अंतरराज्यीय है यह लूटपाट करने और डकैती डालने वाला यह गिरोह, रेलवे कंटेनर और माल से डकैती/चोरी के कई मामले किये गए हैं दर्ज, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश तक फैला है गिरोह
पुलिस कमिश्नर सागर सिंह कलसी ने पत्रकार वार्ता कर बताया कि स्पेशल स्टाफ व थाने तिमारपुर की संयुक्त टीम ने डकैती डालने और लूटपाट की वारदात को अंजाम देने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तिमारपुर थाने में लूटपाट का मामला 24 घंटे के भीतर सुलझा लिया गया है। इस मामले में वाहनों की बरामदगी भी हो गई है।अपराध में प्रयुक्त और लुटा गया सामना भी बरामद कर लिया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि 22 मई को दोपहर लगभग 12:30 बजे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में पड़ने वाली खोड़ा कॉलोनी का प्रदीप कुमार डी-वैन नंबर DL-51GD-35XX में मार्लबोरो सिगरेट के 30 कार्टन की खेप क्लाउड नाइन बैंक्वेट हॉल, गाजियाबाद विजय नगर में पहुँचाने जा रहा था कि उसे इंटरसेप्ट किया गयाऔर एक मारुति एर्टिगा कार क्रमांक DL-5CT-31XX ने सिग्नेचर ब्रिज, थाना तिमारपुर के इलाके में रुकने के लिए मजबूर किया गया। इसके तुरंत बाद के कब्जे वाले उक्त मारुति एर्टिगा कार निकली और उसके साथ उसमें बैठा व्यक्ति उनकी कार के डी-वैन से टकराने के बहाने बहस करने लगा और उसकी गाड़ी की चाबी जबरदस्ती निकाल ली। ये लोग प्रदीप कुमार को जबरन अपनी अर्टिगा कार में ले गए और साथ ही उसका मोबाइल फोन छीन लिया। उनमें से एक व्यक्ति डी-वैन ले गया। पहले उसे करनाल बाइपास की ओर ले जाया गया और बाद में नरेला में कहीं सुनसान जगह कार से बाहर फेंक दिया गया। उन्होंने पुलिस से संपर्क किया। प्रदीप कुमार के मामले में तिमारपुर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि उत्तरी जिले के श्री के रमेश के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी गई। इस टीम अतिरिक्त। DCP-II/उत्तरी जिला और मनोज कुमार मीणा। मामले को सुलझाने के लिए अधोहस्ताक्षरी के गहन मार्गदर्शन के साथ DCPI/North:
श्री के समग्र पर्यवेक्षण के तहत विशेष स्टाफ, उत्तरी जिला की टीम धर्मेंद्र कुमार एसीपी ऑपरेशंस सेल जिसमें इंस्पेक्टर, मलिक, एसआई रोहित सारस्वत, एसआई संजीवन, एसआई हरि ओम, एएसआई हर फूल, एएसआई विनोद कुमार, एएसआई जगोम, एएसआई हरसिकंदर, एचसी सुरेंद्र, एचसी भरत, एचसी देवेंद्र, एचसी राकेश, एचसी आकाश, एचसी विनीत को शामिल किया गया।
सुश्री अलका की कड़ी निगरानी में थाना तिमार की टीम लाहौरी गेट की टीम। उधर विजय सिंह, एसीपी/कोतवाली सहित इंस्पेक्टर। विजेंद्र राणा, एसएचओ/लाहौरी गेट और उसके कर्मचारी की टीम बनाई गई। जाँच के आधार पर एक मार्ग चिह्नित किया गया था जिस पर सीसीटीवी के कई फुटेज का विश्लेषण किया गया था। इस विश्लेषण के दौरान पाया गया कि डी-वैन उक्त द्वारा पीछा किया गया था
मारुति अर्टिगा कार। वह स्थान जहाँ लूट की खेप उतारी गई थी और आरोपी व्यक्तियों द्वारा दूसरे वाहन में लादकर अपने स्थान पर शिफ्ट किया जा रहा था पहचान की। मारुति एर्टिगा का स्वामित्व प्राप्त किया गया और पाया गया
मो. अकबर के नाम से पंजीकृत है, लेकिन उक्त पता नहीं हो सका अपूर्ण होने का पता लगाया। तकनीकी सहायता के आधार पर कुछ अन्य पते इनमें से कुछ दिल्ली में और कुछ गाजियाबाद, यूपी में पहचाने गए।
इसके बाद पुलिस की टीमें वहां भेजी गईं और छापेमारी की गई। कहा कार के साथ पंजीकृत समान प्रकृति के एक आपराधिक मामले में शामिल पाया गया था। रेलवे कर्मचारियों के निरंतर और अथक प्रयासों से इसकी पहचान करने में मदद मिली आरोपी व्यक्तियों और उसके बाद एक द्वारा प्रदान किए गए इनपुट की मदद से किंगपिन मोहम्मद अकबर को पकड़ने के लिए तैनात सूत्रों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद मो. अकबर योजना का खुलासा किया।