सिसोदिया को लाकर देने की बात कही।
केजरीवाल का कहना है कि अब 7 मई को कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसके अनुसार राजेश जोशी के 30 करोड़ रुपए मनीष सिसोदिया को लाकर देने का कोई सुबूत नहीं मिला है। केजरीवाल ने ईडी को झूठा करार देते हुए उस पर मुकदमा चलाने की बात की है। ऐसे में प्रश्न उठता है कि यदि केजरीवाल कोर्ट के आदेश का इतना ही हवाला दे रहे हैं तो फिर कोर्ट मनीष सिसोदिया को जमानत क्यों नहीं दे रहा है। क्यों सत्येंद्र जैन को जमानत नहीं मिल रही है ? जब केजरीवाल बिना किसी के जेल जाने के बावजूद उसे भ्रष्ट बता सकते हैं तो फिर जब केजरीवाल के दो मंत्री रहे नेता जेल में क्यों हैं ?
जमीनी हकीकत यह है कि राजनीति बदलने का दावा करने वाले केजरीवाल खुद बदल गए हैं। जो केजरीवाल बंगले, गाड़ी कल्चर के घोर विरोधी थे वही केजरीवाल अब राजा महाराजा वाली जिंदगी जी रहे हैं। अपने घर के सौंदर्यीकरण करा रहे हैं। मेट्रो से चलने का ड्रामा करने वाले केजरीवाल अब लग्जरी गाड़ी से चल रहे हैं।
इन्हीं सब बातों के लिए जिन नेताओं के बलबूते आम आदमी पार्टी बनाई उन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
देखने की बात यह है कि जन सरोकार की बात करने वाले केजरीवाल के सामने जब जनहित के मुद्दे उठाने के लिए कुमार विश्वास और आशुतोष को राज्यसभा भेजने की बात आई तो उन्होंने अपने दो स्वजातीय बंधुओं को राज्यसभा भेज दिया। बताया जाता है कि इन दोनों लोगों से केजरीवाल ने मोटा पैसा लिया था। कहना गलत न होगा कि आज की तारीख में जितना केजरीवाल दूसरे दलों को भ्रष्ट बताते रहे हैं उससे कहीं अधिक भ्रष्ट केजरीवाल की टीम हो गई है। प्रशांत भूषण, योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास, प्रो आनंद कुमार, मेधा पाटकर, किरण बेदी जैसे नेता आम आदमी पार्टी से अलग क्यों हो गए ?